हेपेटाइटिस सी (hep C) लिवर का एक बहुत ही कॉमन वायरल इंफेक्शन है। क्रोनिक हेपेटाइटिस सी लिवर की सूजन का कारण बन सकता है, लेकिन लिवर आपके बॉडी का एकमात्र ऐसा पार्ट नहीं है जो हेपेटाइटिस सी वायरस से प्रभावित होता है। हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) का भी कारण बन सकता है। स्किन की कुछ प्रॉब्लम्स इसलिए होती हैं क्योंकि जब आपका लिवर ठीक से काम नहीं करता है, तो यह टॉक्सिक पदार्थों और प्रोटीन को प्रभावी ढंग से फिल्टर नहीं कर पाता है और स्किन को कई तरह से प्रभावित करना शुरू कर देता है। जिसमें से एक बहुत ही कॉमन हेपेटाइटिस सी रैशेज अर्टिकरिया यानी पित्ती है। कुछ लोगों को घाव और सोर भी डेवलप हो जाते हैं। यहां बताया गया है कि कैसे हेपेटाइटिस सी रैशेज का कारण बनता है और आप इन समस्याओं को ठीक करने के लिए क्या कर सकते हैं।
हेपेटाइटिस सी रैश (Hepatitis C Rash)
हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) एक संक्रामक इंफेक्शन है जो लिवर को प्रभावित करता है। गंभीर मामलों में इलाज न किए जाने पर लिवर फेल भी हो सकता है। लिवर खुद भोजन के पाचन और इंफेक्शन की रोकथाम सहित कई फंक्शन्स के लिए जिम्मेदार होता है। स्किन प्रॉब्लम्स इसलिए होती हैं क्योंकि लिवर के ठीक से काम नहीं करने की वजह से टॉक्सिन्स और प्रोटीन अच्छी तरह से फिल्टर नहीं हो पाते हैं; वे लिवर में बिल्ड अप होते रहते हैं, जो कि ब्लड स्ट्रीम में जा सकते हैं, और आपकी स्किन को कई तरह से प्रभावित करना शुरू कर सकते हैं। जिसमें से एक हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) हैं।
त्वचा पर चकत्ते एचसीवी (HCV) का संकेत हो सकते हैं, और उनका इलाज नहीं किया जाना चाहिए। आपके रैशेज का कारण लिवर डैमेज और यहां तक कि एचसीवी ट्रीटमेंट से होने वाले साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
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अर्ली एचसीवी के लक्षण (Symptoms of Early HCV)
जब लिवर ठीक से काम नहीं करेगा तो आपकी बॉडी प्रभावित होगी। हेपेटाइटिस कई प्रकार के लक्षणों का कारण बनता है, जिनमें हैं:
- पीलिया (पीली स्किन और आंखें)
- पेट में दर्द
- डार्क यूरिन और लाइट-कलर्ड स्टूल
- बुखार
- अत्यधिक थकान
- जैसे-जैसे इंफेक्शन आगे बढ़ता है, आपको रैशेज सहित अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
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हेपेटाइटिस सी की पॉसिबल स्किन प्रॉब्लम्स (Possible skin problems of hepatitis C)
हेपेटाइटिस सी की वजह से हेपेटाइटिस सी रैशेज के अलावा अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं।
अर्टिकरिया (Urticaria)
अर्टिकरिया, या पित्ती, अक्सर स्किन के लाल, उभरे हुए और खुजली वाले दाने के रूप में दिखाई देते हैं जो बग बाइट्स की तरह लग सकते हैं। पित्ती पूरे शरीर में फैल सकती है, जिससे रेडनेस, स्वेलिंग और खुजली हो सकती है। पित्ती कुछ घंटों तक रह सकती है और फिर कम हो सकती है। यदि यह हेपेटाइटिस सी की वजह से है, तो व्यक्ति को अन्य लक्षणों का भी अनुभव होने की संभावना है, जैसे कि जोड़ों में दर्द या पेट दर्द। उन्हें ब्रूज़िंग की संभावना भी अधिक हो सकती है।
लाइकेन प्लानस (Lichen planus)
हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) के अलावा जिन लोगों को लंबे समय से हेपेटाइटिस सी का संक्रमण है, उनमें लाइकेन प्लानस (Lichen planus) होने की संभावना दूसरों की तुलना में अधिक हो सकती है। यह मुंह, स्कैल्प, जेनिटल्स या अपने शरीर के अन्य पार्ट्स में डेवलप हो सकता है। लाइकेन प्लानस एक फ्लैट सरफेस वाले पैची या स्कैली बंप्स के रूप में दिखाई देता है। प्रभावित त्वचा आमतौर पर लाल-बैंगनी रंग की दिखाई देती है, और कभी-कभी घाव के आस पास सफेद एरिया भी दिखाई देता है।
ब्लड स्पॉट्स (Blood spots)
पर्प्युर ब्लड स्पॉट्स के लिए एक मेडिकल शब्द है। इसकी वजह से त्वचा पर लाल से बैंगनी रंग के धब्बे हो जाते हैं जो तब होता है। यह छोटे-छोटे पॉइंट्स (पेटीचिया) से लेकर बहुत बड़े धब्बे या पैच की तरह दिखाई दे सकते हैं। ब्लड स्पॉट्स हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन से संबंधित स्किन प्रॉब्लम्स से जुड़े हो सकते हैं, जैसे कि वास्कुलिटिस (रक्त वाहिकाओं की सूजन) या अल्सर जो खुजली करते हैं और दर्द का कारण बनते हैं। यदि हेपेटाइटिस सी के कारण ये धब्बे दिखाई देते हैं तो डॉक्टर दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) के अलावा यह स्थिति भी दिखाई देती है।
