ऐसा देखा गया है कि वायरल फीवर होने पर एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं, जो कि गलत है। जुकाम और फ्लू वायरस के कारण होता है। ये समस्या दो सप्ताह तक रह सकती है। एंटीबायोटिक्स का सर्दी या फ्लू पर कोई असर नहीं होता है। अगर आपको वायरल फीवर या फिर फ्लू हुआ है तो डॉक्टर से जांच कराएं।
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एंटीवायरल ड्रग क्या हैं ?
जिस तरह से एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया जनित रोग को ठीक करने का काम करती है ठीक वैसे ही एंटीवायरल ड्रग वायरस के लक्षणों को कम करता है। एंटीवायरल ऐसी मेडिसिन होती हैं जो फ्लू और वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने का काम करती है। सीडीसी ने ‘एंटीवायरल ड्रग को फ्लू के अगेंस्ट सेकेंड लाइन डिफेंस (second line of defense against the flu)’ माना है। जबकि फस्ट लाइन एनुअल फ्लू वैक्सीन को माना है। एंटीवायरल का सेवन करने से शरीर में वायरस के कारण दिखने वाले लक्षणों में कमी आती है।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको किसी भी प्रकार की बीमारी है तो बेहतर होगा कि सबसे पहले डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। डॉक्टर जांच के बाद तय करता है कि व्यक्ति को एंटीबायोटिक दवाओं की जरूत है या फिर नहीं। आप बिना जानकारी के बुखार में दवाओं का सेवन न करें। बिना जानकारी के एंटीबायोटिक मेडिसिन का सेवन करने से शरीर में दुष्प्रभाव भी दिखाई पड़ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।