के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पुरुषों के दोनों टेस्टिकल के पीछे मौजूद कॉइल्ड ट्यूब को एपिडिमीमिस (Epididymitis) कहते हैं और जब इसमें सूजन होती है तो इसे एपिडिडीमाइटिस कहा जाता है। यह आमतौर पर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STDs) के कारण होती है, लेकिन कई अन्य तरह के बैक्टीरिया भी एपिडिडीमाइटिस का कारण हो सकते हैं। यह किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकता है, लेकिन अधिकांश मामलों में यह 14 से 35 साल के पुरुषों को अधिक होता है। वैसे इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से स्थिति में सुधार होता है।
एपिडिडीमाइटिस दो प्रकार के होते हैं। एक्यूट एपिडिडीमाइटिस (Acute Epididymitis) , जो अचानक होती है और दर्द व सूजन भी अचानक ही बढ़ जाता है। ऐसे एपिडिडीमाइटिस 6 हफ्ते में ठीक होते हैं।
क्रॉनिक एपिडिडीमाइटिस (Chronic Epididymitis) धीरे-धीरे विकसित होता है और दर्द भी कम होती है। यह लंबे समय में होने वाली समस्या है और 6 महीने से अधिक समय तक सकते हैं इसे ठीक होने में। यदि अंडकोष में भी सूजन या दर्द हो रहा है तो इस स्थिति को एपिडिडीमो ऑर्क्टाइटिस कहा जाता है।
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बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) होता है। यह इंफेक्शन आमतौर पर प्रोस्टेट (Prostate), ब्लैडर (Bladder) या मूत्रमार्ग से शुरू होता है। एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) के कारणों में शामिल हैः
वैसे तो बच्चों में एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) दुर्लभ मामलों में ही पाया जाता है। बच्चों के मामले में संक्रमण ब्लैडर या मूत्रमार्ग के जरिए फैलता है। सूजन (Swelling) इन कारणों से हो सकता हैः
एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) के अन्य कारणों में शामिल हैः
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एपिडिडीमाइटिस के कारण एक या दोनों अंडकोष में दर्द होता है। प्रभावित हिस्सा लाल हो जाता है और सूजन भी रहती है। छूने पर हिस्सा गर्म लगता है, लेकिन एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) का यदि समय रहते इलाज न कराया जाए तो यह गंभीर हो सकता है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैः
एपिडिडीमाइटिस के लक्षण आमतौर पर इसके कारणों पर निर्भर करते हैं। जैसे यदि एपिडिडीमाइटिस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण हुआ है तो पेनिस से डिस्चार्ज होता है, जबकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण होने पर बार-बार आपको पेशाब के लिए जाना पड़ता है।
एपिडिडीमाइटिस का मुख्य कारण सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STD) है। वैसे यह अन्य कारणों से भी हो सकता है। एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) का खतरा बढ़ जाता है यदिः
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डॉक्टर किसी तरह के संक्रमण का पता लगाने के लिए आपके अंडाशय की जांच करता है और आपसे लक्षणों के बारे में कुछ सवाल करता है। प्रोस्टेट की जांच के लिए रेक्टल परीक्षण भी करता है। यदि आपके डॉक्टर को एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) का संदेह होता है तो वह कुछ अन्य टेस्ट की सलाह देगा, जिसमें शामिल हैः
यूरीन सैंपल- संक्रमण (Infection) के लक्षणों का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट (Urine test) किया जाता है।
ब्लड सैंपल- रक्त का नमूना लेकर जांच की जाती है ताकि किसी तरह की असमान्यताओं का पता लगाया जा सके।
स्वैब सैंपल- इस टेस्ट के लिए डॉक्टर एक पतला स्वैब पेनिस के ऊपर रखकर सैंपल लेता है। ऐसा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STDs) की जांच के लिए किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड- डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के लिए भी कह सकता है। इसमें ध्वनि तरंगों की मदद से अंडाशय की छवि बनाई जाती है जिससे डॉक्टर को जांच में मदद मिलती है।
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बैक्टीरियल एंपिडिडीमाइटिस और एपिडिडीमो-ऑर्क्टाइटिस के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत होती है। यदि एपिडिडीमाइटिस (Epididymitis) का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है तो आपके सेक्सुअल पार्टनर को भी इलाज की जरूरत है। आपको एंटीबायोटिक (Antibiotic) का पूरा कोर्स करने की जरूरत होती है। आमतौर पर एंटीबायोटिक्स लेने के 48 से 72 घंटे के अंदर आप अच्छा महसूस करने लगते हैं। इस दौरान आराम करने, दर्दनिवारक दवा और आइस पैक के इस्तेमाल से भी आराम मिलता है। इंफेक्शन कितना कम हुआ है इसकी जांच के लिए डॉक्टर फॉलो अप चेकअप के लिए कहता है।
सर्जरी
यदि फोड़ा हो गया है तो आपको सर्जरी की जरूरत होगी। कई बार एपिडिडीमिसा को पूरा या उसके कुछ हिस्से को हटाया जाता है। यदि एपिडिडीमाइटिस शारीरिक असमान्यताओं के कारण है तब भी सर्जरी की सलाह दी जाती है।
एपिडिडीमाइटिस में अंडकोष में दर्द होता है ऐसे में कुछ घरेलू तरीकों से दर्द और असहजता को कम किया जा सकता हैः
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