के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
स्लीप डेप्रिवेशन (Sleep Deprivation) यानी नींद की कमी तब होती है जब व्यक्ति जागने और सतर्क महसूस करने के लिए जरूरत से कम सोता है।
बड़े उम्रदराज वयस्कों में नींद की कमी का प्रभाव ज्यादा देखा जाता है। जबकि अन्य, विशेष रूप से बच्चे और युवा वयस्कों में स्लीप डेप्रिवेशन का खतरा कम होता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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स्लीप डेप्रिवेशन के सामान्य लक्षण हैंः
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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अधिकतर लोग अपनी आदतों के कारण या किसी काम की वजह से हर दिन देरी से सोते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं। जोकि स्लीप डेप्रिवेशन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसकी समस्या टीनएजर और युवाओं में अधिक देखी जाती है।
कई कारणों, जैसे- शिफ्ट वर्क या पारिवारिक वजहों से भी नींद नहीं आती है।
बार-बार सोने और जागने के समय में बदलाव करने के कारण भी स्लीप डेप्रिवेशन की समस्या हो सकती है।
नींद की कमी के अतिरिक्त कारणों में अवसाद, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हार्मोन असंतुलन और पुरानी बीमारियों जैसी चिकित्सा समस्याएं भी शामिल हो सकती हैं।
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निम्न स्थितियां और आदतें स्लीप डेप्रिवेशन के जोखिम को बढ़ा सकती हैंः
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
नींद की समस्या की पहचान करने के लिए अपनी नींद का इतिहास रखें। प्रत्येक दिन इस बात का रिकॉर्ड रखें कि आप कितने बजे और कितने घंटे के लिए सोते हैं। आप अधिकतम कितने घंटे के लिए सो सकते हैं। रात में सोते समय आप कितनी बार जागते हैं और कितनी देर के लिए।
नींद के विशेषज्ञ आपकी नींद का एक ग्राफ तैयार करेंगे। जिसके आधार पर वो इसके कारण की पहचान करेंगे।
इसके अलावा डॉक्टर आपके शरीर के विभिन्न बिंदुओं पर इलेक्ट्रोड लगााते हैं। इस दौरान आपके मस्तिष्क और चेहरे पर इसे लगाते हैं। जिसे लगातार आपको रात भर सोना होगा। इस दौरान ये मॉनिटर आपकी नींद के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया, खून के फ्लो, हृदय गति, मांसपेशियों की गतिविधियों और मस्तिष्क और आंखों की क्रियाओं को रिकॉर्ड करेगा।
कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
नींद की कमी या स्लीप डेप्रिवेशन का उपचार के जरिए आपको प्राकृतिक तौर पर पूर्ण रूप से नींज प्रदान की जाती है। जितनी देर और जितनी गहरी नींद में आप सोएंगे इसका उपचार उतना ही सफल होता है।
इसके उपचार के दौरान धीरे-धीरे आपके सोने के समय को बढ़ाया जाएगा। जिसे तब तक बढ़ाया जा सकता है जब तक आपको उचित नींद नहीं मिलती है। एक बार जब आप इस समस्या पर नियंत्रण कर लेते हैं, तो जरूरत के अनुसार आप इसके घंटों में कमी भी ला सकते हैं। इसके लिए दवाओं का भी सहारा लिया जा सकता है।
अगर इलाज के दौरान भी नींद की कमी की समस्या बनी रहती है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
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निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको स्लीप डेप्रिवेशन से बचने में मदद कर सकते हैं:
इस आर्टिकल में हमने आपको स्लीप डेप्रिवेशन से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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