इस बीमारी का डायग्नोसिस विजुअल एग्जामिनेशन के माध्यम से करते हैं। अगर डॉक्टर को कंफर्म नहीं होता हैं, तो वह एनालिसिस के लिए सैंपल को लैब में भी भेज सकते हैं। डॉक्टर डायबिटीज और लिवर फंक्शन आदि की भी जांच कर सकते हैं और साथ ही कार्डियोवैस्कुलर रिस्क एसेसमेंट के लिए भी कह सकते हैं।
आंखों के आसपास अगर कोलेस्ट्रोल जमा हो गया है, तो इस समस्या को खत्म करने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सहायता ले सकते हैं। सर्जिकल माध्यम से इसे हटाया जा सकता है। वैसे तो आंखों में आई ये ग्रोथ किसी भी तरह की दर्द या फिर असुविधा का कारण नहीं बनती है लेकिन पेशेंट के रिक्वेस्ट करने पर डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से इसे हटा देते हैं। इसके लिए सर्जिकल प्रोसेस, कार्बन डाइऑक्साइड और ऑर्गन लेजर एबलेशन, इलेक्ट्रोडेसिकेशन आदि का सहारा लिया जा सकता है।
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सर्जिकल प्रोसीजर के बाद हो सकता है कि आपकी आंखों के आसपास सूजन की समस्या रहे और साथ ही सर्जरी के निशान भी रहे या फिर त्वचा के रंग में बदलाव आ जाए। ओवरग्रोथ को हटाने के बाद डॉक्टर पेशेंट को कुछ सलाह भी दे सकते हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्या दोबारा ना हो। डॉक्टर पेशेंट को लाइफस्टाइल में बदलाव करने के साथ ही खानपान में पौष्टिक आहार लेने की सिफारिश करते हैं। अगर व्यक्ति का वेट अधिक है, तो ऐसे में डॉक्टर वेट को घटाने की सलाह भी दे सकते हैं। हेल्दी डाइट लेने के साथ डॉक्टर और दूध, क्रीम, फैट मीट, केक, कुकीज, कोकोनट ऑयल लेने की सलाह भी दे सकते हैं। इन सब बातों का ध्यान रख बीमारी की संभावना को कम किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको आंखों में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol Deposits In The Eyes) की समस्या से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।