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Sunspots On The Face: फेस में सनस्पॉट की समस्या हो जाए, तो क्या किया जाए उपाय?

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/03/2022

    Sunspots On The Face: फेस में सनस्पॉट की समस्या हो जाए, तो क्या किया जाए उपाय?

    स्किन की देखभाल के लिए हमें तेज धूप, धूल आदि से बचना जरूरी होता है। अगर स्किन का एक्सपोज इन चीजों से ज्यादा हो जाता है, तो उस कारण से विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी होता है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी माना जाता है। लेकिन सूरज की हल्की रोशनी थोड़ा समय तक लेने से ही स्किन को फायदा पहुंचता है। अगर अधिक देर तक सूरज की रोशनी में रहा जाए, तो स्किन में डार्क कलर के स्पॉट बनने लगते हैं। यह तेज धूप के कारण होता है। इस कारण से चेहरे पर हल्के काले निशान या स्पॉट की समस्या शुरू हो जाती है। कुछ लोगों में तो सन यानी कि सूरज की रोशनी में अधिक देर तक रहने पर कैंसर जैसी गंभीर समस्या की संभावना भी बढ़ जाती है। अगर फेस में सनस्पॉट हो जाए, तो क्या करना चाहिए और किन बातों का ख्याल रख चाहिए, इस समस्या से बचा जा सकता है आइए जानते हैं।

    फेस में सनस्पॉट (Sunspots On The Face) क्या है?

    सनस्पॉट गहरे भूरे, गोल चेहरे पर दिखाई देते हैं। यह धूप में अधिक रहने के कारण होते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि सनस्पॉट केवल चेहरे पर ही दिखाई दें। यह हाथों, आर्म, शोल्डर, बैक या पैरों पर भी दिखाई दे सकते हैं। सूरज से घातक रोशनी से पराबैंगनी रेज या अल्ट्रावाइलेट किरणें निकलती हैं। ये स्किन सेल्स मेलानोसाइट्स (melanocytes) का प्रोडक्शन बढ़ाने का काम करते हैं। इस कारण से मेलेनिन नामक पदार्थ का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो कि त्वचा को गहरा रंग देता है। जब मेलेनिन के प्रोडक्शन में डिस्टरबेंस पैदा होता है, तो शरीर के कुछ हिस्सों में गहरे रंग के धब्बे दिखने लगते हैं। वैसे तो यह सपॉट कैंसर का नहीं बनते हैं लेकिन इस कारण से त्वचा की रंगत बिगड़ सकती है। अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए, तो फेस में सनस्पॉट की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। जानिए इससे जुड़े कुछ लक्षणों के बारे में।

  • फेस में रेडनेस के साथ ही काले धब्बे बन जाना
  • धूप में अधिक देर रहने से चेहरे में जलन का एहसास
  • दर्द और खुजली का एहसास
  • स्किन स्वेलिंग (swelling)
  • जरूरी नहीं है कि उपरोक्त दिए गए लक्षण सभी लोगों में नजर आएं। अब जानिए किन कारणों से हो सकती है फेस में सनस्पॉट की समस्या।

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    किस कारण से हो सकता है फेस में सनस्पॉट?

    रिसर्चर्स इस बात को मानते हैं कि मेलेनिन के प्रोडक्शन में एंजाइम टायरोसिनेज ( Tyrosinase) एक की फैक्टर की तरह काम करता है। वो इस बात का सजेशन भी देते हैं कि टायरोसिनेस की अति सक्रियता हाइपरपिग्मेंटेशन या सनस्पॉट का कारण बन सकती है। उम्र बढ़ने के परिणामस्वरूप टायरोसिनेस एंजाइम की अधिक सक्रियता हो सकती है। इसके कारण, कुछ लोग सनस्पॉट या हायपरपिगमेंटेशन (Hyperpigmentation) की समस्या पैदा हो जाती है। अमेरिकन सोसाइटी फॉर डर्माटोलोजिक सर्जरी की मानें तो कुछ लोगों में सनस्पॉट डेवलपमेंट जेनेटिक रिस्क से भी जुड़ा हो सकता है।

    फेस में सनस्पॉट से बचने के लिए क्या अपनाया जाता है ट्रीटमेंट?

