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पावर पंपिंग (Power Pumping) कैसे मददगार है मां और बच्चे के लिए जानें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/03/2022

    पावर पंपिंग (Power Pumping) कैसे मददगार है मां और बच्चे के लिए जानें

    आप ये तो जानते ही होंगे कि ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) बेबीज को कई प्रकार के इंफेक्शन जैसे कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Respiratory tract infection), ईयर इंफेक्शन (Ear infection), यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection) और यहां तक कि चाइल्डहुड ओबेसिटी से भी बचाने में मदद करती है। इसके फायदे तो कई हैं, लेकिन सभी महिलाएं शिशु को पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्टफीड नहीं करा पाती। कभी मिल्क नहीं बनने की परेशानी होती है तो कभी सप्लाई बीच में ही कम या बंद हो जाती है। ऐसे में पावर पंपिंग (Power Pumping) फायदेमंद हो सकती है। इस आर्टिकल में पावर पंपिंग (Power Pumping) की टेक्नीक और इसके फायदों के बारे में बताया जा रहा है।

    पावर पंपिंग (Power Pumping) क्या है?

    पावर पंपिंग एक ऐसी टेक्नीक है जिसे क्लस्टर फीडिंग की ही तरह डिजाइन किया गया है। यह बॉडी को अधिक ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन के लिए प्रोत्साहित करती है। क्लस्टर फीडिंग में ब्रेस्टफीड करने वाला बच्चे को सामान्य से अधिक बार-बार दूध पिलाना पड़ता है। इसलिए हर 3 घंटे में एक बार में पूरा दूध पिलाने की बजाय बच्चे को हर दिन कुछ घंटों में दो या तीन बार दूध पिलाया जाता। चूंकि आपका शिशु अधिक बार दूध पी रहा है तो शरीर स्वाभाविक रूप से दूध की आपूर्ति बढ़ाकर मांग को पूरा करता है।

    पावर पंपिंग (Power Pumping) टेक्निक भी ऐसे ही रिजल्ट देती है। इस टेक्निक का विचार यह है कि प्रत्येक दिन एक निर्धारित समय सीमा के भीतर अधिक बार पंप करें ताकि आपका शरीर स्वाभाविक रूप से दूध की आपूर्ति बढ़ा सके।

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    पावर पंपिंग की जरूरत कब होती है? (When is power pumping needed?)

    क्लस्टर फीडिंग की तरह ही पावर पंपिंग (Power Pumping) स्ट्रेटजी बॉडी को यह संदेश भेजती है कि आपके बेबी के लिए अधिक मिल्क की जरूरत है। अगर महिला मिल्क सप्लाई को बढ़ाना चाहती है और उसे लगता है कि प्रोडक्शन कम हो रहा है तो कुछ दिन तक पावर पंपिंग टेक्निक का इस्तेमाल मदद कर सकता है। पावर पंपिंग से आपूर्ति को बढ़ावा देना लगभग किसी भी सेनेरियो में मददगार हो सकता है। जब लगे कि मिल्क सप्लाई का आउटपुट गिर रहा है या यह उतना नहीं है जितने की आपको जरूरत है। तो पावर पंपिंग (Power Pumping) की मदद ली जा सकती है। इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • मिल्क सप्लाई स्लो है
  • आप उस अवधि के दौरान महिला मिल्क सप्लाई को बनाए रखने की कोशिश कर रही है, जहां आप सामान्य रूप से नर्सिंग नहीं कर रही हैं, जैसे कि यदि आप या आपका बच्चा बीमार हैं या आपका बच्चा अस्थायी नर्सिंग हड़ताल पर है।
  • आप ऐसी दवा ले रही हैं जिससे मिल्क सप्लाई कम हो रही है।
  • आप काम पर वापस जा रही हैं।
  • आपका शिशु ठोस आहार लेना शुरू कर रहा है और कम दूध पी रहा है।
  • आप अपने बच्चे को फार्मूला खिलाने के बाद नर्सिंग को फिर से शुरू करने या बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
  • यदि महिला बच्चे को गोद ले रही है या सरोगेसी बाद बच्चे की उम्मीद कर रही है और स्तनपान कराने की कोशिश कर रही हैं।
  • पावर पंप कैसे करें? (How to power pump)

    पावर पंपिंग रेगुलर पपिंग की ही तरह है। बस इसमें अगल शेड्यूल को फॉलो करना पड़ता है। हर तीन घंटे में दूध पिलाने की जगह आपको एक घंटे के दौरान थोड़ा-थोड़ा दूध पिलाना होगा। पावर पंपिंग (Power Pumping) की टेक्निक थोड़ी मुश्किल नजर आती है और इसे मैनेज करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसे लंबे समय तक नहीं करना होता है। कुछ महिलाएं पावर पंपिंग सेशन को तीन से सात दिन तक अप्लाई करने के बाद ही मिल्क सप्लाई में पॉजिटिव इफेक्ट को महसूस करती हैं। जब ऐसा होता है तो मां अपने रेगुलर शेड्यूल को दोबारा फॉलो कर सकती है।

