प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट्स (Ovarian cyst during pregnancy) होना किसी प्रकार की चिंता का विषय नहीं है। ज्यादातर ओवेरियन सिस्ट्स से किसी प्रकार का नुकसान और दर्द नहीं होता और वे अपने आप ठीक हो जाती हैं। ओवेरियन सिस्ट्स के चलते किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन सिस्ट्स के रप्चर होने पर हल्का पेन या डिसकंफर्ट हो सकता है। इसके साथ ही सिस्ट के ट्विस्ट होने पर ओवरी भी ट्विस्ट हो सकती है जिसे ओवेरियन टॉर्सन (Ovarian torsion) कहा जाता है। ऐसे में तुरंत सर्जरी की जरूरत होती है। वैसे तो सामान्य सिस्ट के लिए जरूरत नहीं होती है कि लेकिन, अगर महिला इसके बारे में अधिक चिंतित है, तो दौरान प्रेग्नेंसी के दौरान सिस्ट्स को सुरक्षापूर्वक निकाल सकते हैं। इस आर्टिकल में गर्भावस्था में सिस्ट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं।
ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst) क्या है?
ओवेरियन सिस्ट फ्लूइड या टिशू से भरा हुआ एक सेक (Sac) होता है जो ओवरी में होता है। ओवेरियन सिस्ट्स आमतौर पर हार्मलेस और पेनलेस होती हैं और अपने आप गायब हो जाती हैं। इनकी साइज अलग-अलग हो सकती है। ये हाफ इंच से 4 इंच तक हो सकती है। ये आमतौर पर चाइल्डबर्थ या मेनोपॉज (Menopause) के बाद डेवलप होती हैं। 6-7 % महिलाओं को कभी ना कभी ओवेरियन सिस्ट्स होती हैं।
ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of ovarian cyst)
दो कॉमन टाइप की ओवेरियन सिस्ट को फंक्शनल सिस्ट कहा जाता है जिनमें निम्न शामिल हैं।
फॉलिक्युलर सिस्ट्स (Follicular cysts)
फॉलिक्युलर सिस्ट्स का निमार्ण ओवेरियन फॉलिकल (एक छोटा सेक जहां अंडे विकसित होते हैं) एग रिलीज करने के लिए ओपन नहीं होते और सिस्ट के अंदर ही ग्रो करते हैं।
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कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट्स (Corpus luteum cysts)
कॉर्पस ल्यूटियम ऑव्युलेशन (Ovulation) के दौरान एग के फॉलिकल से रिलीज होने के बाद डेवलप होती है। फॉलिकल सेक सेल के रूप में सिकुड़ जाता है और हॉर्मोन्स प्रोड्यूस करता है जो पूरे मेंस्ट्रुअल साइकल या प्रेग्नेंसी के समय बेबी को ग्रो करने में सपोर्ट करता है। अगर फ्लूइड खाली फॉलिकल में इक्ठ्ठा होता और सेक सिकुड़ता नहीं है तो सिस्ट का निर्माण होता है।
दूसरी असामान्य सिस्ट को पैथोलॉजिकल सिस्ट्स (Pathological Cysts) कहते हैं। चलिए इनके बारे में भी जान लेते हैं।
डरमोइड सिस्ट्स (Dermoid cysts)
इन्हें टेराटोमस भी कहा जाता है। ये सिस्ट्स ओवेरियन जर्म्स से बनी होती हैं, इनमें टीथ, हेयर, स्किन या फैट होता है।
एंटोमेट्रिओमा (Endometrioma)
जिन महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस होता है उनमें ये सिस्ट विकसित होती है। ये सिस्ट्स पुराने ब्लड से भरी होती हैं इसलिए इनका रंग डार्क हो सकता है।
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सिस्टाडेनोमस सिस्ट्स (Cystadenomas cysts)
ये सिस्ट्स ओवेरी की सतह पर विकसित हो सकती हैं। मसल्स के बॉल की तरह यह सॉलिड होती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट होने का क्या कारण हैं? (What are the causes of ovarian cyst during pregnancy?)
