गैस्ट्रिक कैंसर भारतीय पुरुषों में होने वाला पांचवां सबसे कॉमन कैंसर और महिलाओं में सातवां कॉमन कैंसर है। यह रिसर्च रिपोर्ट नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के रिसर्च रिपोर्ट्स में पब्लिश की गई है। इसलिए आज इस आर्टिकल में स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी (Targeted drug therapy for Stomach cancer) के बारे में समझेंगे। चलिए सबसे पहले स्टमक कैंसर (Stomach cancer) की समस्या क्या है और स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी की जरूरत कब पड़ सकती यह भी समझेंगे।
- स्टमक कैंसर क्या है?
- स्टमक कैंसर के लक्षण क्या हैं?
- स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी की जरूरत कब पड़ सकती है?
- पेट के कैंसर का खतरा किन लोगों में ज्यादा हो सकता है?
- पेट के कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?
चलिए अब स्टमक कैंसर और टार्गेटेड ड्रग थेरिपी से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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स्टमक कैंसर (Stomach cancer) क्या है?
स्टमक कैंसर को मेडिकल टर्म में गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric cancer) भी कहते हैं। पेट का कैंसर पेट में बढ़ने वाले सेल्स की ओर इशारा करती हैं। ये सेल्स धीरे-धीरे ट्यूमर बनने लगते हैं। अगर इसका इलाज जल्द से जल्द ना करवाया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं। हालांकि पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी दी जा सकती है। पेट के कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी के बारे में समझने से पहले स्टमक कैंसर के लक्षणों को समझते हैं।
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स्टमक कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Stomach cancer)
यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार स्टमक कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- अपच (Indigestion) की समस्या होना।
- पेट में परेशानी (Stomach discomfort) महसूस होना।
- खाने के बाद पेट फूला (Bloated feeling after eating) हुआ महसूस होना।
- जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना।
- भूख नहीं (Loss of appetite) लगना।
- सीने में जलन (Heartburn) महसूस होना।
रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार ये लक्षण पेट के कैंसर (Stomach cancer) के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसके कुछ गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे:
- स्टूल (Stool) से ब्लड आना।
- उल्टी (Vomiting) होना।
- बिना कारण शरीर का वजन (Weight loss) कम होना।
- पेट में दर्द (Stomach pain) महसूस होना।
- जॉन्डिस (Jaundice) होना।
- पेट (Abdomen) में फ्लूइड बनना।
- खाना निगलने (Wallowing) में परेशानी होना।
ऐसी समस्या स्टमक कैंसर के लक्षण माने जाते हैं और इन तकलीफों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी की जरूरत कब पड़ सकती है? (When is Targeted drug therapy for Stomach cancer is required?)
स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी की जरूरत स्टेज 4 में की जाती है। टार्गेटेड ड्रग थेरिपी को अगर आसान शब्दों में समझें, तो इसमें कुछ अलग-अलग दवाएं शामिल हैं। जैसे:
- इमैटिनिब (Imatinib)
- रेगॉर्फेनिब (Regorafenib)
- सुनीतिनिब (Sunitinib)
- ट्रेस्टुज़ुमैब (Trastuzumab)
पेट के कैंसर के इलाज के लिए प्रिस्क्राइब की जाने वाली इन ड्रग्स के बारे में एक-एक कर समझते हैं।
- स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी 1. इमैटिनिब (Imatinib)- इमैटिनिब पेट के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक कीमोथेरिपी दवा है। वैसे इमैटिनिब को सिर्फ स्टमक कैंसर ही नहीं, बल्कि ब्लड कैंसर के इलाज में भी प्रिस्क्राइब किया जाता है। यह दवा एंटीकैंसर ड्रग्स की लिस्ट में शामिल है। इमैटिनिब कैंसर सेल्स में डेवलप होने वाले प्रोटीन एंजाइम को रोकने का काम करती है। इमैटिनिब धीरे-धीरे दी जाने वाली कीमोथेरिपी, लेकिन कभी-कभी यह ड्रग की डोज धीरे या कैसे देनी है यह पेशेंट की हेल्थ कंडिशन एवं बीमारी की गंभीरता पर भी निर्भर हो होती है।
- स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी 2. रेगॉर्फेनिब (Regorafenib)- फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) द्वारा मान्यता प्राप्त रेगॉर्फेनिब ओरल ड्रग्स है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (Gastrointestinal stromal tumours) के इलाज के साथ-साथ मेटास्टैटिक कोलेट्रल कैंसर (Metastatic colorectal cancer के इलाज में भी प्रिस्क्राइब की जाती है।
- स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी 3. सुनीतिनिब (Sunitinib)- सुनीतिनिब दवाओं का एक वर्ग में है, जिसे किनेज इन्हिबिटर्स (Kinase inhibitors) कहा जाता है। यह असामान्य प्रोटीन की क्रिया को अवरुद्ध करके काम करता है, जो कैंसर कोशिकाओं को गुणा करने का संकेत देता है। यह कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को रोकने या धीमा करने में मदद करता है और ट्यूमर को कम करने में मदद कर सकता है।
- स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी 4. ट्रेस्टुजुमैब (Trastuzumab)- ट्रेस्टुजुमैब को ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) पेशेंट एवं स्टमक कैंसर (Stomach cancer) पेशेंट्स के लिए प्रिस्क्राइब किया जाता है। इस दवा को कीमोथेरिपी की अन्य दवाओं के साथ भी प्रिस्क्राइब किया जा सकता है। वैसे ट्रेस्टुजुमैब को ज्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में प्रिस्क्राइब किया जाता है।
यहां हमने आपके साथ पेट के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली टार्गेटेड ड्रग थेरिपी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है।
नोट: पेट के कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी की जो डोज डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है, तो उन्हें ठीक वैसे ही फॉलो करें। ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर द्वारा दी गई एडवाइस को भी इग्नोर ना करें।
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पेट के कैंसर का खतरा किन लोगों में ज्यादा हो सकता है?
पेट के कैंसर का खतरा निम्नलिखित स्थितियों में ज्यादा रहता है। जैसे:
- 60 साल या उससे अधिक का होना।
- कम फल और सब्जियों का सेवन करना।
- पेट में बैक्टीरिया इंफेक्शन होना।
- हेलिकोबैक्टर पायलोरी (H. Plyori ) की समस्या होना।
इन लोगों में स्टमक कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।
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पेट के कैंसर से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to prevent Cancer)
पेट के कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों को फॉलो करें। जैसे:
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करें।
- नियमित योगासन (Yogasan) या एक्सरसाइज (Workout) करें। अगर योग या एक्सरसाइज करने में सक्षम ना हों, तो वॉक (Walk) करें।
- न्यूट्रिशन वाले खाद्य पदार्थों (Nutritious food) का सेवन करें।
- अगर कैंसर का ट्रीटमेंट चल रहा हो, तो दवाओं (Medication) का सेवन समय पर करें।
इन टिप्स को फॉलो करें और अगर आप कैंसर पेशेंट (Cancer patients) हैं या आपके परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर है, तो डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन जरूर करें।
अगर आप स्टमक कैंसर (Stomach cancer) या स्टमक कैंसर के लिए टार्गेटेड ड्रग थेरिपी (Targeted drug therapy for Stomach cancer) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप स्टमक कैंसर (Stomach cancer) की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का पालन करें। ऐसा करने से बीमारी को जल्द से जल्द दूर करने में मदद मिल सकती है और आप भी कैंसर सर्वाइवर बनकर दूसरे कैंसर पेशेंट्स के मनोबल को बढ़ा सकते हैं।
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