परिभाषा
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म क्या है ?
सिर पर फंगल संक्रमण को टीनिया कैपिटिस कहा जाता है। सिर पर संक्रमण के गोल आकार की वजह से इन्हें रिंगवर्म भी कहते हैं। इसमें किनारे उभरे हुए लगते हैं लेकिन, बीच का भाग समतल रहता है। इस संक्रमण के होने से आपके सिर की त्वचा खुरदुरी और खुजलीदार हो जाती है।
टीनिया कैपिटिस को अगर दूसरे शब्दों में समझा जाये तो यह एक तरह का रिंगवर्म होता है, जो त्वचा और स्कैल्प में होने लगता है। 10 से 20 प्रतिशत लोगों को अपने जीवन में इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ये संक्रमण आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है इस लिए अगर आपके आसपास किसी को ये रिंगवर्म है तो उसकी कंघी, तौलिये और टोपी का इस्तेमाल करने से बचें। यह परेशानी त्वचा के साथ-साथ हाथ, ग्रोइन, पैर के तलवे, पैर उंगलियों के नाखून और ट्रंक (शरीर के सामने का हिस्सा) में ज्यादातर होता है।
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म होना कितना आम है?
ये स्थिति बहुत आम है। चार से चौदह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को ये समस्या ज्यादा प्रभावित करती है। बड़ों के मुकाबले बच्चों में टीनिया कैपिटिस होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इससे जुड़ी और किसी जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
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लक्षण
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म के क्या लक्षण हो सकते हैं?
प्रभावित क्षेत्र में आपको बाल टूटने और झड़ने की समस्या हो सकती है। जिस जगह से बाल गायब होंगे वहां पर काले रंग के अणु दिखाई दे सकते हैं। इनसे दोबारा संक्रमण हो सकता है।
इसके अलावा ये लक्षण देखे जा सकते हैं :
- हल्का बुखार आना
- लिम्फ नोड में सूजन होना
- स्कैल्प में दर्द महसूस होना
- बाल झड़ने की समस्या होना
- सिर में बार-बार खुजली होना
- सिर के भाग में लाल बंप होना (ये बंप बढ़ भी सकते हैं)
बहुत गंभीर मामलों में पस भरे उभार भी दिख सकते हैं। इनके फूटने पर बहुत अधिक बाल झड़ेंगे, दर्द होगा और निशान भी पड़ सकते हैं।
इस विषय से जुड़ी किसी भी और जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
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कारण
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म के क्या कारण हो सकते हैं?
स्कैल्प में फंगल संक्रमण डर्मैटोफाइट्स ( Dermatophytes ) की वजह से होता है। सिर पर गंदगी, पसीना और धुल इस बैक्टीरिया की बढ़त को बढ़ावा देते हैं। फंगस अधिकतर नाखूनों, बालों और निर्जीव टिशूज को प्रभावित करती है।
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति का सामान जैसे कि कंघी, तकिया और तौलिया इस्तमाल कर रहे हैं तो भी आपको इस संक्रमण का खतरा हो सकता है। बच्चों को ये संक्रमण ज्यादा प्रभावित करता है। कुत्ते, बिल्ली और पालतू जानवर भी इस संक्रमण को बढ़ावा दे सकते हैं।
इन जानवरों में इस बीमारी के लक्षण नहीं दिखेंगे लेकिन ये इस बीमारी को फैलाने का काम करते हैं।
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खतरों के कारण
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म के क्या लक्षण हो सकते हैं?
गर्म, नम और गंदगी वाली जगहों पर टीनिया कैपिटिस की समस्या हो सकती है। बहुत ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर इस संक्रमण के फैलने की आशंका ज्यादा होती है। डायबिटिक, HIV संक्रमित और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ये संक्रमण ज्यादा प्रभावित करेगा।
और अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
जांच और इलाज
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। सही सलाह के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें।
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म की जांच कैसे की जा सकती है?
आमतौर पर डॉक्टर आपके स्कैल्प की स्थिति देखकर फंगल संक्रमण का पता लगाएंगे। अगर इससे कुछ साफ नहीं होता है तो बालों का सैंपल भी लिया जा सकता है। इसे माइक्रोस्कोप में देखने पर फंगस साफ दिखाई देगी। और संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है। इसमें तीन से चार हफ्तों का समय लग सकता है।
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
एंटीफंगल दवाएं
ग्रीसियोफल्विन (griseofulvin) और लेमिसिल (Lamisil) एंटीफंगल दवाओं से टेनिया कैपिटिस का इलाज संभव है। ओरल दवाएं इलाज के लिए छह हफ्तों का समय लेंगी और इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। कभी-कभी आपका पेट खराब हो सकता है। किसी अत्याधिक फैट युक्त खाद्य पदार्थो के साथ लेने पर ये दवाएं कोई भी हानिकारक प्रभाव नहीं डालेंगी।
ग्रीसियोफल्विन के हानिकारक प्रभाव कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
टर्बिनाफाइन (terbinafine ) के घातक प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं।
- पेट दर्द होना।
- खुजली होना।
- स्वाद बदलना।
- सिरदर्द होना
- बुखार होना।
- लिवर में परेशानी होना।
- मेडिकेटिड शैम्पू के उपयोग से भी आप फंगल संक्रमण को रोका जा सकता है। कीटोकोनाजोल (ketoconazole or selenium sulfide.) युक्त शैम्पू से भी इस फंगल संक्रमण से राहत मिल सकती है।
- डॉक्टर आपको इस शैम्पू का उपयोग कम से कम दो हफ्तों तक करने को कहेंगे।
क्या रिंगवर्म संक्रमण की तरह फैलता है?
- रिसर्च के अनुसरा रिंगवर्म फैलने की बीमारी है।
- यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट में आने के कारण हो सकता है।
- इन्फेक्टेड एरिया को छूने से और फिर बिना हाथ धोये अपनी बॉडी छूने या किसी अन्य की बॉडी छूने से इंफेक्शन हो सकता है।
- यह बीमारी जानवरों से भी मनुष्यों में फैल सकती है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू नुस्खे
किन बदलावों से आप टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म से बच सकते हैं?
टीनिया कैपिटिस और स्कैल्प रिंगवर्म के संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाये अपनायें। जैसे-
- पालतु जानवरों में रिंगवर्म की जांच करते रहें। इससे संक्रमण का खतरा टाला जा सकता है।
- अगर घर पर किसी को ये समस्या है, तो उन्हें मेडिकेटिड शैम्पू इस्तमाल करने को कहें।
- अपना निजी सामान जैसे तौलिया, ब्रश, कंघी आदि सब के साथ न बाटें।
- सिरका आदि से इलाज करने की कोशिश न करें ये स्थिति को और अधिक खराब कर सकते हैं।
- रिंगवर्म ठीक होने में समय लेता है इसलिए शांति रखें और डॉक्टर की दी हुई सलाह का पालन करें।
बड़ों और बच्चों दोनों में ये परेशानी हो सकती है लेकिन, बड़ों की तुलना में बच्चों को ये बीमारी ज्यादा होती है लेकिन, अगर आप टीनिया कैपिटिस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।