डायट (Diet)
स्वस्थ व्यक्ति के लिए डायट ब्लड पीएच को प्रभावित नहीं करती है।
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic ketoacidosis)
यदि आपको डायबिटीज है, तो ब्लड शुगर का लेवल ठीक से प्रबंधित नहीं होने पर बल्ड अम्लीय हो सकता है। डायबिटिक कीटोएसिडोसिस तब होता है जब आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है।
इंसुलिन खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से शुगर को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है जहां इसे शरीर के लिए ईंधन के रूप में यूज किया जा सकता है। यदि इंसुलिन का उपयोग नहीं किया जा सकता है, तो आपका शरीर संग्रहीत वसा को शक्ति के लिए तोड़ना शुरू कर देता है। इससे कीटोन्स नामक एसिड वेस्ट निकलता है। एसिड बनता है, जिससे निम्न रक्त पीएच ट्रिगर होता है।
मेटाबॉलिक एसिडोसिस (Metabolic acidosis)
किडनी की बीमारी या किडनी फेलियर के कारण निम्न रक्त पीएच को मेटाबोलिक एसिडोसिस कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब किडनी आपके शरीर से एसिड को निकालने के लिए ठीक से काम नहीं करती है। यह रक्त एसिड बढ़ाता है और रक्त पीएच को कम करता है।
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रेस्पिरेटरी एसिडोसिस (Respiratory acidosis)
जब आपके फेफड़े आपके शरीर से पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड को जल्दी से बाहर निकालने में सक्षम नहीं होते हैं, तो रक्त पीएच कम हो जाता है। इसे रेस्पिरेटरी एसिडोसिस कहते हैं। यह तब हो सकता है जब आपको फेफड़े की कोई गंभीर या पुरानी स्थिति हो।
उम्मीद करते हैं कि आपको ब्लड का पीएच कैसे प्रभावित होता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।