परिभाषा
पेट का फ्लू (Stomach Flu?) किस तरह की बीमारी है?
पेट का फ्लू एक तरह का वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या पेट का फ्लू (Stomach Flu) एक प्रकार का इंटेस्टाइनल संक्रमण (Intestinal Infection) है, जिसमें क्रैम्प्स, डायरिया, बेचैनी और उल्टी जैसी परेशानियां हो सकती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले लोग जैसे कि बच्चों और बूढ़ों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
पेट का फ्लू होना कितनी आम समस्या है? (Causes of Stomach Flu)
पेट का फ्लू (Stomach Flu) बहुत ही परेशानी माना जाता है और यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इसके कारणों को नियंत्रित करने से इसका खतरा कम हो सकता है। किसी भी और जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें: पेट का कैंसर क्या है?
लक्षण
पेट का फ्लू के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Stomach Flu)
पेट का फ्लू के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
- दस्त लगना या दस्त के साथ खून आना इसकी गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।
- एब्डोमेन में क्रैम्प्स होना या दर्द होना।
- बेचैनी, उल्टी या दोनों स्थितियों का होना।
- कभी-कभी मांसपेशियों में दर्द होना या सिरदर्द होना।
- हल्का बुखार होना।
इन लक्षणों के साथ-साथ किसी भी अन्य लक्षण के दिखने या समझ आने पर डॉक्टर से जरूर मिलें।
पेट का फ्लू (Stomach Flu) होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
इनमें से किसी भी स्थिति के दिखने पर डॉक्टर से जरूर मिलें :
- अगर आपको बार-बार टॉयलेट जाना पड़ रहा हो।
- दो दिन से ज्यादा उल्टियां हो रही हो और खून भरी उल्टियां भी हो रही हों।
- अगर आपमें डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हों। जैसे कि सिर भारी होना, बहुत ज्यादा प्यास लगना, मुंह सूखना या कमजोरी महसूस होना।
- अगर बॉवेल मूवमेंट में खून आ रहा हो उस स्थिति में भी आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
कारण
पेट के फ्लू के क्या कारण हो सकते हैं? (Causes of Stomach Flu)
किसी भी संक्रमित व्यक्ति के निकट रहने से या फिर संक्रमित भोजन करने से आपको पेट का फ्लू हो सकता है। बहुत सारे वायरस जैसे कि नोरोवायरस (Norovirus), रोटावाइरस (Rotavirus) इस बीमारी को फैला सकते हैं।
और पढ़ें: पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे
खतरों को समझें
किन खतरों से पेट का फ्लू होने की संभावना बढ़ जाती है? (Stomach Flu Risk Factors)
निम्नलिखित स्थितियों में पेट का फ्लू की संभावना बढ़ सकती है। जैसे-
- बच्चों को ये संक्रमण जल्दी हो सकता है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम (Immune System) कमजोर होता है। इसलिए उन्हें इससे बचा कर रखने की आवश्यकता रहती है।
- बूढ़े या बुजुर्ग लोग भी इस संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं क्योकि उनका इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है।
- अस्पताल में एक संक्रमित व्यक्ति से बहुत से लोगों को ये बीमारी हो सकती है। दरअसल संक्रमण के कारण ये बीमारी फैल सकती है।
- अस्पताल के अलावा कोई भी भीड़ वाली जगह जहां पर लोग इक्क्ठा होते हैं वहां पर ये संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है।
- अगर आप HIV का इलाज करवा रहे हैं, तब भी आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और आपको इंटेस्टाइन संक्रमण हो सकता है।
और पढ़ें: क्या होती हैं पेट की बीमारियां ? क्या हैं इनके खतरे?
