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ब्रेस्ट मिल्क हो सकता है बेबी एक्ने का असरदार इलाज, ऐसे करें उपयोग

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/12/2021

    ब्रेस्ट मिल्क हो सकता है बेबी एक्ने का असरदार इलाज, ऐसे करें उपयोग

    मुहांसों (Acne) की समस्या से सिर्फ किशोर और वयस्क ही परेशान नहीं रहते। इससे नवजात शिशु भी प्रभावित हो सकते हैं। ये अक्सर शिशु के गालों, ठोड़ी या पीठ पर दिखाई देते हैं। ये छोटे-छोटे लाल या सफेद रंग के दाने की तरह होते हैं और बच्चे के जन्म के कुछ हफ्तों या महीनों के बाद दिखाई देते हैं। शिशु को होने वाले ये मुंहासे स्थाई नहीं होते हैं और समय के साथ ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन अगर आपको ये शिशु के चेहरे पर अच्छे नहीं लग रहे हैं तो आप ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) कर सकती हैं। यह शिशु के मुंहासों के इलाज का प्रभावी तरीका है।

    बेबी एक्ने का कारण क्या है? (Causes of baby acne)

    शिशु के मुंहासे 4-6 महीने तक रह सकते हैं। सभी बच्चों को मुंहासों की समस्या हो ऐसा जरूरी नहीं है, लेकिन यह नवजात में होने वाली कॉमन स्किन कंडिशन है। यह 6 हफ्ते के 20 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करती है। इसका कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ थ्योरीज के अनुसार मेटरनल हॉर्मोन्स (Maternal hormones) शिशुओं में मुंहासे का कारण बनते हैं। शिशुओं को गर्भ में कई प्रकार के हॉर्मोन फ्लैक्चुएशन (Hormone Fluctuation) का सामना करना पड़ता है। वहीं जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी हॉर्मोन के उतार-चढ़ाव से शिशु गुजरते हैं।

    इसके अलावा बेबी एक्ने का दूसरा कारण ये भी है कि उनकी स्किन बेहद सेंसटिव होती है और उनके पोर्स आसानी से ब्लॉक हो सकते हैं जो एक्ने का कारण बनते हैं। वहीं कुछ का मानना है कि शिशु की स्किन में मौजूद यीस्ट एक्ने को ट्रिगर करता है।

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    ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk)

    शिशु के लिए ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) किया जा सकता है। यह एक प्रकार का घरेलू नुस्खा है। इसको लेकर किसी प्रकार के साइंटिफिक एविडेंस नहीं हैं। हालांकि, ब्रेस्ट मिल्क में एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज (Antimicrobial properties) होती हैं। इसका मतलब यह है कि यह कुछ प्रकार के माइक्रोब्स (Microbes) जैसे कि बैक्टीरिया को कम करने के साथ ही उन्हें मार सकता है।

    इसलिए यदि बैक्टीरिया के कारण शिशु की स्किन पर मुंहासे हो रहे हैं, तो ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आपको शिशु की स्किन को ब्रेस्ट मिल्क के साफ करना होगा। यह बैक्टीरिया को मारने के साथ ही दूसरी गंदगी को निकालने में मदद करेगा। जिससे ब्लॉक पोर्स की समस्या नहीं होगी। ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) ही नहीं किया जाता ब्लकि ये स्किन की खुजली और एक्ने के कारण होने वाली सूजन में भी आराम प्रदान करता है।

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    शिशु के लिए ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk)

    ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज कैसे करें? (How to treat acne with breast milk?)

    शिशु के लिए ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) बेहद आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए महिलाएं ब्रेस्ट मिल्क की कुछ बूंदे शिशु के चेहरे पर डाल सकती हैं। वे चाहें तो साफ उंगली से ब्रेस्ट मिल्क को शिशु के चेहरे पर अप्लाई कर सकती हैं या फिर एक साफ कॉटन को ब्रेस्ट मिल्क में डुबोए और इसे बेबी के एक्ने वाली स्किन पर जेंटली रब करें। चूंकि ब्रेस्ट मिल्क नैचुरल और जेंटल है, तो इस रेमेडी का उपयोग दिन में दो से तीन बार भी किया जा सकता है।

    डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?