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली ओवेरियन सिस्ट में सबसे कॉमन कॉपर्स ल्यूटियम है। इसमें सिकुड़ने के बजाय एग रिलीज करने वाला फॉलिकल फ्लूइड से भर जाता है और ओवरी में बना रहता है और सिस्ट का रूप ले लेता है। ये सिस्ट्स आमतौर पर सेकेंड ट्राइमेस्टर में अपने आप चली जाती हैं, लेकिन कई बार ये ओवरी में बनी रहती है। अगर इनका आकार बहुत बड़ा हो जाता है और किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं तो इन्हें निकालने की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy) का एक प्रकार प्रेग्नेंसी के पहले से मौजूद सिस्ट हो सकती है। अन्य प्रकार की सिस्ट्स प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रो हो सकती हैं और पेनफुल भी हो सकती है लेकिन वे प्रेग्नेंसी के लिए परेशानी नहीं बनती।
ओवेरियन सिस्ट होने के लक्षण (Symptoms of Ovarian cyst)
जबकि अधिकांश सिस्ट दर्द या अन्य लक्षणों का कारण नहीं बनते हैं, कुछ सिस्ट निम्नलिखित लक्षण पैदा कर सकती हैं:
- दर्द, जो पेट के निचले हिस्से या एब्डोमिनल एरिया में उस तरफ हो सकता है जहां सिस्ट स्थित है। ओवेरियन सिस्ट का दर्द तेज या धीमा दोनों प्रकृति का हो सकता है, जो एक मरोड़ की तरह महसूस कर सकता है। यह कम समय के लिए हो सकता है।
- कभी-कभी ओवेरियन सिस्ट के रप्चर होने के बाद दर्द अधिक मध्यम हो सकता है, या दर्द अचानक और गंभीर हो सकता है। दुर्लभ मामलों में, ओवेरियन सिस्ट ओवरी को मोड़ने का कारण बन सकती है। यह बेहद दर्दनाक हो सकता है।
- इसके अलावा ब्लोटिंग भी हो सकती है।
- पेट में प्रेशर महसूस हो सकता है।
- बॉवेल के दौरान दर्द हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy?) होने पर क्या करना चाहिए?
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान ओवियन सिस्ट्स से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। ये सिस्ट्स दूसरे ट्राइमेस्टर में अपने आप रिजॉल्व हो जाती हैं, लेकिन अगर कोई सिस्ट लगातार ग्रो कर रही है, तो यह रप्चर या ट्विस्ट हो सकती है या ओवेरी के ट्विस्ट होने का कारण बन सकती है। ऐसे में इसे निकालना पड़ सकता है। लगातार वृद्धि करती सिस्ट चाइल्डबर्थ के दौरान परेशानी का कारण बन सकती है। खासतौर जब यह एब्डोमिन या पेल्विस बाधित कर रही हो।
डॉक्टर रेगुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए इस पर नजर रखेंगे। वे सिस्ट की साइज या ग्रोथ को मॉनिटर करेंगे ताकि प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy) की वजह से कोई परेशानी ना हो।
प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट के ब्रस्ट या रप्चर होने पर क्या होता है? (What happens if an ovarian cyst bursts or ruptures during pregnancy?)
आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy) का रप्चर होना किसी परेशानी का कारण नहीं बनता। सिस्ट का फ्लूइड फैल जाता है और ब्रस्ट सिस्ट अपने आप हील हो जाती है। कई बार दर्द को मैनेज करने के लिए दवाओं की जरूरत हो सकती है और सिस्ट हील होने तक आराम करना पड़ सकता है। ज्यादातर डॉक्टर इसे मॉनिटर करते हैं और ट्रीटमेंट सजेस्ट करते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy) के रप्चर होने के कारण इंफेक्शन का होना भी एक चिंता का कारण हो सकता है। अगर बहुत अधिक ब्लीडिंग या टॉर्शन होता है या सिस्ट प्रेग्नेंसी को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। सभी महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट के रप्चर होने पर दर्द का एहसास नहीं होता, लेकिन कुछ लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।
- लोअर एब्डोमिनल एरिया या बैक में दर्द होना
- वजायनल ब्लीडिंग या स्पॉटिंग
- दर्द के साथ उल्टी या ची मिचलाना (टॉर्शन के चलते)
- दर्द के साथ चक्कर आना
- फीवर
प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट को रिमूव करना सुरक्षित है? (Is it safe to remove ovarian cysts during pregnancy?)
यदि आवश्यक हो, गर्भावस्था के दौरान ओवेरियन सिस्ट को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है, हालांकि डॉक्टर शायद तब तक इसे रिमूव करने से बचेंगे जब तक कि महिला को अधिक दर्द न हो रहा हो या सिस्ट से खून ना बह रहा हो। यदि महिला को सर्जरी की आवश्यकता होती है, तो छोटे चीरों के माध्यम से न्यूनतम इनवेसिव लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जा सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में नियमित रूप से पेट की सर्जरी आवश्यक हो सकती है।
यदि गर्भावस्था में (10 सप्ताह से पहले) कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट हटा दिया गया है, तो गर्भावस्था का सपोर्ट करने के लिए बाद में प्रोजेस्टेरोन की खुराक दी जा सकती है। (आम तौर पर, कॉर्पस ल्यूटियम (Corpus luteum) गर्भावस्था को सपोर्ट करने के लिए प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) प्रदान करता है जब तक कि प्लेसेंटा अपना काम शुरू नहीं करता।
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उम्मीद करते हैं कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ओवेरियन सिस्ट (Ovarian cyst during pregnancy) होने पर क्या करना चाहिए इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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