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स्लीप हायजीन को भी समझें, हायपर एक्टिव बच्चों के लिए है जरूरी

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/07/2021

    स्लीप हायजीन को भी समझें, हायपर एक्टिव बच्चों के लिए है जरूरी

    क्या आपका बच्चा हाइपरएक्टिव है? क्या उसे रात को नींद नहीं आती है। इस आर्टिकल में आप सीखेंगे कि उनकी नींद की समस्या को कैसे मैनेज करें। आपके बच्चे के सोने की जगह की साफ-सफाई को उनकी ‘स्लीप हाइजीन’ कहा जाता है। स्लीप हाइजीन से बच्चे को अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है। ऐसी कई चीजें हैं, जो माता-पिता बच्चों के लिए ऐसे में कर सकते हैं।

    बच्चों में स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) की आदतें डालना न केवल उनके लिए अच्छा है बल्कि आगे चलकर ये माता-पिता के लिए भी अच्छा साबित होता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि आप अपने हाइपर एक्टिव बच्चे को रिफ्रेशिंग, रिपेयरिंग और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेने में कैसे मदद कर सकते हैं? आप उन तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जो अच्छी स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) और हेल्दी स्लीप रूटीन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

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    हायपर एक्टिव बच्चों में स्लीप हाइजीन (Sleep Hygiene for Hyperactive Children)

    बच्चों और अडल्ट के लिए नींद के अलग-अलग मायने है। बच्चों को पर्याप्त नींद मिलनी चाहिए, क्योंकि नींद बच्चों में विकास और अच्छे स्वास्थ्य से संबंधित है। इसी तरह नींद न आना और ठीक से नींद न लेने के सायकोलॉजिकल और शारीरिक परिणाम भी होते हैं, जो बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं।

    डॉक्टर से इसका सटीक डायग्नोसिस कराना भी जरूरी है, ताकि वे ऐसे उपाय बता सकें, जो बच्चों की नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकें।

    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) के लिए जरूरी है सही रूटीन

    स्लीप हाइजीन के लिए हाइपर एक्टिव बच्चों का सही रुटिन बनाना जरूरी है। एक ही समय पर एक ही रुटिन फॉलो करना हमेशा उनकी बायोलॉजिकल क्लॉक को मैनेज करने में मदद करता है। स्लीप हाइजीन के लिए रुटिन बनाना और उसको फॉलो करना बच्चे के नींद पैटर्न को कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) के लिए रुटिन को फॉलो करें

    अगर आपके बच्चे उस उम्र में हैं, जब वे स्कूल जाते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि स्कूल में वेकेशन के दौरान नींद की समस्याएं बढ़ जाती है क्योंकि बच्चे का रुटिन बदल जाता है।

    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) के लिए उन्हें हल्का डिनर दें

    बच्चों को सोने से एक या दो घंटे पहले अपने भोजन को पूरी तरह से पचाने की जरूरत होती है। चीनी या कैफीन वाली चीजों को खाने से बचें यह उन्हें ओवरस्टिम्युलेट कर सकता है।

    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) के लिए बच्चों के कमरे पर दें ध्यान

    हाइपर एक्टिव बच्चों के लिए स्लीप हाइजीन में उनके बेडरूम के बारे में कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

    • हमेशा ध्यान दें कि वे एक ही समय में, एक ही जगह सोते हैं। बच्चों के कमरे में कम रोशनी और शांति होनी चाहिए। स्लीप हाइजीन के लिए उनका कमरा बाहरी शोर से दूर और कमरे का तापमान सही होना चाहिए।
    • उनकी बायोलॉजिकवल वॉच पर्यावरण की स्थितियों से प्रभावित हो सकती है। अंधेरे में बच्चों का दिमाग शांत रहता हैं। इसके उलट रोशनी में दिमाग एक्टिविटी को बढ़ावा देता है जिसकी वजह से नींद नहीं आती।

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    बच्चों को बिस्तर से नींद से जोड़ना चाहिए

    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) को ध्यान रखते हुए हाइपरएक्टिव  बच्चे के लिए सोने का बिस्तर आरामदायक और दृढ़ होना चाहिए। बच्चों की नींद के लिए सही बिस्तर और कपड़े चुनें। कपड़े चुनते हुए ध्यान दें कि यह ढीले-ढाले हो ताकि वे सोते समय आरामदायक महसूस करें।

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    सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल कम करें

    स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) के लिए जरूरी है जब बच्चे बिस्तर पर जाएं, तो वह मैंटली फ्री रहें। उन्हें बिस्तर पर सोने के दौरान होमवर्क नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक मेंटल एक्टिविटी है। इसलिए वीडियो गेम, टेलीविजन और घर के दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स को कहीं और रखना चाहिए। बच्चे के बेडरूम में कोई भी ऐसी चीज ना रखें, जिसका इस्तेमाल वह सोने से पहले कर सकें।  माता-पिता को यह ध्यान देना चाहिए कि बच्चा जब बिस्तर पर जाए, तो उससे पहले वह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल न करें।