    वैसे तो शिशु के मुंहासे कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर ये कई महीनों तक बने रहें और घरेलू उपायों का इन पर कोई असर नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं। डॉक्टर ऐसे में मेडकेटेड क्रीम लिख सकते हैं, लेकिन ओवर द काउंटर दवाओं का उपयोग ना करें। इनमें मौजूद इंग्रीडिएंट बच्चे की स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बेबी एक्ने एक्जिमा, रैशेज और एलर्जिक रिएक्शन, से मिलते-जुलते भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको इस बारे में चिंता हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सही होगा।

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    ब्रेस्ट मिल्क के अन्य उपयोग (Breast milk other uses)

    ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज तो किया ही जा सकता है। इसके अलावा भी ब्रेस्ट मिल्क के अनोखे फायदे हैं। इसकी कुछ बूंदे निम्न कंडिशन में राहत दिला सकती हैं।

    शिशुओं को एक्ने से बचाने के उपाय (Tips to protect babies from acne)

    ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) किया जा सकता हैं, लेकिन कुछ ऐसे टिप्स भी हैं जो बच्चे को एक्ने से बचाने में मदद करते हैं। जानते हैं उनके बारे में भी।

    बेदिंग और क्लीनिंग (Bathing and cleaning) का ध्यान रखें

    नवजात शिशुओं को रोज नहलाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन आप उन्हें हफ्ते में दो बार गर्म पानी और बेबी सोप (Baby soap) के जरिए क्लीन जरूर कर सकते हैं। इससे उनकी स्किन साफ हो जाती है और पोर्स (Pores) भी क्लीन हो जाते हैं। जिससे मुंहासों से बचाव होता है। एक बात का ध्यान रखें कि शिशु की स्किन पर माइल्ड और जेंटल सोप का उपयोग करें। इसके बारे में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

    बच्चों की स्किन पर लोशन ना लगाएं (Don’t use lotion)

    बंद पोर्स एक्ने का कारण बनते हैं इसलिए बच्चों की स्किन पर ऐसी कोई क्रीम या लोशन ना लगाए जो बच्चों की त्वचा के लिए डिजाइन नहीं की गई हो। ऐसे बेबी लोशन का चुनाव करें जो फ़्रेग्रन्स फ्री और ज्यादा चिपचिपा ना हो। इससे शिशु की स्किन में इरीटेशन (Skin irritation) हो सकता है।

    मुंहासों को नोचें नहीं (Don’t scrub bumps)

    शिशु को नहाते समय या ब्रेस्ट मिल्स के मुहांसों का इलाज करते वक्त मुंहासों को छेड़ें नहीं। मुंहासे को छेड़ने से बेबी को चोट पहुंच सकती है। यह स्किन इंफेक्शन का कारण भी बन सकता है। शिशु अपने हाथों से मुंहासे को खरोंचें नहीं इसका भी ध्यान रखें। इसके लिए उनके हाथों में दस्ताने पहनाएं। साथ ही नाखूनों को भी ट्रिम करके रखें।

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    नवजात शिशु की देखभाल करते वक्त इन बातों का भी रखें ख्याल

    ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk)

  • शिशु को हाथ में लेने या उसके साथ खेलने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
  • कई बार आपके हाथ के बैक्टीरिया बच्चों की स्किन तक पहुंच जाते हैं जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के साथ ही स्किन इंफेक्शन (Skin infection) का कारण बन सकते हैं।
  • कई बार बच्चे को होने वाले रैशेज (Baby rashes) नॉर्मल नहीं होते। ये स्किन इंफेक्शन का संकेत हो सकते हैं। इसलिए इनको इग्नोर ना करें।
  • बेबी पाउडर को लगाते वक्त उसे हवा में उड़ाकर नहीं। अपने हाथ पर रखकर फिर बेबी की स्किन पर लगाएं। हवा में उड़ाने से यह बेबी के फेफड़ों में जाकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
  • उसे हाथ में उठाते वक्त गर्दन और सिर को पूरा सपोर्ट दें। उसे बिस्तर पर लेटाते वक्त भी ऐसा ही करें। इससे शिशु के गिरने का रिस्क कम होता है।
  • बच्चे को जोर हिलाएं नहीं। शेकिंग (Shaking) ब्रेन में ब्लीडिंग और डेथ तक का कारण बन सकती है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
  • उम्मीद करते हैं कि आपको ब्रेस्ट मिल्क से मुंहासों का इलाज (Acne treatment with breast milk) कैसे किया जाता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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