व्यक्ति के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का सही होना भी जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) एक व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तन्दुरुस्ती को दर्शाता है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को अवसाद, चिंता, या किसी अन्य विकार की अनुपस्थिति से वर्गीकृत किया जाता है। यह एक व्यक्ति की क्षमता पर भी निर्भर करता है।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को बनाएं रखने के लिए :
- जीवन का आनंद लें और खुश रहें
- जीवन के विभिन्न तत्वों को संतुलित करें, जैसे परिवार और पैसा
- सुरक्षित महसूस करें
- हमेशा सकारात्मक सोचें
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का संबंध बेहद मजबूत है। उदाहरण के लिए, यदि कोई पुरानी बीमारी किसी व्यक्ति के रोजाना के कार्यों को पूरा करने की क्षमता को प्रभावित करती है। तो यह अवसाद और तनाव का कारण बन सकती है। एक मानसिक बीमारी, जैसे अवसाद या एनोरेक्सिया, शरीर के वजन और समग्र कार्य को प्रभावित करती है।
भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health)
भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health) वह है जिसमें आपकी मानसिक स्थिति, विचार, भावनाएं और व्यवहार आपके नियंत्रण में होते हैं। यह भी कह सकते है कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health) आपकी संपूर्ण मनोवैज्ञानिकता को दर्शाता है। भावनात्मक स्वास्थ्य में वह सारी चीज़ें शामिल है जैसे कि किस तरह से आप अपने बारे में सोचते हैं, आपके रिश्तों की गुणवत्ता और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता आदि। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का ना होना ही नहीं है। बल्कि अवसाद, चिंता, या अन्य मनोवैज्ञानिक मुद्दों से मुक्त होना भी है।
शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) में मुख्य हेल्थ कंडिशंस कौन सी हैं?
हालांकि, मनुष्य के संपूर्ण स्वास्थ्य (Health) के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का सही होना जरूरी है। लेकिन, कुछ ऐसी सामान्य शारीरिक समस्याएं हैं जिससे आजकल कई लोग प्रभावित हैं, जैसे:
अर्थराइटिस (Arthritis)
आर्थराइटिस बहुत सामान्य शारीरिक समस्या है, जिससे अधिक लोग पीड़ित रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे देश में हर दूसरा मरीज इस समस्या से पीड़ित है। इस रोग के बढ़ने से रोगी का चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर घुटनों और हमारे रीढ़ की हड्डी पर होता है। इसके साथ ही यह बीमारी शरीर के अन्य कई अंगों पर भी बुरा असर ड़ाल सकती है।
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अस्थमा (Asthma)
यह बीमारी हमारे फेफड़ों पर अपना प्रभाव डालती है। वयस्कों के साथ-साथ बच्चे भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। अस्थमा मामूली हो सकता है या यह दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप कर सकता है। कुछ मामलों में, यह जानलेवा भी हो सकता है।
कैंसर (Cancer)
कैंसर को भयानक बीमारी के रूप में जाना जाता है। हालांकि, ब्रेस्ट, सर्वाइकल, और कोलोरेक्टल कैंसर होने पर जल्दी स्क्रीनिंग करवाने से इन रोगों के सही और जल्दी उपचार में मदद मिलती है। हमारा शरीर कई कोशिकाओं से बना होता है जिनमें विभाजन होता रहता है। लेकिन जब किसी खास अंग की कोशिकाओं को हमारा शरीर नियंत्रित नहीं कर पाता तो यह अधिक मात्रा में बढ़ने लगती हैं, तब उसे कैंसर कहा जाता है।
डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है जो हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से होती है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई खास उपचार नहीं है। अपनी जीवनशैली में बदलाव ला पर हम इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
दिल संबंधी रोग (Heart Problems)
हार्ट रोग को कार्डियोवैस्कुलर समस्या कहा जाता है। हृदय रोग के अधिकांश रूप आज बहुत इलाज योग्य हैं। उच्च रक्तचाप को सामान्य और कोलेस्ट्रॉल को बहुत कम स्तर तक सीमित करने से कोरोनरी धमनियों इसमें कुछ हद तक कम कर सकते हैं। हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना, मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप होना और हमारी खराब लाइफस्टाइल हो सकता है।