    डॉक्टर टायरोसिनेस एंजाइम ( Tyrosinase enzyme) की एक्टिविटी को धीमा या रोककर सनस्पॉट का ट्रीटमेंट कर सकते हैं।”एंटीरोसिनेस एक्टिविटी” को रोकने के लिए जिन ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है, फेस में सनस्पॉट की समस्या से भी राहत दिलाने का काम करती है। टॉपिकल क्रीम और डर्मेटोलॉजिक क्रीम की हेल्प से फेस में सनस्पॉट (Sunspots On The Face) की समस्या से राहत पाई जा सकती है। आइए जानते हैं अन्य ट्रीटमेंट के बारे में।

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    टॉपिकल क्रीम (Topical creams)

    टॉपिकल क्रीम फेस में अप्लाई की जा सकती है। क्रीम टायरोसिनेस एंजाइम ( Tyrosinase enzyme) को टारगेट करने के लिए टॉपिकल क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। ये क्रीम फेस में सनस्पॉट को कम करने का काम करती है और समस्या से राहत मिलती है।

    हाइड्रोक्युनोन (Hydroquinone)

    हाइड्रोक्युनोन (Hydroquinone) पॉपुलर मेडिकल ट्रीटमेंट है, जिसका इस्तेमाल चेहरे के सनस्पॉट को कम करने के लिए क्या जाता है। एफडीए (FDA) के अनुसार सनस्पॉट के खात्मे के लिए हाइड्रोक्युनिन (Hydroquinone) का इस्तेमाल मान्य नहीं है। यह टायरोसिनेस  (tyrosinase) के असर को कम करने के बाद त्वचा को गहरे रंग से बचाने का काम करती है। इस कारण से चेहरे में सनस्पॉट की समस्या नहीं होती है। अगर आप क्रीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बिना डॉक्टर के परामर्श के इसका इस्तेमाल ना करें।

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    ट्रेटिनॉइन (Tretinoin)

    ट्रेटिनॉइन विटामिन ए का डेरिवेटिव्स है। टॉपिकल ट्रेटीनॉइन क्रीम यूवीबी विकिरण के संपर्क के परिणामस्वरूप होने वाली फोटोएजिंग के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

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    इन बातों का भी रखें ध्यान!

    अगर आप चेहरे में सनस्पॉट की समस्या से बचना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

    • अगर आपको रोजाना बाहर निकालना पड़ता है, तो चेहरे को ढककर निकले। साथ में ही शरीर के खुले हुए स्थान में सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।
    • जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकले। आपको सनग्लास का इस्तेमाल करना चाहिए।
    • कोशिश करें कि सुबह 10:00 बजे के पहले और शाम को 4:00 बजे के बाद धूप में निकले क्योंकि इस समय पर सन रेज धीमी होती हैं।
    • आपको ऐसी मेडिसिंस से भी बचना चाहिए, जो आपकी स्किन को सूर्य की रोशनी के प्रति सेंसिटिव बनाने का काम करती है।
    • आपको धूप में निकलने के दौरान गहरे रंग के कपड़ों से बचना चाहिए। गहरे रंग के कपड़े किरणों को तेजी से अवशोषित करते हैं जबकि हल्के या सफेद रंग के कपड़े पहनने से किरणें कम मात्रा में अवशोषित होती हैं।

    जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि सनस्पॉट नॉन कैंसरस स्किन होती है। यानी कि ऐसी स्किन में कैंसर का खतरा नहीं होता है लेकिन फिर भी आपको सन रेज से बचने की जरूरत है। सनरेज आपके कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर आपको फिर भी स्किन संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इस विषय में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    इस आर्टिकल में हमने आपको फेस में सनस्पॉट (Sunspots On The Face) की समस्या  से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/03/2022

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