के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (बीओओ) एक ऐसी समस्या है, जिसमें पेशाब आना पूरी तरह से बंद हो जाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि यह रुक-रुककर होने लगता है। ऐसा होने से कई अलग-अलग तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जैसे पेशाब ना आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द और मूत्राशय की परेशानियां। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन से इनफेक्शन (Infection) और किडनी के फेल (Kidney fail) होने जैसी समस्या भी हो सकती हैं। इसके अलावा मूत्राशय की मांसपेशियों के संकुचन की वजह से भी मार्ग संकरा हो जाता है। ज्यादा समय तक पेशाब रोकने से भी ये समस्या पैदा हो सकती है।
ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है, लेकिन यह ज्यादातर उम्रदराज पुरुषों में देखा गया है। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे मूत्राशय का ट्यूमर या मूत्र मार्ग का सिकुड़ जाना। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) के कारण को जानने के लिए परीक्षण की आवश्यकता होती है। इस बीमारी की वजह से मूत्राशय कमजोर हो सकता है। इसका सही समय पर इलाज कराना चाहिए।
और पढ़ें : कान का मैल निकालना चाहते हैं तो अपनाएं ये घरेलू उपाय
आमतौर पर ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन में कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं जो शरीर को ज्यादा तकलीफ नहीं देते हैं। ये लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं शरीर को गंभीर रूप से अस्वस्थ कर देते हैं। बाहरी रूप से ये लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर गंभीर हो जाते हैं। ये लक्षण तब महसूस करते हैं जब आप पेशाब जाते हैं। उसके अलावा इन लक्षणों को महसूस कर पाना मुश्किल होता है।
कभी-कभी ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) से ट्यूमर या फोड़े जैसे संक्रमण तेजी से विकसित हो जाते हैं। इसके लक्षण अचानक दिखने शुरू होते हैं। इससे मूत्राशय पूरी तरह से बंद हो जाता है। इसके
जैसे-जैसे लक्षण अधिक गंभीर होते जाते हैं पेशाब पूरी तरह से रुकने लगता है। ऐसे में आपको ताकत लगाकर पेशाब करने की जरूरत पड़ती है। ऐसा करने से मांसपेशियों (Muscles) में तनाव बढ़ता है और खतरनाक हो सकता है।
और पढ़ें : लंग कैंसर क्या होता है, जानें किन वजहों से हो सकती है ये खतरनाक बीमारी
समय के साथब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं। अगर शुरुआती लक्षणों का उपचार नहीं हुआ तो करने से अपरिवर्तनीय जटिलताएं हो सकती हैं। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) से जुड़ी कुछ अन्य समस्याएं इस प्रकार हैं—
लंबे समय तक ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) का इलाज ना कराने पर मरीज की किडनी भी फेल हो सकती है। लक्षण दिखते ही इलाज शुरू करवा देना चाहिए।
मस्कुलर कैविटी पेशाब को रोकने का काम करती है। यह एक तरह की हड्डी होती है जो पेट के निचले हिस्से में स्थित होती है। यह एक पतली ट्यूब के प्रकार की होती है। इसी के माध्यम से पुरुषों में पेशाब लिंग के जरिए बाहर जाता है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का मूत्र मार्ग छोटा है। जब ब्लैडर आउटलेट पर शारीरिक रूप से दबाव पड़ता है, तो ये परेशानी शुरू हो जाती है।
ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) महिलाओं की अपेक्षा 50 की उम्र पार कर चुके पुरुषों ज्यादा देखा गया है। इस बीमारी में पेशाब धीरे आने लगता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है। पुरुषों में प्रोस्टेट को इसका जिम्मेदार माना जाता है। पुरुष प्रजनन प्रणाली में प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि होती है। यह पुरुषों के वीर्य में अधिकांश तरल पदार्थ पैदा करता है, जो ब्लैडर आउटलेट को ढक देता है। इससे प्रोस्टेट ग्रंथि सूज जाती है। इसी वजह से मूत्र मार्ग छोटा हो जाता है और पेशाब बाहर निकालने में पेरशानी होती है। यह समस्या कभी-कभी बेहद गंभीर हो सकती है।
इलाज ना होने पर यह प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) बन जाता है। फिर सर्जरी करवाकर ही इसे ठीक किया जा सकता है। जो काफी तकलीफदायक होता है। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन के कुछ कारण इस प्रकार हैं—
और पढ़ें : स्किन पॉलिशिंग के बारे में क्या नहीं जानते आप? इससे ऐसे त्वचा निखारें
और पढ़ें : विटामिन-ई की कमी को न करें नजरअंदाज, डायट में शामिल करें ये चीजें
ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन के सामान्य लक्षण की बात की जाए तो पेट भी बढ़ने लगता है। ऐसे में डॉक्टर को BOO होने का संदेह हो सकता है। इसके अलावा, पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना भी डॉक्टर को BOO का संकेत दे सकता है। वहीं महिलाओं में बीओओ की जांच के लिए डॉक्टर सिस्टोसेल देखते हैं। ब्लैडर आउटलेट ऑब्स्ट्रक्शन (Bladder outlet obstruction) के लिए कुछ इस प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं:
और पढ़ें : बच्चों में चिकन पॉक्स के दौरान दें उन्हें लॉलीपॉप, मेंटेन रहेगा शुगर लेवल
किडनी से जुड़ी बीमारियों में क्या करें और क्या ना करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।