के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पेट का फ्लू एक तरह का वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या पेट का फ्लू (Stomach Flu) एक प्रकार का इंटेस्टाइनल संक्रमण (Intestinal Infection) है, जिसमें क्रैम्प्स, डायरिया, बेचैनी और उल्टी जैसी परेशानियां हो सकती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले लोग जैसे कि बच्चों और बूढ़ों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
पेट का फ्लू (Stomach Flu) बहुत ही परेशानी माना जाता है और यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इसके कारणों को नियंत्रित करने से इसका खतरा कम हो सकता है। किसी भी और जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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पेट का फ्लू के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
इन लक्षणों के साथ-साथ किसी भी अन्य लक्षण के दिखने या समझ आने पर डॉक्टर से जरूर मिलें।
इनमें से किसी भी स्थिति के दिखने पर डॉक्टर से जरूर मिलें :
किसी भी संक्रमित व्यक्ति के निकट रहने से या फिर संक्रमित भोजन करने से आपको पेट का फ्लू हो सकता है। बहुत सारे वायरस जैसे कि नोरोवायरस (Norovirus), रोटावाइरस (Rotavirus) इस बीमारी को फैला सकते हैं।
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निम्नलिखित स्थितियों में पेट का फ्लू की संभावना बढ़ सकती है। जैसे-
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है किसी भी विश्वसनीय जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
मरीज में लक्षणों को देखकर और फिजिकल एग्जामिनेशन की मदद से पेट के फ्लू होने का पता लगाया जा सकता है। साथ ही अगर आपके रहने के स्थान पर ये बीमारी फैल रही है तब ही डॉक्टर इस जानकारी से भी लगा सकते हैं। स्टूल टेस्ट की मदद से वायरस, बैक्टीरिया जैसे नोरवायरस या फिर पैरासाइट संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है। एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण में काम नहीं करेंगी। एंटीबायोटिक बहुत अधिक लेने पर आपके शरीर में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया बनने लगेंगे जो की हानिकारक है।
शुरुआती इलाज आप अपनी ओर से अपना ख्याल रखकर कर सकते हैं, जिन बातों से आपके बीमारी के लक्षणों में वृद्धि हो उन्हें न करें।
पानी पिएं और डिहाइड्रेशन (Dehydration) से बचने की कोशिश करें।
इस बीमारी से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है।
बच्चों को समय पर वैक्सिन समय पर लगवायें
बच्चे के जन्म के शुरुआती साल में ही वैक्सिन लगवाना चाहिए। इससे इस बीमारी से बचा जा सकता है।
हाथ धोएं और बच्चे को भी हाथ धोना सिखाएं
कुछ खाने से पहले वो आप खाएं या शिशु (बच्चे) को खिला रहें हों तबभी हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें। बच्चे को हाथ कैसे अच्छी तरह धोया जाता है यह जरूर सिखाएं। अगर सोप से हाथ धोना संभव हो पाये तो ऐसे समय पर सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
अपने पर्सनल चीजों का इस्तेमाल करें
पर्सनल जीचें जैसे जूठे गिलास में पानी न पीएं, दूसरों के तौलिये का इस्तेमाल न करें या ऐसी किसी भी चीजों का प्रयोग न करें।
संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें
अगर कोई व्यक्ति फ्लू से संक्रमित है, तो उनके संपर्क से बच्चों को दूर रखें।
इन बातों को ध्यान में रखकर संक्रमण से बचाया जा सकता है।
जब आप एक जगह से दूसरे जगह ट्रेवल कर रहें हैं तो कुछ बातों को ध्यान अवश्य रखें। जैसे-
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अगर आप पेट का फ्लू से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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