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लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) है लिम्फ नोड्स में होने वाला बैक्टीरियल इंफेक्शन, जानिए इसके लक्षण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/07/2022

    लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) है लिम्फ नोड्स में होने वाला बैक्टीरियल इंफेक्शन, जानिए इसके लक्षण

    लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) लिम्फ नोड्स का एक इंफेक्शन है जो लिम्फेटिक फ्लूइड को पूरी बॉडी में ले जाती हैं। आमतौर पर इस स्थिति का इलाज एंटीबायोटिक से किया जाता है। स्किन इंफेक्शन लिम्फांजाइटिस का सबसे सामान्य कारण हैं। बॉडी का लिम्फ फ्लूइड और लिम्फेटिक सिस्टम व्यक्ति को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। आमतौर पर लिम्फ फ्लूइड इंफेक्शन साइट पर जाकर लिम्फोसाइट्स को डिलिवरी करते हैं जो इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। लिम्फोसाइट्स व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं।

    लिम्फांजाइटिस एक सेकेंड्री इंफेक्शन है जिसका मतलब है कि यह किसी दूसरे इंफेक्शन के कारण होता है। जब इंफेक्शन ओरिजनल साइट से लिम्फ वेसल्स तक पहुंचता है तो वेसल्स सूज जाती हैं और संक्रमित हो जाती हैं। इस आर्टिकल में लिम्फांजाइटिस के कारण और लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही इसके निदान और इलाज की जानकारी भी दी जा रही है।

    लिम्फांजाइटिस के कारण (Lymphangitis Causes)

    जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि लिम्फांजाइटिस एक प्रकार का सेकेंड्री इंफेक्शन है। बैक्टीरियल इंफेक्शन इस इंफेक्शन का सबसे कॉमन कारण है। वायरल या फंगल इंफेक्शन के कारण भी यह हो सकता है। कोई ऐसी चोट जिसकी वजह से वायरस, बैक्टीरिया या फंगस बॉडी में प्रवेश करते हैं वह भी लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) का कारण बन सकती है। कुछ संभावित कारणों में निम्न शामिल हैं।

    लिम्फांजाइटिस के लक्षण (Lymphangitis symptoms)

    इस इंफेक्शन का सामना कर रहे लोग इंजरी के आसपास से लेकर उन स्थानों तक फैली हुई लाल धारियां दिखाई दे सकती हैं जहां पर बहुत सारी लिम्फ ग्लैंड्स होती हैं जैसे कि आर्मपिट या कमर। शरीर के किसी भी क्षेत्र पर अस्पष्टीकृत लाल धारियां भी लिम्फांजाइटिस का संकेत हो सकती हैं। खासकर उस व्यक्ति में जिसे पहले से स्किन इंफेक्शन हो। लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) दूसरे लक्षणों में निम्न हो सकते हैं।

    • हाल ही में लगी चोट जो ठीक नहीं हो रही है
    • कमजोर या बीमार महसूस करना
    • बुखार आना
    • कंपकंपी होना
    • सिर में दर्द
    • लो एनर्जी या भूख में कमी
    • चोट के आसपास सूजन
    • कमर या बगल में सूजन

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    अगर ना किया जाए समय पर इलाज

    इस इंफेक्शन का अगर इलाज ना किया जाए तो यह ब्लड तक फैल सकता है। यह एक खतरनाक संक्रमण है जिसे सेप्सिस कहा जाता है जो कि तेज बुखार और फ्लू की तरह लक्षण दिखाई देते हैं। इसकी वजह से ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति किसी इंजरी के बाद बहुत बीमार महसूस करता है या उसको तेज बुखार या लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) के लक्षण हो तो तुरंत मेडिकल सपोर्ट लेना चाहिए।

    जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उनको लिम्फांजाइटिस इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है। कुछ स्थितियों में जैसे कि डायबिटीज, एचआईवी और कैंसर और ड्रग का सेवन इम्यून सिस्टम को वीक कर सकता है। कीमोथेरिपी ड्रग्स भी लिम्फांजाइटिस के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

    निदान (Lymphangitis diagnosis)

    डॉक्टर लिम्फांजाइटिस का निदान इसके लक्षणों के आधार पर करता है। अगर व्यक्ति की लिम्फ नोड्स में सूजन है, चोट के बाद लाल धारियां हैं और इंफेक्शन के दूसरे लक्षण हैं तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स के साथ ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं। वे आम तौर पर मूल संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए पूरी तरह से जांच करेंगे क्योंकि इससे सही उपचार चुनने में मदद मिल सकती है।