    पावर पंपिंग को स्टार्ट करने के लिए निम्न को फॉलो करें:

    • 20 मिनट के लिए पंप करें
    • 10 मिनट आराम करें
    • 10 मिनट के लिए पंप करें
    • 10 मिनट आराम करें
    • अंतिम 10 मिनट के लिए पम्प करें

    शेष दिन के लिए, आप की तरह सामान्य रूप से पंप या नर्स करें।

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    पावर पंपिंग सैम्पल शेड्यूल (Power pumping sample schedule)

    पावर पंपिंग का बेस्ट टाइम वह है जब आप इसे अपने शेड्यूल में फिट करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कई महिलाओं को सबसे अधिक सफलता सुबह के समय मिलती है, जब उनकी मिल्क सप्लाई स्वाभाविक रूप से अधिक होती है। यदि आप कर सकती हैं, तो दिन के अपने पहले नर्सिंग सेशन के एक घंटे बाद और अपने अगले नर्सिंग (या पंपिंग) सेशन से कम से कम एक घंटे पहले पावर पंपिंग (Power Pumping) सेशन को रखने का प्रयास करें।

    जो निम्न प्रकार हो सकता सकता है:

    • सुबह 6:30 से 7:00 बजे तक: बच्चा उठता है ( दिन का पहला पंपिंग सेशन)
    • सुबह 8:00 बजे से सुबह 8:20 बजे तक: पावर पंप
    • सुबह 8:20 से 8:30 बजे तक: रेस्ट
    • सुबह 8:30 बजे से सुबह 8:40 बजे तक: पावर पंप
    • सुबह 8:40 बजे से सुबह 8:50 बजे तक: रेस्ट
    • सुबह 8:50 से 9:00 बजे तक: पावर पंप

    क्या मुझे पावर पंपिंग (Power pumping) को आजमाना चाहिए?

    पावर पंपिंग (Power pumping))

    पावर पंपिंग करने से पहले, उन कारणों पर विचार करें जिनकी वजह से मिल्क सप्लाई गिर सकती है। जांच करें कि कहीं आपके ब्रेस्ट पंप में कोई समस्या तो नहीं है, जैसे किसी हिस्से का टूटना या खराब सक्शन। सामान्य टूट-फूट एक पंप को अप्रभावी बना सकती है। सामान्य नियम के अनुसार, यदि आप अपने स्तन पंप का बार-बार उपयोग कर रही हैं और यह एक वर्ष से अधिक पुराना है, तो यह देखने के लिए इसे बदलें कि क्या इससे मिल्क सप्लाई बढ़ रही है।

    पावर पंपिंग (Power Pumping) से पहले, डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने पर विचार करें। हो सकता है कि आप स्तनपान कर रही हों या गलत तरीके से पंप कर रही हों और परिणामस्वरूप, आपके बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा हो। बेबी के लैच या आपके पंपिंग रूटीन में कुछ सरल परिवर्तन आपके लिए आवश्यक हो सकते हैं।

    मिल्क सप्लाई ठीक से ना होने के संकेतों में बच्चे का वजन नहीं बढ़ना या वजन कम होना या पर्याप्त गीले और गंदे डायपर नहीं होना शामिल है। कई सामान्य शिशु व्यवहार, जैसे बार-बार दूध पिलाना या बच्चे का ऊधम मचाना, माता-पिता को यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि दूध की आपूर्ति कम है, लेकिन जब तक बच्चे का लगातार वजन बढ़ा रहा है और उसके डायपर गीले और गंदे हो रहे हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि उसे उतना मिल्क मिल रहा है जितने की उसको आवश्यकता है।

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    किन महिलाओं को पावर पंपिंग नहीं करना चाहिए? (Which Women Should Not Do Power Pupping?)

    जिन महिलाओं को दूध की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं है, उन्हें पावर पंप नहीं करना चाहिए। यह स्तन के दूध की अधिक आपूर्ति का कारण बन सकता है जहां स्तन बहुत अधिक दूध का उत्पादन करते हैं। इससे स्तनों में सूजन और दर्द हो सकता है जिससे बच्चे के लिए स्तनपान करना मुश्किल हो जाता है।

    यदि आपके बच्चे का पहले से ही क्लस्टर फीडिंग का पैटर्न है और आप उस दौरान स्तनपान करने में सक्षम हैं, तो पावर पंपिंग (Power Pumping) से बचें। यह शेड्यूल अपने आप में स्वाभाविक रूप से आपके स्तन दूध की आपूर्ति को बढ़ाएगा। साथ ही, आपके बच्चे द्वारा क्लस्टर फीडिंग पम्पिंग की तुलना में अधिक कुशल होगी।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको पावर पंपिंग (Power Pumping) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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