हेपेटाइटिस सी एक विशिष्ट प्रकार के वास्कुलिटिस के कारण पर्प्युर का कारण हो सकता है, जो क्रायोग्लोबुलिन (cryoglobulins) के कारण होता है, जो ब्लड में असामान्य प्रोटीन होते हैं। मिक्स्ड क्रायोग्लोबुलिनमिया (Mixed cryoglobulinemia) एक रेयर कंडीशन है जो ठंडे टेम्परेचर में होती है जब क्रायोग्लोबुलिन गाढ़ा हो जाता है और एक साथ जमा हो जाता है। यह बड़ी और छोटी ब्लड वेसेल्स को प्रभावित कर सकता है, जिससे सूजन, त्वचा पर चकत्ते और दर्द सहित कई लक्षण हो सकते हैं।
क्रोनिक ईचिंग (Chronic itching)
प्रूरिट्स त्वचा की खुजली के लिए एक मेडिकल टर्म है। यह हेपेटाइटिस सी का एक सामान्य लक्षण है। इसमें बिना विजिबल हेपेटाइटिस सी रैशेज के खुजली का अनुभव हो सकता है। यह फीलिंग लगातार बनी रह सकती है, और जबकि प्रूरिट्स आमतौर पर खतरनाक नहीं होता है, यह इर्रिटेटिंग होता है। बहुत अधिक खुजली करने से स्किन पर चोट लग सकती है, जिससे जलन या संभावित ब्लीडिंग हो सकती है।
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अन्य संभावित स्किन समस्याएं (Other Possible Skin Problems)
हेपेटाइटिस सी हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) के अलावा निम्नलिखित त्वचा समस्याओं का कारण भी हो सकता है:
- पोरफाइरिया क्यूटेनिया टार्डा (Porphyria cutanea tarda): विशिष्ट पदार्थों से उत्पन्न एक स्थिति, जिसे पोर्फिरिन के रूप में जाना जाता है, लिवर में बनता है। यह धूप के संपर्क में आने वाले पार्ट्स में फ्रैजल स्किन और दर्दनाक फफोले का कारण बन सकता है। त्वचा का रंग गहरा या हल्का भी हो सकता है।
- नेक्रोलाइटिक एक्रल एरिथेमा (Necrolytic acral erythema): एक रेयर स्किन कंडीशन जिसके कारण त्वचा के पैच जैसे सोरायसिस या अन्य त्वचा की स्थिति दिखाई देती है।
- रेनॉड फेनोमेनन (Raynaud’s Phenomenon): एक समस्या जो छोटी ब्लड वेसल्स में ऐंठन से होती है। इससे उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक या कानों की त्वचा पीली या नीली हो सकती है।
ट्रीटमेंट से रैशेज
हेपेटाइटिस सी रैशेज ट्रीटमेंट से भी हो सकते हैं। जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी में एक स्टडी में पाया गया है कि कुछ हेपेटाइटिस सी दवाओं के साथ त्वचा पर चकत्ते होना काफी सामान्य है। हालांकि, कुछ लोग दवाओं के कारण क्रोनिक स्किन प्रॉब्लम्स डेवलप करते हैं। जो लोग अपनी दवाएं इंजेक्ट करते हैं, उनमें लोकलाइज़्ड रैशेज डेवलप हो सकते हैं। वे आम तौर पर इंजेक्शन साइट के पास दिखाई देते हैं और वहां से फैलते हैं। इन मामलों में, एक व्यक्ति जलन को कम करने के लिए आइस पैक लगा सकता है या ओवर-द-काउंटर स्टेरॉयड क्रीम का उपयोग कर सकता है। दवा से गंभीर प्रतिक्रिया का अनुभव करने वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
लक्षणों को कम करने या मैनेज करने के लिए टिप्स हैं:
- ओरल या टॉपिकल एंटीथिस्टेमाइंस (topical antihistamines)
- टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड ऑइंटमेंट (corticosteroid ointment)
- सन एक्सपोजर लिमिटेड करें
- नेचुरल रेशों से बने ढीले-ढाले कपड़े पहनें
- स्किन को नियमित रूप से मॉश्चराइजर करें
- गुनगुने पानी से नहाएं
- हार्ड डिटर्जेंट, साबुन, या लोशन जैसे केमिकल के साथ स्किन को कॉन्टैक्ट से बचाएं
याद रखें
हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) का खुद से ट्रीटमेंट करना कभी भी अच्छा आईडिया नहीं है। लगातार दाने का अनुभव करने वाले किसी भी व्यक्ति को डाइग्नोसिस के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यहां तक कि जिन लोगों को पता है कि उनके पास वायरस है या जिनका ट्रीटमेंट चल रहा है, उन्हें भी डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि दाने मेडिसिन रिएक्शन की भी वजह हो सकते हैं। जब भी स्किन में कोई बदलाव दिखाई दे, उसे जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर उन्हें समस्या की पहचान करने और उसका ट्रीटमेंट करने में हेल्प कर सकते हैं, या कम से कम लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको हेपेटाइटिस सी रैशेज (Hepatitis C Rashes) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।