    अक्सर डॉक्टर टेस्ट के परिणामों की प्रतीक्षा करते हुए एंटीबायोटिक्स लिखेंगे। चोट यह बता सकती है कि संक्रमण जीवाणु, वायरल या कवक है, और कौन सी दवा सबसे प्रभावी होगी। रिजल्ट आने के बाद डॉक्टर ट्रीटमेंट को बदल सकते हैं या कुछ अन्य दवाओं को इसमें एड कर सकते हैं।

    कुछ मामलों में डॉक्टर किसी सूजी हुई लिम्फ नोड की बायोप्सी कर सकते हैं ताकि किसी दूसरी कंडिशन का पता लगाया जा सके। ब्लड टेस्ट निदान में मदद करते हैं खासकर तब इंफेक्शन का कारण स्पष्ट ना हो।

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    इलाज (Lymphangitis treatment)

    यह इंफेक्शन तेजी से फैलता है इसलिए डॉक्टर्स अग्रेसिव ट्रीटमेंट की सिफारिश करते हैं। ज्यादातर मामलों में, एक व्यक्ति को जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होगी। अंतःशिरा (IV) एंटीबायोटिक्स दवा को तेजी से डिलिवर कर सकते हैं, इसलिए व्यक्ति अस्पताल में या डॉक्टर के कार्यालय में IV एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं। यदि संक्रमण फंगल या वायरल है, तो डॉक्टर एंटीफंगल या एंटीवायरल दवाएं लिखेंगे।

    यदि दवा का पहला राउंड संक्रमण को नहीं मारता है, तो एक व्यक्ति को दवा के दूसरे राउंड की आवश्यकता हो सकती है। शायद ही कभी, किसी व्यक्ति को संक्रमित टिशूज को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) के कारण काफी दर्द हो सकता है। दर्द को कम करने के लिए व्यक्ति निम्न उपाय अपना सकता है।

    रिकवरी (Recovery)

    लिम्फांजाइटिस से रिकवरी में कुछ दिन, हफ्ते और महीनों का भी समय लग सकता है। रिकवरी की स्पीड इस बात पर निर्भर करती है कि इंफेक्शन कितना गंभीर है और एक स्वस्थ व्यक्ति इंफेक्शन से पहले कैसा था। वीक इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति, नवजात शिशु और बुजुर्ग व्यक्ति के लिए रिकवर होने में अधिक समय लगता है।

    उपचार के साथ, संक्रमण फैलना बंद हो सकता है। यह आंकलन करने के लिए कि क्या उपचार काम कर रहा है, एक डॉक्टर मार्कर के साथ लाल धारियों की रूपरेखा तैयार कर सकता है या यह देखने के लिए तस्वीरें ले सकता है कि क्या वे ट्रीटमेंट को सपोर्ट कर रहे हैं या उपचार के बाद भी इनका फैलना जारी है। यदि अधिक धारियां दिखाई देती हैं, घावों की स्थिति बिगड़ने लगती है, या किसी व्यक्ति में अतिरिक्त लक्षण विकसित होते हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उपचार काम नहीं कर रहा है।

    कुछ लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) संक्रमण त्वचा, मांसपेशियों या अन्य ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन जटिलताओं से उबरने में समय लग सकता है। क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाने के लिए सर्जरी कराने वाले व्यक्ति को ठीक होने के लिए फिजिकल थेरिपी की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में, लिम्फांजाइटिस संक्रमण ठीक होने के तुरंत बाद लोग अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं।

    फिर से भी हो सकता है ये इंफेक्शन

    कुछ लोगों में यह इंफेक्शन ठीक होने के बाद फिर से भी हो जाता है। ऐसा तब अधिक होता है जब किसी व्यक्ति को इंफेक्शन के लिए सही ट्रीटमेंट नहीं मिलता है जो लिम्फांजाइटिस का कारण बनता है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति को एथलीट फुट (Athlete’s foot) हुआ जो कि लिम्फांजाइटिस (Lymphangitis) में बदल गया और अगर एलथीट फुट का इलाज पूरी तरह नहीं किया जाएगा तो लिम्फांजाइटिस फिर से हो सकता है।

    कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को रिकरंट लिम्फांजाइटिस विकसित करने की संभावना ज्यादा हो सकती हैं क्योंकि उनका शरीर संक्रमण से लड़ने में कम सक्षम होता है।

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    डिस्क्लेमर

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