परिचय
बैक्टीरियल निमोनिया (Bacterial pneumonia) क्या है?
बैक्टीरियल निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है, जो कुछ बैक्टीरिया की वजह से होता है। बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे सामान्य बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकुस (निमोकोकुस) Streptococcus (pneumococcus) है। लेकिन अन्य बैक्टीरिया से आपको बैक्टीरियल निमोनिया हो सकता है। यदि आप युवा हैं और आप हेल्दी हैं तो यह बैक्टीरिया बिना कोई नुकसान पहुंचाए आपके गले में जीवित रह सकते हैं। यदि कुछ कारणों की वजह से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो यह बैक्टीरिया आपके फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं। ऐसा होने पर आपके फेफड़ों में मौजूद एयर सेक (Air sacs) में संक्रमण हो जाता है और इनमें इनफ्लेमेशन आ जाती है। यह फ्लूड से भर जाते हैं और निमोनिया का कारण बनते हैं।
बैक्टीरियल निमोनिया कितना सामान्य है?
बैक्टीरियल निमोनिया एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो आपको बैक्टीरियल निमोनिया हो सकता है।
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लक्षण
बैक्टीरियल निमोनिया के क्या लक्षण हैं?
बैक्टीरियल निमोनिया की तीव्रता की वजह से हर मामले में इसके लक्षण अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में बैक्टीरियल निमोनिया के हल्के लक्षण ही नजर आते हैं, जबकि अन्य लोगों में जानलेवा जटिलताएं लक्षण के रूप में नजर आती हैं। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक, बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- सीने में दर्द
- सांस छोटी होना या सांस की कमी
- खांसी में पीला या हरा बलगम आना
- बुखार
- थकावट
- सर्दी लगना
- भूख न लगना
- सीने में तेज और लगातार दर्द होना, विशेषकर खांसने या गहरी सांस लेने पर
- अधिक पसीना आना
- सांस और हार्टबीट का तेज चलना
- होठ और उंगलियों के नाखूनों का रंग नीला पड़ना
- कनफ्यूजन की स्थिति, विशेषकर यदि आपकी उम्र अधिक है
बच्चों और व्यस्कों में बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण एक समान ही नजर आते हैं। अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक, बच्चों और नवजात बैक्टीरियल निमोनिया में ज्यादा रोते हैं। उनकी बॉडी में एनर्जी का स्तर गिर जाता है और त्वचा पीली पड़ जाती है।
किसी व्यक्ति में बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण नजर आने पर उसे तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर को दिखाए किसी भी प्रकार के निमोनिया का पता लगाना मुश्किल होता है। चूंकि बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया का इलाज अलग है। ऐसे में इसके सही कारण का पता लगाया जाना काफी अहम है, जिससे पीढ़ित का उचित इलाज किया जा सके।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
उपरोक्त लक्षण नजर आते ही आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार का इलाज या घरेलू उपाय न अपनाए। बलगम में ब्लड आना, सांस लेने में परेशानी, 102 डिग्री से अधिक बुखार और त्वचा के नीला पड़ने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यह सभी लक्षण किसी आपात स्थिति के संकेत हैं।
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कारण
बैक्टीरियल निमोनिया का क्या कारण है?
बैक्टीरियल निमोनिया के कारण निम्नलिखित हैं:
बैक्टीरियल निमोनिया उन बैक्टीरिया से होता है, जो आपके फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं और फिर अपने गुणांक (multiplies) बनाते हैं। यह समस्या अपने आप हो सकती है या किसी बीमारी जैसे सर्दी या फ्लू के बाद विकसित हो सकती है।
निम्नलिखित लोगों को बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है:
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
- रेस्पिरेटरी की बीमारी से ग्रसित लोग
- सर्जरी से ठीक हो रहे लोग
डॉक्टर बैक्टीरियल निमोनिया का वर्गीकरण इस आधार पर करते हैं कि यह अस्पताल के अंदर हुआ है या बाहर।
कम्युनिटी एक्वायर निमोनिया (Community-acquired pneumonia) (CAP): यह बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे सामान्य प्रकार है। अस्पताल के बाहर आप बैक्टीरिया फैलाने वाले तत्वों के संपर्क में आने पर यह होता है। आप खांसी या छींक से ड्रॉप्लेट्स को सांसों या स्किन-टु-स्किन के संपर्क में आने पर यह रेस्पिरेटरी में प्रवेश कर जाते हैं।
हॉस्पिटल एक्वायर निमोनिया (Hospital-acquired pneumonia) (HAP): अस्पताल के भीतर दो या इससे अधिक दिनों तक जीवाणुओं के संपर्क में रहने पर यह निमोनिया होता है। इसे नोसोकोमियल इंफेक्शन (nosocomial infection) कहा जाता है। इस प्रकार का निमोनिया अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति मजबूत होता है और इसका इलाज करना मुश्किल होता है।
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जोखिम
किन कारकों से मुझे बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा हो सकता है?