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    बच्चों में गुड स्लीप हाइजीन के लिए इन चीजों को करें अवॉयड

    कैफीन 

    गुड स्लीप हाइजीन की शुरुआत दिन की शुरुआत में बच्चे के पहले फूड इनटेक से ही हो जाती है। आपको बच्चे के खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत होती है। कैफीन एक स्टिम्यूलेंट है, जिसकी वजह से नींद नहीं आती और इससे आपका बच्चा अधिक समय तक जाग सकता है।

    एक्सरसाइज

    कई बच्चों को सोते समय इसलिए परेशानी होती है क्योंकि वे पूरे दिन इनएक्टिव रहते हैं। अपने बच्चे को मोटिवेट करना, जहां संभव हो खेलना और बाहर खेलना बच्चे की एनर्जी को एक्टिव रखता है और दिन के अंत में बच्चे को थका हुआ महसूस कराता है। यहां तक कि अगर आपका बच्चा बहुत ‘स्पोर्टी’ नहीं है तो ऐसे में बस ताजी हवा में टहलना मददगार हो सकता है।

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    वातावरण

    आपके बच्चे के लिए सोने का वातावरण एक ऐसी जगह होनी चाहिए, जहां वे सुरक्षित महसूस करें। आपके घर में एक ऐसी जगह होनी चाहिए, जो केवल उन्हें सोने का फील दें। ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे नींद का माहौल बनाया जा सकता है लेकिन यह आपके बच्चे की जरूरतों पर निर्भर करेगा।

    सेल्फ सेटलिंग

    अगर आपका बच्चा रात में नियमित रूप से जाग रहा है, तो यह जरूरी है कि वे माता-पिता की मदद लेने से पहले खुद अपनी मदद करें। इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। यह भावनात्मक रूप से बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, इसके लिए माता-पिता को दृढ़ होने की जरूरत होती है।

    बच्चे को बेहतर स्लीप हाइजीन में ढ़ालने के लिए माता-पिता को बच्चे के साथ काम करना पड़ता है। बच्चों के अंदर स्लीप हाइजीन की आदत बचपन में ही डालें। उनको हर उस चीज से दूर रखें जो उनकी नींद के बीच में आ सकता है। डिजिटल दौर में बच्चे इलेक्ट्रॉनिक से बहुत प्रभावित रहते हैं और देर रात तक फोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। सोने से लगभग एक घंटे पहले से बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक का इस्तेमाल न करने दें।

    जानें क्या न करें

    अभिभावकों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो बच्टों को कैफीन न दें, खासतौर पर तब जब बच्चा सोने के लिए बेड पर जा रहा हो उसके चार से छह घंटे पहले तक नहीं देना चाहिए। इसके अलावा कोशिश यही होनी चाहिए कि बच्चों को खाने में मसालेदार युक्त खाद्य पदार्थ न दिया जाए। सोने के पहले चार घंटों तक मसालेदार युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं सोने के करीब दो घंटे पहले तक एक्सरसाइज का खेलने-कूदने से परहेज करना चाहिए।

    इतना ही नहीं कोशिश यही रहनी चाहिए कि सोने के पहले बच्चे टीवी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें न ही किसी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का ही इस्तेमाल करें और सबसे अहम यह कि सोने के पहले कभी भी किसी से बहस या लड़ाई नहीं करना चाहिए।

    ले सकते हैं एक्सपर्ट की सलाह

    यदि आपके बच्चे को नींद अच्छे से न आए तो संभव है कि उसकी दैनिक एक्टिविटी भी अच्छी न गुजरे। नींद का सीधा संबंध आपके रोजमर्रा की एक्टिविटी के साथ है। यही वजह है कि चाहे बच्चा हो या बड़ा सभी को पर्याप्त नहीं लेनी ही चाहिए। चार से 12 माह के नवजात को 12 से 16 घंटों की नींद, एक साल से 2 साल के बच्चों को 11 से 14 घंटों की नींद और 3 से 5 साल के बच्चों को कम से कम 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

    इसके अलावा 6 से 12 साल के बच्चों को कम से कम 9 से 12 घंटों की नींद दिनभर में लेनी ही चाहिए। तभी व मानसिक व शारिरिक रूप से स्वस्थ्य रह सकेंगे। यदि इससे कम नींद लें तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। कई मामलों में डॉक्टर के परामर्श को लेकर आप इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

    रात में स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene) को फॉलो करने के लिए सुबह अपने बच्चे की प्रशंसा करने से वह अपनी आदतों को दोहराते हैं। इससे उनकी आदतें सुधारने में मदद मिलती है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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