परिचय
कान का संक्रमण क्या है?
कान का संक्रमण तब होता है जब वायरस या बैक्टीरिया के कारण ईयरड्रम के पीछे सूजन पैदा हो जाता है। यह समस्या बच्चों में आम है। कान के संक्रमण को ओटिटिस मीडिया (otitis media) भी कहा जाता है। कान के इंफेक्शन की समस्या आमतौर पर सर्दियों के मौसम में या वसंत ऋतु की शुरुआत में होता है।
हालांकि कभी-कभी कान का इंफेक्शन बिना किसी दवा के ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि कान में दर्द लगातार बना हो या व्यक्ति को बुखार हो तो कान के संक्रमण का इलाज कराना जरुरी होता है। अगर समस्या जद से बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
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कितना सामान्य है कान का संक्रमण होना?
कान का संक्रमण एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग कान के संक्रमण से पीड़ित हैं। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। आमतौर पर 3 साल की उम्र तक के 80 प्रतिशत बच्चे कान के इंफेक्शन से पीड़ित होते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
लक्षण
कान के संक्रमण के क्या लक्षण है?
कान के संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को कान में दर्द सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समय के साथ कान के संक्रमण के कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- चिड़चिड़ापन
- कान में दर्द
- नींद न आना
- कानों में खिंचाव
- बुखार
- कान से पीला या खूनी स्राव होना
- मितली और उल्टी
- भूख न लगना
- कान से सुनाई न देना
- डायरिया
- सिरदर्द
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए कान में तेज खुजली महसूस होती है।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। कान के संक्रमण के लक्षण यदि एक दिन से अधिक रहते हैं या ये लक्षण 6 महीने की उम्र से कम के बच्चे में दिखायी देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
इसके अलावा कान में गंभीर दर्द होने या पस निकलने पर भी तत्काल इलाज कराना जरुरी है। हर किसी के शरीर पर कान का संक्रमण अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कारण
कान का संक्रमण होने के कारण क्या है?
कान का संक्रमण मिडिल ईयर में बैक्टीरियम या वायरस के इंफेक्शन के कारण होता है। यह इंफेक्शन आमतौर पर सर्दी, फ्लू, एलर्जी जैसी समस्याओं के कारण होता है जिससे नाक, गले और यूस्टेशियन ट्यूब में सूजन हो जाती है। बच्चों में कान का संक्रमण कई कारणों से होता है। बच्चों का श्वसन तंत्र पहले से ही संक्रमित होता है और फिर कान में भी इंफेक्शन हो जाता है। बच्चों के कान में बैक्टीरिया फ्लूइड के रुप में विकसित होते हैं जिससे कान में दर्द और संक्रमण की समस्या हो जाती है।
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जोखिम
कान के संक्रमण के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
कान के संक्रमण के कारण रेयर ही कोई समस्या होती है। लेकिन यदि कान में इंफेक्शन बार-बार होता है तो इसके कारण गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। संक्रमण कान की हड्डियों में फैल सकता है। साथ ही मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड में भी संक्रमण हो सकता है। कुछ लोगों को बहरापन हो सकता है जो कभी ठीक नहीं हो सकता है। इसके अलावा कान के संक्रमण के कारण ईयरड्रम टूट सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कान के संक्रमण का निदान कैसे किया जाता है?
कान के संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का स्वास्थ्य इतिहास भी देखते हैं। इसके बाद डॉक्टर ओटोस्कोप से मरीज के ईयरड्रम में लालिमा, सूजन, पस और फ्लूइड की जांच करते हैं। इस समस्या को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- टिम्पैनोमेट्री टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि मरीज का कान सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं।
- एकोस्टिक रिफ्लेक्टोमेट्री टेस्ट से कान के मध्य भाग में फ्लूइड की जांच की जाती है और यह पता किया जाता है कि ईयरड्रम से आवाज वापस रिफ्लेक्ट हो रही है या नहीं।
बच्चों के कान में फ्लूइड जमा होने या इंफेक्शन होने पर ऑडियोलॉजिस्ट कान की जांच करते हैं। साथ ही स्पीच थेरेपिस्ट और डेवलपमेंटल थेरेपिस्ट मरीज के सुनने की क्षमता, स्पीच और लैंग्वेज टेस्ट करते हैं।
कान के संक्रमण का इलाज कैसे होता है?
कान के संक्रमण के इलाज के कई विकल्प मौजूद हैं। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में कान के संक्रमण के असर को कम किया जाता है। कान के संक्रमण के इलाज के लिए दो तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- सबसे पहले कान के दर्द को दूर करने के लिए दवाएं दी जाती हैं, जैसे- एसिटामिनोफेन और आईब्रुफ्रेन।
- ईयरड्रम में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को दूर करने के लिए ईयरड्रॉप डाली जाती है।
इसके अलावा मरीज को एंटीबायोटिक और बुखार की दवाएं दी जाती हैं जिससे कान का इंफेक्शन खत्म हो जाता है। साथ ही जीवनशैली में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है। अगर कान का इंफेक्शन बहुत गंभीर हो चुका हो तो कान की सर्जरी एक मात्र विकल्प बचा रहता है।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे कान के संक्रमण को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको कान का संक्रमण है तो आपके डॉक्टर साफ सफाई और अच्छी आदतें अपनाने की सलाह देंगे। साथ ही अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करने, खाने और पीने का बर्तन दूसरों से शेयर न करने की सलाह भी देंगे। इसके अलावा आपको धूम्रपान नहीं करना चाहिए और बच्चे को शुरूआत के 6 महीनों तक बॉटल से दूध नहीं पिलाना चाहिए। इस समस्या से बचने के लिए सभी जरूरी टीके लगवाना चाहिए।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।