backup og meta

Narcolepsy : नार्कोलेप्सी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

Narcolepsy : नार्कोलेप्सी क्या है?

परिचय

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) क्या है?

नार्कोलेप्सी एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को दिन में बहुत अधिक नींद आती है या अचानक स्लीप अटैक आता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पूरे दिन उबासी आती रहती है और कोई भी काम करते हुए नींद के कारण आंखें बंद हो सकती हैं। नार्कोलेप्सी के कारण नियमित दिनचर्या प्रभावित होती है और इससे पीड़ित व्यक्ति को दिन में अधिक देर तक जगे रहने में कठिनाई होती है।

नार्कोलेप्सी के कारण कई बार मांसपेशियां अस्थायी रुप से अपना नियंत्रण खो बैठती हैं, जिसे कैटाप्लेक्सी कहा जाता है। यह घातक बीमारी नहीं है, लेकिन इसके कारण दुर्घटना और चोट लग सकती है। एक सामान्य नींद चक्र में व्यक्ति की नींद तीन चरणों में पूरी होती है। शुरूआत में व्यक्ति की नींद बहुत हल्की होती है फिर गहरी होती है और लगभग 90 मिनट बाद वह रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) स्लीप लेता है। लेकिन नार्कोलेप्ली से पीड़ित व्यक्ति आंख बंद करने के तुरंत बाद आरईएम स्लीप लेने लगता है, जिसके कारण वह घंटों सोता रहता है और नींद नहीं खुलती है।

नार्कोलेप्सी दो प्रकार की होती है-टाइप 1 नार्कोलेप्सी और टाइप 2 नार्कोलेप्सी। कैटाप्लेक्सी के साथ होने वाली नार्कोप्लेसी को टाइप 1 नार्कोप्लेसी कहते हैं, जो बहुत आम है और बच्चों को होती है। बिना कैटाप्लेक्सी वाली नार्कोलेप्सी को टाइप 2 नार्कोलेप्सी कहते हैं।अगर समस्या की जद बढ़ जाती है, तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है। इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

[mc4wp_form id=’183492″]

कितना सामान्य है नार्कोलेप्सी होना?

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। आमतौर पर 2000 में से हर एक व्यक्ति नार्कोलेप्सी से पीड़ित हैं। यह बीमारी 10 से 25 वर्ष के लोगों में होती है, लेकिन सही तरीके से इसका पता नहीं चल पाता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़ें : Dragon’s Blood: ड्रैगन ब्लड क्या है?

लक्षण

नार्कोलेप्सी के क्या लक्षण है?

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्ति प्रायः दिन में नींद नहीं खुलती है और शरीर में सुस्ती बनी रहती है। जिसके कारण निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं :

  • एक्सेसिव डे टाइम स्लीपनेस (ईडीएस): रात में सोने के बावजूद दिन में अधिक नींद आती है, जिसके कारण एनर्जी कम हो जाती है और एकाग्र होने में कठिनाई होती है। नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्ति को उदासी और थकान महसूस होती है।
  • स्लीप पैरालिसिस: नींद खुलने के बाद व्यक्ति कुछ मिनट तक उठने, बैठने या कुछ भी बोलने में असमर्थ होता है।
  • कैटाप्लेक्सी:  इसमें मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रहता है और व्यक्ति चलने या उठने में लड़खड़ाता है। कैटाप्लेक्सी के कारण तेज गुस्सा भी आता है।
  • हैलुसिनेशन: इसमें नींद में व्यक्ति के दिमाग में कोई दृश्य चल रहा होता है लेकिन इंद्रियां शामिल नहीं होती हैं। यदि यह तब होता है। जब आप गहरी नींद में न हों तो इसे हिप्नागोजिक हैलुसिनेश कहते हैं और यदि यह नींद खुलने के बाद होता है तो इसे हिप्नोपोम्पिक हैलुसिनेशन कहते हैं। 

कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से व्यक्ति को तेज उत्तेजना होती है और वह जोर से हंसता है, डरता है और उसे गुस्सा आता है। नार्कोलेप्सी के लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे ही होते हैं। इसलिए कई बार इस बीमारी के सटीक लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल होता है।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर नार्कोलेप्सी अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। अगर आपको दिन में बहुत ज्यादा नींद आती है और इससे आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ प्रभावित हो रही हो तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़ें : Sleep Deprivation : स्लीप डेप्रिवेशन क्या है?

कारण

नार्कोलेप्सी होने के कारण क्या है?