जांच और इलाज
पेट का फ्लू की जांच कैसे की जा सकती है ? (Diagnosis for Stomach Flu)
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है किसी भी विश्वसनीय जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
मरीज में लक्षणों को देखकर और फिजिकल एग्जामिनेशन की मदद से पेट के फ्लू होने का पता लगाया जा सकता है। साथ ही अगर आपके रहने के स्थान पर ये बीमारी फैल रही है तब ही डॉक्टर इस जानकारी से भी लगा सकते हैं। स्टूल टेस्ट की मदद से वायरस, बैक्टीरिया जैसे नोरवायरस या फिर पैरासाइट संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
पेट का फ्लू होने पर इसका इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment for Stomach Flu)
इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है। एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण में काम नहीं करेंगी। एंटीबायोटिक बहुत अधिक लेने पर आपके शरीर में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया बनने लगेंगे जो की हानिकारक है।
शुरुआती इलाज आप अपनी ओर से अपना ख्याल रखकर कर सकते हैं, जिन बातों से आपके बीमारी के लक्षणों में वृद्धि हो उन्हें न करें।
पानी पिएं और डिहाइड्रेशन (Dehydration) से बचने की कोशिश करें।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू नुस्खे
पेट का फ्लू की बीमारी से कैसे बचा जाये? (How to Prevent Stomach flu)
इस बीमारी से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है।
बच्चों को समय पर वैक्सिन समय पर लगवायें
बच्चे के जन्म के शुरुआती साल में ही वैक्सिन लगवाना चाहिए। इससे इस बीमारी से बचा जा सकता है।
हाथ धोएं और बच्चे को भी हाथ धोना सिखाएं
कुछ खाने से पहले वो आप खाएं या शिशु (बच्चे) को खिला रहें हों तबभी हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें। बच्चे को हाथ कैसे अच्छी तरह धोया जाता है यह जरूर सिखाएं। अगर सोप से हाथ धोना संभव हो पाये तो ऐसे समय पर सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
अपने पर्सनल चीजों का इस्तेमाल करें
पर्सनल जीचें जैसे जूठे गिलास में पानी न पीएं, दूसरों के तौलिये का इस्तेमाल न करें या ऐसी किसी भी चीजों का प्रयोग न करें।
संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें
अगर कोई व्यक्ति फ्लू से संक्रमित है, तो उनके संपर्क से बच्चों को दूर रखें।
इन बातों को ध्यान में रखकर संक्रमण से बचाया जा सकता है।
यात्रा के दौरान क्या करें?
जब आप एक जगह से दूसरे जगह ट्रेवल कर रहें हैं तो कुछ बातों को ध्यान अवश्य रखें। जैसे-
- पाइक्ड बोतल के पानी का सेवन करें।
- आइस क्यूब पानी या जूस में न मिलायें हो सकता है की आइस क्यूब के लिए जिस पानी का प्रयोग किया गया हो वो संक्रमित हो सकता है।
- ब्रश करने के दौरान भी पैक्ड पानी का ही इस्तेमाल करें।
- चिकेन, फिश या मीट आधा पका हुआ न खाएं।
- स्ट्रीट फूड से दूरी बनाये रखें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से पेट के फ्लू की संभावना बढ़ जाती है।
और पढ़ें: Peptic Ulcer: पेट में अल्सर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
किन बदलावों और घरेलू नुस्खों की मदद से पेट के फ्लू से बचा जा सकता है? (Home remedies for stomach flu)
- पानी पिएं और कैफीनेटेड पे पदार्थो जैसे चाय-कॉफी के सेवन से बचें।
- शराब का सेवन न करें।
- जल्दी और आसानी से पचने वाला खाना ही खाए। सोडा क्रैकर, चिकन, केला, टोस्ट या फिर जिलेटिन जैसी चीजें खाएं। बेचैनी होने पर खाना कम कर दें।
- तबीयत ठीक होने तक बहुत ज्यादा मसाले वाला, गरिष्ठ भोजन, शराब और कैफीनेटेड चीजों से बचें।
- आराम करें।
- किसी भी और सवाल या जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आप पेट का फ्लू से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmr]