चिकनपॉक्स (Chickenpox)
चिकनपॉक्स वेरिसेला-जोस्टर वायरस (Varicella-Zoster Virus) के कारण होने वाला एक बहुत ही संक्रामक संक्रमण है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। चिकनपॉक्स होने पर अधिकांश बच्चों को हल्के लक्षण देखने को मिलते हैं। यह लक्षण आमतौर पर खुजली, छाले जैसे दाने होते हैं। बच्चों का स्वास्थ्य (Kid’s Health) के लिए इस रोग के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
और पढ़ें: कौन सी हैं बच्चों के लिए जरूरी वैक्सीन?
खसरा (measles)
खसरा एक वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है। खसरे को वैक्सीन से रोका जा सकता है। खसरे के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर खांसी, नाक का बहना, तेज बुखार और आंखों का लाल होना है।
मम्प्स (Mumps)
कण्ठमाला यानी मम्प्स एक वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है। यह आमतौर पर बच्चों में अधिक गंभीर नहीं होता। इसके सामान्य लक्षणों में गाल और मुंह में ग्रंथियों की सूजन शामिल है। अन्य लक्षणों में बात करने और चबाने में समस्या, कान दर्द और बुखार शामिल हैं।
रूबेला (Rubella)
रूबेला एक वायरल बीमारी है जो हल्के बुखार और त्वचा में दाने होने से शुरू होती है। इसमें हल्का बुखार, बहती नाक और दस्त भी हो सकते हैं। इसके उपचार में आराम करना और बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करना शामिल हैं।
डिप्थीरिया (Diphtheria)
डिप्थीरिया एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आसानी से फैलता है। यह मुख्य रूप से नाक और गले को प्रभावित करता है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को संक्रमण का खास जोखिम होता है।
पोलियो (Polio)
पोलियो मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। हालांकि, जिस बच्चे को इसका टीका नहीं लगा होता है, उसमे इस बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक रहता है। पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में लकवा हो सकता है।
HFMD (Hand, Foot and Mouth Disease)
हाथ-पैर-मुंह की बीमारी छोटे बच्चों में संक्रामक वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है। इसके लक्षण हैं मुंह में घाव और हाथों और पैरों रैशेज का होना शामिल है। यह रोग आमतौर पर एक कॉक्सैसिएवायरस (Coxsackievirus)के कारण होता है।
पैरासाइट इन्फेक्शन (Parasite Infection)
पैरासाइट इन्फेक्शन सभी उम्र के बच्चों में हो सकता है। शिशुओं, बच्चों को जीयार्डियासिस (giardiasis) नामक परजीवी रोग का खतरा होता है। जो दस्त का कारण बनता है और दूषित मल के माध्यम से फैलता है। बीमार होने वाले बच्चों में पतले दस्त, थकान और मतली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
इन्फ्लुएंजा (Influenza)
इन्फ्लुएंजा (फ्लू) श्वसन तंत्र का एक बहुत ही संक्रामक वायरल संक्रमण है। इसके लक्षण है अधिक बुखार, शरीर में दर्द, खांसी आदि। इन्फ्लुएंजा के कारण अधिकांश बच्चे एक सप्ताह या इससे कम समय तक फ्लू से पीड़ित रहते हैं। लेकिन कुछ बच्चों में अगर यह समस्या अधिक गंभीर बीमारी हो जाए तो उन्हें अस्पताल में भर्ती और डॉक्टर की सलाह की जरूरत हो सकती है।
बच्चों में होने वाले बिहेवियरल और डेवलपमेंट डिसऑर्डर (Behavioral and Development Disorders)
बच्चों में होने वाले बिहेवियरल और डेवलपमेंट डिसऑर्डर में इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी, सीखने की अक्षमता, ध्यान लगाने में परेशानी होना जैसी समस्याएं शामिल है। जानिए कौन से है यह डिसऑर्डर जो बच्चों का स्वास्थ्य (Kid’s Health) प्रभावित करते है।
और पढ़ें: ये लाइफ स्किल टीचिंग बच्चों को बनाएंगी आत्मनिर्भर
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention deficit hyperactivity disorder)
यह एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो हाइपरएक्टिव और आवेगशील व्यवहार के कारण हो सकता है। ADHD से पीड़ित बच्चों को एक काम में अपना ध्यान केंद्रित करने या लंबे समय तक बैठे रहने में परेशानी हो सकती है। ADHD की समस्या अक्सर बचपन में शुरू होती है और वयस्कता में जारी रह सकती है।
आटिज्म (Autism)
आटिज्म विकार वाले बच्चे को कम्युनिकेशन व सामाजिक कौशल में कमी और प्रतिबंधित या रेपेटिटिव व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है। इसके गंभीर मामलों में, एक ऑटिस्टिक बच्चा कभी भी बोलना या आंखों को मिला कर बात करना नहीं सीख पाता या उसे ऐसा करने में समस्या होती है।
डिस्लेक्सिया (Dyslexia)
डिस्लेक्सिया आमतौर पर पढ़ने की परेशानी से जुड़ा विकार है। यह बच्चे की भाषा में ध्वनियों को पहचानने की क्षमता को प्रभावित करता है। डिस्लेक्सिया के लक्षण हर बच्चे के लिए अलग होते हैं।
बच्चों में होने वाली डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive problems in children)
बच्चों का स्वास्थ्य (Kid’s Health) उनके पेट पर भी निर्भर करता है। क्योंकि, बच्चों को पेट से संबंधित समस्याएं होना सामान्य है। इन समस्याओं से भी बच्चों का स्वास्थ्य (Kid’s Health) प्रभावित होता है।
डायरिया (Diarrhea)