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कावासाकी रोग को म्यूकोस्यूटियस लिम्फ नोड सिंड्रोम (Mucocutaneous lymph node syndrome) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। कावासाकी रोग बचपन में होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो ब्लड वेसेल्स को प्रभावित करती है। कावासाकी रोग त्वचा और नाक, गले और मुंह के अंदर स्थिति म्युकस मेम्ब्रेन्स पर प्रभाव डालती है।
कावासाकी रोग होने पर बच्चों की पूरी बॉडी में रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे कोरोनरी आर्टरी क्षतिग्रस्त हो सकती है। यह रक्त वाहिकाएं ब्लड को हार्ट तक लेकर जाती है।
जापान, कोरिया और ताइवान को मिलाकर पश्चिम एशिया में कावासाकी रोग 10-20 गुना ज्यादा है। इससे पीढ़ित अधिकतर बच्चे पांच वर्ष से कम उम्र के होते हैं और औसत आयु वाले करीब दो वर्ष के होते हैं। लड़कियों की तुलना में लड़कों को यह बीमारी होने के दो गुना संभावना होती है।
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कावासाकी रोग के लक्षण चरणों में उभरकर आते हैं। कावासाकी रोग के पहले चरण में निम्नलिखित लक्षण सामने आते हैं:
इस बीमारी के दूसरे चरण में आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:
हाथ और पैर की त्वचा का पीला पड़ना विशेषकर उंगलियों और पैरों के अंगूठों के सिरे पर। अक्सर इनका बड़ा होना।
इस बीमारी के तीसरे चरण में जब तक जटिलताएं पैदा नहीं होती हैं तब तक संकेत और लक्षण धीरे-धीरे चले जाते हैं। इसमें आठ हफ्तों से ज्यादा का समय लग सकता है। इसके बाद ही आपकी बॉडी में ऊर्जा का स्तर सामान्य होता है।
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप कावासाकी रोग के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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निम्नलिखित लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें। जैसे:
यदि आपको उपरोक्त लक्षणों का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल है तो डॉक्टर से परामर्श लें। हर बीमारी में प्रत्येक व्यक्ति का शरीर भिन्न तरीके से प्रतिक्रिया देता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपनी स्थिति की स्पष्ट जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
एक्सपर्ट्स के पास अभी तक इस बीमारी के सटीक कारण के संबंध में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है। अक्सर कावासाकी रोग सर्दियों के अंत और पतझड़ (वसंत ऋतु) की शुरुआत में होती है।
कई सिद्धांतों में इस बीमारी का संबंध बैक्टीरिया, वायरस या पर्यावरणिक कारकों से जोड़ा गया है, लेकिन अभी तक इनमें से किसी भी कारक की पुष्टि नहीं की गई है। कुछ जीन आपके बच्चे में कावासाकी रोग के फैलने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
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निम्नलिखित कारकों से कावासाकी रोग होने का खतरा रहता है:
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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कावासाकी रोग का पता लगाना मुश्किल होता है। निम्नलिखित तरीकों से कावासाकी रोग का पता लगाया जाता है:
यह टेस्ट निम्नलिखित हैं:
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कावासाकी रोग में आपके बच्चे को बुखार के साथ बहुत दर्द, सूजन और त्वचा में जलन हो सकती है। इन लक्षणों में राहत प्रदान करने के लिए डॉक्टर एस्पिरिन (Aspirin) और ब्लड क्लॉटिंग को रोकने वाली अन्य दवाइयों की सलाह दे सकता है। कावासाकी रोग की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह के आपको बच्चे को कोई भी दवा नहीं देनी है।
कावासाकी रोग के इलाज में आपके बच्चे को इम्यून ग्लोबुलिन (Immune globulin) IV दिया जा सकता है। यह दवा काफी प्रभावी साबित होती है, जब इसे एस्पिरिन के साथ दिया जाता है। यह दवा इलाज के शुरुआती चरण में दिल की समस्याओं को पैदा होने की संभावना को कम कर देती है। इसके इलाज में जटिलताओं को खतरा होने की वजह से कावासाकी रोग से पीढ़ित ज्यादातर बच्चों का इलाज अस्पताल में किया जाता है।
यह बीमारी हार्ट को प्रभावित करती है, जिसके वजह से यह समस्या खतरनाक हो सकती है। कावासाकी रोग (Kawasaki disease) से पीढ़ित ज्यादातर बच्चे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं और उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है। हालांकि कुछ दुर्लभ मामलों में बच्चों को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
उपरोक्त स्थितियों में आपकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। साथ ही आर्टरी वॉल कमजोर या फूल सकती है। इस स्थिति को aneurysms कहा जाता है। इससे बच्चे की आर्टरी में ब्लॉकेज होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे इंटरनल ब्लीडिंग और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। एक आधारभूत इकोकार्डियोग्राम (echocardiogram) इनमें से कई समस्याओं का निदान करने में मदद कर सकता है।
कावासाकी रोग के कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। इससे गुजरने वाले कुछ प्रतिशत बच्चे जीवित नहीं रह पाते हैं। वहीं, नवजात शिशुओं में गंभीर खतरों की सबसे ज्यादा संभावना रहती है।
आपके बच्चे का हार्ट उचित ढंग से कार्य करे, यह सुनिश्चित करने के लिए आपको नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना है। इलाज के बाद बच्चे का एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम्स, ईकेजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) या अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं।
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निम्नलिखित दिनचर्या और घरेलू उपाय आपको कावासाकी रोग से लड़ने में मदद कर सकते हैं:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आप कावासाकी रोग (Kawasaki disease) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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