निम्नलिखित कारकों से बैक्टीरियल निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है:
- यदि आपकी उम्र 65 वर्ष या इससे अधिक है
- यदि आपको अस्थमा, डायबिटीज या हार्ट की बीमारी है
- यदि आप सर्जरी से ठीक हो रहे हैं।
- यदि आप उचित भोजन नहीं खाते हैं या पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स नहीं लेते हैं
- यदि आपको कोई अन्य समस्या है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता हो
- यादि आप स्मोकिंग करते हैं
- यदि आप अत्यधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करते हैं
- यदि आपको वायरल निमोनिया (viral pneumonia) है
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
बैक्टीरियल निमोनिया का निदान कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित तरीकों से बैक्टीरियल निमोनिया का पता लगाया जा सकता है:
- सीने में से असामान्य आवाजें आना, जो अत्यधिक बलगम के सिक्रेशन का संकेत देती हों।
- ब्लड सैंपल के जरिए इसकी जांच की जाती है। यदि आपकी श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा है, जो आमतौर पर संक्रमण का संकेत देती हैं।
- ब्लड कल्चर टेस्ट, जिससे यह पता चलता है कि बैक्टीरिया आपकी ब्लड स्ट्रीम तक पहुंच गया है या नहीं और यह इंफेक्शन के कारण को भी बताता है।
- बलगम की जांच या बलगम का कल्चर टेस्ट, जिससे बैक्टीरिया और संक्रमण के कारण का पता लगाया जा सकता है।
- संक्रमण की मौजूदगी का पता लगाने के लिए डॉक्टर एक्स-रे करा सकता है।
बैक्टीरियल निमोनिया का इलाज कैसे किया जाता है?
बैक्टीरियल निमोनिया के ज्यादातर मामलों में घर पर ही दवाओं के साथ इलाज किया जाता है। इससे अस्पताल में आने वाली समस्याओं को रोका जाता है। घर पर इलाज करने से एक हेल्दी व्यक्ति एक हफ्ते के भीतर ठीक हो सकता है। वहीं, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को इससे ठीक होने में इससे अधिक समय लग सकता है।
कुछ मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। कम उम्र के बच्चे और बुजुर्गों को अस्पताल में इंट्रावेनियस एंटीबायोटिक (intravenous antibiotics) दवाओं की जरूरत पड़ती है। साथ ही उन्हें यहां पर मेडिकल केयर और रेस्पिरेटरी थेरेपी दी जाती है।
अस्पताल में आपके निमोनिया के प्रकार के आधार पर विशेष एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती है। इससे इंट्रावेनियसली दिया जाता है। साथ ही आपको फ्लूड भी चढ़ाया जाता है, जिससे डीहाइड्रेशन को रोका जा सके।
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घरेलू उपाय
जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बैक्टीरियल निमोनिया को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको बैक्टीरियल निमोनिया में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
वैक्सीनेशन कराएं: कुछ प्रकार के निमोनिया को रोकने के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। इन वैक्सीन को लेने के लिए आप डॉक्टर से सहायता ले सकते हैं। हालांकि, समय के हिसाब से इन टीकाकरणों के दिशा निर्देश में परिवर्तन होता रहता है।
बच्चों का टीकाकरण कराएं: दो वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए डॉक्टर अलग प्रकार के वैक्सीन की सलाह देता है। वहीं दो वर्ष और पांच वर्ष की आयु के बच्चे जिन्हें न्युमोकोकल डीजेज (pneumococcal disease) का खतरा रहता है, उन्हें अलग वैक्सीन दिया जाता है।
हाईजीन का ध्यान रखें: रेस्पिरेटरी इंफेक्शन को रोकने के लिए आपको साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से सेनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करें।
स्मोकिंग न करें: स्मोकिंग करने से आपके फेफड़ों की इंफेक्शन के प्रति प्राकृतिक प्रतिरक्षा नष्ट हो जाती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें: नींद पूरी करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और एक हेल्दी डायट जरूर लें
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।