परिचय
बड चैरी सिंड्रोम क्या है?
बड चैरी सिंड्रोम पेट से जुड़ी एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें लिवर की हिपेटिक वेन में रक्त का थक्का बनने के कारण रुकावट आ जाती है। यह बीमारी होने पर लिवर की रक्त वाहिका ब्लॉक हो जाती है जिसके कारण हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। सही तरीके से रक्त का प्रवाह न होने के कारण लिवर को फ्रेश ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता है और यह काम करना बंद कर देता है। इससे लिवर गंभीर रुप से डैमेज हो सकता है।
जब लिवर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं तो पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और उल्टी होती है। अगर समस्या जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है बड चैरी सिंड्रोम होना?
बड चैरी सिंड्रोम एक रेयर डिसॉर्डर है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में भारी संख्या में लोग बड चैरी सिंड्रोम से पीड़ित हैं। ज्यादातर मामलों में 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
बड चैरी सिंड्रोम के क्या लक्षण है?
बड चैरी सिंड्रोम के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों में इस बीमारी के लक्षण तब तक सामने नहीं आते जब तक कि रक्त का प्रवाह रुकने के कारण लिवर डैमेज नहीं जाता है। समय के साथ इस बीमारी के ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- मितली और उल्टी
- प्लीहा (spleen) बढ़ जाना
- वजन कम होना
- खून की उल्टी
- लिम्ब में सूजन
- पेट में दर्द
- आंख और स्किन पीला पड़ जाना (jaundice)
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए लिवर फेल हो जाता है।
बड़ चैरी सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में ये समस्याएं सामने आती हैं :
- लिवर बढ़ जाना
- हाई ब्लड प्रेशर
- फाइब्रोसिस
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर बड चैरी सिंड्रोम अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कारण
बड चैरी सिंड्रोम होने के कारण क्या है?
बड चैरी सिंड्रोम के 70 प्रतिशत मामलों का सटीक कारण ज्ञात नहीं है। आमतौर पर कुछ दवाओं, बीमारियों और आनुवांशिक डिसऑर्डर के कारण यह रोग होता है। लिवर की वाहिकाओं में क्लॉटिंग या फाइब्रस टिश्यू के कारण से खून जम सकता है जिसके कारण बड चैरी सिंड्रोम हो सकता है। इस बीमारी के मुख्य कारण निम्न हैं :
- इनहेरिटेड ब्लड डिसऑर्डर
- लिवर कैंसर
- इंफेक्शन
- वेन में सूजन
- बर्थ कंट्रोल पिल्स
- प्रेगनेंसी
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
इसके अलावा रेडिएशन, आर्सेनिक, ब्लड पॉयजनिंग और कैंसर कीमोथेरेपी दवाओं के कारण भी बड चैरी सिंड्रोम होता है।
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जोखिम
बड चैरी सिंड्रोम के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
बड चैरी सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का लंबे समय तक इलाज न कराने से लिवर फेल हो सकता है और लिवर ट्रांसप्लांट न कराने से व्यक्ति की उम्र 3 साल घट सकती है। चूंकि इस बीमारी के शुरूआती लक्षण सामने नहीं आते हैं इसलिए समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिए जिससे समय रहते यह बीमारी पकड़ में आ सके। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
बड चैरी सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?
बड चैरी सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर मरीज के पेट को हल्का सा दबाते हैं और फ्लुइड एवं बढ़े हुए लिवर को महसूस करते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- ब्लड टेस्ट-लिवर फेल होने का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- अल्ट्रासाउंड- लिवर की साइज और फंक्शन जानने के लिए मरीज को अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है।
- सीटी स्कैन- इस टेस्ट से डैमेज ऊतकों की जांच की जाती है।
इसके अलावा लिवर में असामान्यता दिखायी देने पर डॉक्टर बायोप्सी की सलाह देते हैं। डॉक्टर मरीज के हिपेटिक वेन के दबाव को भी माप कर इस बीमारी का निदान करते हैं।
बड चैरी सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?
बड चैरी सिंड्रोम का निदान होने के बाद डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं जिससे व्यक्ति में इस बीमारी के असर को कम किया जाता है। बड चैरी सिंड्रोम का इलाज निम्न तरीके से किया जाता है :
1.मेडिकेशन
बड चैरी सिंड्रोम के इलाज के लिए एंटीक्लॉटिंग दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं रक्त के थक्के को पिघला देती हैं। इन्हें फाइब्रिनोलिटिक दवाएं कहा जाता है। इसके अलावा वेन में ब्लड क्लॉट को रोकने के लिए डॉक्टर एंटी कोगुलेंट भी दे सकते हैं।
2.सर्जरी
हिपेटिक वेन में रक्त के प्रवाह को सुधारने के लिए डॉक्टर सर्जरी करते हैं। इस प्रक्रिया को परक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनाल एंजियोप्लास्टी कहा जाता है। इसके बाद सर्जन रक्त वाहिकाओं में तार की जाली डालते हैं जिससे ये वाहिकाएं खुली रहती हैं।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बड चैरी सिंड्रोम को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको बड चैरी सिंड्रोम है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जिसमें बहुत ही अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हों। इसके साथ ही आपको पर्याप्त पानी पीने और एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। वहीं, आपको अपने आहार में फाइबर शामिल करना चाहिए और हल्का भोजन करना चाहिए जिससे पाचन क्रिया ठीक रहे। बड चैरी सिंड्रोम होने पर आपको निम्न फूड्स खाना चाहिए:
- दलिया
- ओट्स
- जूस और सूप
- सलाद
- खीरा
- संतरा
इसके अलावा बेहतर जीवनशैली अपनाने, संतुलित भोजन करने और चाय, कॉफी सहित कार्बोनेटेड पेय पदार्थो से परहेज करने एवं समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहने से इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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