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) का सटीक कारण ज्ञात नहीं है। टाइप 1 नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्ति में हाइपोक्रेटिन रसायन का स्तर कम होता है। हाइपोक्रेटिन मस्तिष्क में मौजूद एक महत्वपूर्ण न्यूरोकेमिकल है, जो जागने और सोने के पैटर्न को रेगुलेट करने में मदद करता है। कैटाप्लेक्सी के मरीजों में भी हाइपोक्रेटिन का स्तर कम होता है। दरअसल मस्तिष्क में हाइपोक्रेटिन बनाने वाली कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने का कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि यह ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारण होता है। नार्कोलेप्सी डिसऑर्डर आनुवांशिक कारणों से भी होता है। यदि परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या हो तो आपको नार्कोलेप्सी होने की संभावना बढ़ जाती है।

और पढ़ें : क्या है पॉलिफेसिक स्लीप (Polyphasic Sleep)?

जोखिम

नार्कोलेप्सी के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) के कारण आपकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ प्रभावित हो सकती है और काम या स्कूल में आपके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अधिक सुस्ती और आलस महसूस होती है और कई बार तेज गुस्सा, हंसी और उत्तेजना का अनुभव होता है। सिर्फ इतना ही नहीं नार्कोलेप्सी के कारण व्यक्ति का मेटाबोलिज्म कम हो जाता है। इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और वजन तेजी से बढ़ सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़ें : Diabetic Eye Disease: मधुमेह संबंधी नेत्र रोग क्या है?

उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

नार्कोलेप्सी का निदान कैसे किया जाता है?

नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। नार्कोलेप्सी के लक्षण अन्य बीमारियों की तरह होते हैं इसलिए इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :

  • व्यक्ति की स्लीप साइकिल का पता लगाने के लिए पॉलीसोम्नोग्राम टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट पूरी रात चलता है और इससे नोर्कोलेप्सी के कारणों का भी निदान हो जाता है।
  • नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्ति की कलाई में एक्टीग्राफ पहनाकर यह मॉनिटर किया जाता है कि व्यक्ति कब और कैसे सोता है। इसके साथ ही स्लीप डायरी पर भी पलक झपकने की दर को नोट किया जाता है।
  • मल्टीपल स्लीप लैटेंसी टेस्ट लैब या स्पेशल क्लिनिक में किया जाता है जिसमें दिन के समय व्यक्ति का स्लीप पैटर्न मापा जाता है।
  • इसके अलावा मरीज के उसकी स्लीप पैटर्न से जुड़े कुछ सवाल पूछे जाते हैं और कुछ हफ्तों तक नींद के दौरान लक्षणों को ट्रैक किया जाता है। कई बार लक्षणों के आधार पर ही बहुत आसानी से नार्कोलेप्सी का निदान हो जाता है।

    और पढ़ें : स्लीप पैरालिसिस (Sleep Paralysis) के कारण और उपाय

    नार्कोलेप्सी का इलाज कैसे होता है?

    नार्कोलेप्सी का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) के असर को कम किया जाता है। नार्कोलेप्सी के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :

    1. स्टीमूलेंट ड्रग्स केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती हैं और दिन में जगे रहने में मदद करती हैं। डॉक्टर नार्कोलेप्सी के इलाज के लिए सबसे पहले मोडाफिनिल (modafinil) या आर्मोडाफिनिल दवा देते हैं।
    2. कैटाप्लेक्सी, हिप्नागोजिक हैलुसिनेशन और स्लीप पैरालिसिस के लक्षणों को कम करने के लिए  वेनलाफैक्सिन (venlafaxine) जैसी दवा दी जाती है।
    3. कैटाप्लेक्सी के असर को कम करने के लिए एंटीडिप्रेसेंट जैसे प्रोट्रिप्टिलिन, इमिप्रामिन और क्लोमिप्रामिन जैसी दवाएं बहुत प्रभावी होती हैं।
    4. सोडियम ऑक्सजलेट रात में नींद को बढ़ाता है और नार्कोलेप्सी के असर को कम करता है। इसकी खुराक बढ़ाने से दिन में नींद नहीं आती है।

    यदि आपको उच्च रक्तचाप, डायबिटीज की समस्या है, तो नार्कोलेप्सी के लिए कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर को इन बीमारियों के बारे में बताएं। साथ ही यदि आप एलर्जी या सर्दी खांसी की दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें।

    घरेलू उपचार

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

    अगर आपको नार्कोलेप्सी है, तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जिसमें बहुत ही अधिक मात्रा में फाइबर, विटामिन और अन्य पोषक तत्व पाये जाते हों। इसके साथ ही आपको अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।

    इसके साथ ही जीवनशैली और आदतों में बदलाव करके नार्कोलेप्सी से काफी हद तक बचा जा सकता है।

    • रोजाना रात में निर्धारित समय पर ही सोएं और कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।
    • रात में ज्यादा खाना खाने से परहेज करें।
    • रात में सोने से पहले फ्लुइड न लें।
    • रोजाना एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें।
    • देर शाम या रात में एल्कोहल,निकोटिन, चाय, कॉफी या कोई अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थ का सेवन न करें।
    • अपने वजन को नियंत्रित रखें।
    • रिलैक्स होने के लिए दिन में सिर्फ 10-15 मिनट तक पावर नैप लें।

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं। अगर आप नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement