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Gastric Cancer: गैस्ट्रिक कैंसर का पता कैसे लगता है? जानें इसके लक्षण


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

    Gastric Cancer: गैस्ट्रिक कैंसर का पता कैसे लगता है? जानें इसके लक्षण

    जब आपके आमाशय की इनर लाइनिंग पर कैंसर सेल्स बनने लगती हैं, तो उसे गैस्ट्रिक कैंसर कहा जाता है। इस बीमारी को पेट का कैंसर या स्टमक कैंसर भी कहा जाता है। कैंसर के इस प्रकार की सबसे गंभीर और खतरनाक बात यह है कि, इसे डायग्नोज करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि, इसके शुरुआती चरण में लक्षण दिखने की संभावना बहुत कम होती है, जिससे यह समय के साथ गंभीर रूप ले लेता है। जिसकी वजह से बाद में गैस्ट्रिक कैंसर के मरीज का ट्रीटमेंट काफी जटिल हो सकता है।

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    गैस्ट्रिक कैंसर को ऐसे समझें

    गैस्ट्रिक कैंसर के सही ट्रीटमेंट और उससे उबरने के लिए इसका शुरुआती चरण में डायग्नोज होना बहुत जरूरी है। लेकिन, गैस्ट्रिक कैंसर के उपचार के लिए आपको इसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। क्योंकि, इसके लक्षणों का पता लगने के बाद इसका इलाज आसान और संभव हो जाता है।

    गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम क्या हैं?

    गैस्ट्रिक कैंसर या अन्य कैंसर के बारे में सबसे मुश्किल बात यह है कि, कैंसर होने का सटीक कारण वैज्ञानिक अभी खोज नहीं पाए हैं और इससे संबंधित खोज जारी है। लेकिन, फिर भी वैज्ञानिकों ने गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले कुछ जोखिमों के बारे में जानकारी निकाल ली है। जैसे- अल्सर के कारण बनने वाले आम बैक्टीरिया एच. पाइलोरी का संक्रमण,गैस्ट्राइटिस, लॉन्ग लास्टिंग एनीमिया जिसे पर्निशियस एनीमिया कहा जाता है या आपके पेट में पोलिप का विकास गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिमों को बढ़ाता है।

    इस बारे में डॉ डोनाल्ड बाबू, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, हीरानंदानी अस्पताल वाशी-ए फोर्टिस नेटवर्क अस्पताल का कहना है कि  पेनक्रियाज (Pancreas)पेट में बाईं तरफ स्थित एक छोटा सा अंग है। इसका मुख्य कार्य कुछ पाचन एंजाइम (Enzymes) और हाॅर्मोन (Hormone) का उत्पादन करना है। यह पेट की बड़ी ग्रंथि और छोटी आंत के ऊपरी हिस्से के बगल में होती है। यह मधुमेह पैदा करने वाली बीटा कोशिका की मदद करते हैं। अग्न्याशय हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण हाॅर्मोन का उत्पादन करता है। यह पाचन और चयापचय की प्रक्रियाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पैनक्रियाज, इंसुलिन (Insulin) का भी उत्पादन करता है। जिसमें शरीर की मांसपेशियों, वसा और यकृत द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण में मदद करना शामिल है। अग्न्याशय द्वारा उत्पादित पर्याप्त इंसुलिन न होने पर, शरीर में रक्त शर्करा बढ़ जाता है। ऐसे में हाय शुगर के कारण शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है। जो कई अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है।

    इसके अलावा, गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बनने वाले अन्य जोखिम निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-

    उम्र

    अगर आपकी उम्र 50 साल से अधिक है, तो आपको गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।

    भौगोलिक

    ऐसा माना जाता है कि, गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा आपके भौगोलिक क्षेत्र पर भी निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, जापान में गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

    लिंग

    पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा गैस्ट्रिक कैंसर के ज्यादा मामले दिख सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि, महिलाओं में मौजूद एस्ट्रोजन हॉर्मोन कोशिकाओं को सूजने से बचाता है।

    पेट की समस्याएं

    अगर आपको पर्निशियस एनीमिया या आपका पेट पर्याप्त विटामिन बी12 अवशोषित करने में असक्षम है या फिर आपका पेट अगर खाना पचाने के लिए पर्याप्त एसिड नहीं बना पा रहा है, तो आपको गैस्ट्रिक कैंसर के होने की आशंका ज्यादा हो सकती है।

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    तम्बाकू

    अगर आप तम्बाकू का सेवन करते हैं या आप स्मोकिंग करते हैं, तो आपको गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा हो सकता है।

    शराब

    शराब का सेवन करने से यदि आपको गैस्टिक कैंसर है तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

    ब्लड टाइप

    ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों को दूसरों के मुकाबले गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

    काम करने की जगह

    कोयला, रबर या मेटल की भरमार वाली जगह काम करने वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।

    फैमिली हिस्ट्री

    अगर आपके माता-पिता, भाई-बहन या फैमिली में किसी को भी गैस्ट्रिक कैंसर कभी हुआ है या है, तो आपको इस बीमारी का सामना करने की आशंका बढ़ जाती है।

    गैस्टिक कैंसर के लक्षण क्या हैं?

    गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज के लिए आपको इसे शुरुआती चरण में ही डायग्नोज करने की जरूरत होती है। इसे डायग्नोज करने के लिए आपको इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जैसे-

    गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती लक्षण

    सीने में जलन सीने में जलन होना गैस्ट्रिक कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है। हालांकि, इसका सामना करने पर इसे गैस्ट्रिक कैंसर मानना गलती होगी, लेकिन अगर आपको बहुत ज्यादा यह समस्या परेशान कर रही है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।

    पेट फूलना – खाने के तुरंत बाद पेट फूलना भी गैस्ट्रिक कैंसर का लक्षण हो सकता है। लेकिन, यह आम समस्या भी हो सकती है, इसलिए ज्यादा परेशानी होने पर ही चिंता लें।

    जी मिचलाना – गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती लक्षणों में जी मिचलाना भी शामिल है। इसके साथ अगर ऊपर दिए गए लक्षण भी दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लें।

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    भूख कम होना – गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती चरण में भूख कम होने लगती है। इसके अलावा, यह भी हो सकता है कि आपको तेज भूख लगी हो, लेकिन जैसे ही आप खाना खाने बैठें, तो एक निवाले के बाद ही भूख खत्म हो जाए। अगर, आपको यह समस्या ऊपर बताए गए किसी या ज्यादा लक्षणों के साथ दिखती है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

    अपच- ऊपर बताए गए गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षणों के साथ आपको इसके शुरुआती चरण में अपच की शिकायत भी हो सकती है। क्योंकि, पेट खाना पचाने के लिए पर्याप्त एसिड का उत्पादन बंद कर देता है।

    गैस्ट्रिक कैंसर के गंभीर लक्षण-

    वजन घटना – अगर, आपका वजन अचानक या किसी वजह के बिना ही ज्यादा घटने लगा है, तो यह गैस्ट्रिक कैंसर का गंभीर लक्षण हो सकता है। जो कि इसके एडवांस स्टेज पर पहुंचने पर दिखता है। अगर, आपको भी अपने वजन में एकदम से कमी दिखती है, तो डॉक्टर से मिलें।

    पेट में सूजन गैस्ट्रिक कैंसर होने की वजह से पेट में सूजन होने लगती है। इसके साथ ही आपको कब्ज की शिकायत भी हो सकती है। अगर, यह समस्या ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ है, तो अपनी जांच करवाएं।

    पेट दर्द- गैस्ट्रिक कैंसर के दौरान आपके पेट में लगातार गंभीर दर्द होता रहता है। अगर, आपको भी पेट में तेज और गंभीर दर्द महसूस हो रहा है और आराम नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर को दिखाएं। आपको तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।

    मल में खून- गैस्ट्रिक कैंसर के गंभीर लक्षणों में मल में खून आना भी शामिल है। अगर, आपको भी मल में कई दिनों से खून आ रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।

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    अन्य गंभीर लक्षण-

    गैस्ट्रिक कैंसर के डायग्नोज के लिए टेस्ट्स

    गैस्ट्रिक कैंसर को डायग्नोज करने के लिए आपका डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट्स कर सकता है। जैसे-

    सीटी स्कैन  सीटी स्कैन की मदद से आपके शरीर या पेट के अंदर की डिटेल पिक्चर ली जा सकती है, जिससे कैंसरक से ग्रसित कोशिकाओं के बारे में जाना जा सकता है।

    ब्लड टेस्ट- शरीर में कैंसर के संकेत देखने के लिए ब्लड टेस्ट करवाए जा सकते हैं।

    अपर एंडोस्कोपी- इस टेस्ट में डॉक्टर एक लचीली तार उसके सिरे में कैमरे के साथ आपके पेट में डालकर जांच करता है।

    अपर जीआई सीरीज टेस्ट- इस टेस्ट में एक पेय पदार्थ पिलाया जाता है, जिसके बाद पेट का एक्स-रे साफ आता है।

    बायोप्सी- इस टेस्ट में डॉक्टर आपके पेट के टिश्यू का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर माइक्रोस्कोप के नीचे उसमें कैंसर की जांच कर सकता है।

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    गैस्ट्रिक कैंसर का इलाज कैसे होता है?

    गैस्ट्रिक कैंसर का इलाज आपकी बीमारी की स्टेज पर निर्भर करता है। गैस्ट्रिक कैंसर की स्टेज आपके शरीर में कैंसर के फैलने के स्तर पर निर्भर करती है। आइए, गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज के बारे में जानते हैं।

    स्टेज 0- गैस्ट्रिक कैंसर की इस स्टेज के इलाज के लिए डॉक्टर आपके पेट की इनर लाइनिंग के आसपास कैंसर के ग्रसित हो चुकी सेल्स के हिस्से या उसे पूरी तरह हटा सकता है। सर्जरी की मदद से आमतौर पर इसे ठीक किया जा सकता है।

    स्टेज 1- गैस्ट्रिक कैंसर की  इस स्टेज में आपके पेट के अंदर ट्यूमर बनने लगता है। यह आपके लिम्फ नोड्स में फैल सकता है। कीमोथेरेपी या कीमोरैडिशन की मदद से इस स्टेज के मरीजों का इलाज किया जा सकता है।

    स्टेज 2- इस स्टेज में कैंसर पेट की गहरी लेयर और लिम्फ नोड्स में फैल जाता है। इसमें पेट के आस—पास के भागों को सावधानी से हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है। इस दौरान कीमोथेरेपी की मदद भी ली जाती है।

    स्टेज 3- गैस्ट्रिक कैंसर की तीसरी स्टेज में  कैंसर पेट की सारी लेयर्स तक फैल जाता है। कैंसर छोटा हो सकता है, लेकिन इसमें भी कीमो या कीमोरैडिशन के साथ-साथ आपके पूरे पेट की सर्जरी की जाती है।

    स्टेज 4- यह स्टेज गैस्ट्रिक कैंसर की अंतिम स्टेज होती है। इस अंतिम स्टेज में फेफड़े या मस्तिष्क जैसे अंगों तक कैंसर फैल सकता है। इसका इलाज करना बहुत कठिन होता है। डॉक्टर इस स्टेज के दौरान आपके लक्षणों को कम करने की कोशिश कर सकता है।

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    गैस्ट्रिक कैंसर की स्टेज के बारे में क्या बातें ध्यान होनी चाहिए?

    गैस्ट्रिक कैंसर हो या कोई अन्य कैंसर, लेकिन उसकी स्टेज के बारे में आपको इन बातों के बारे में पता होना चाहिए। जैसे-

    • आपके गैस्ट्रिक कैंसर की स्टेज पर आपका ट्रीटमेंट निर्भर करता है।
    • आपके गैस्ट्रिक कैंसर की स्टेज ही आपके सही होने की संभावना का अनुमान लगाने में मदद करती है।
    • आपकी कैंसर की स्टेज के मुताबिक ही संभावनाओं और ट्रीटमेंट पर विचार किया जाता है।
    • आपकी कैंसर स्टेज की मदद से ही आपके लिए उचित क्लिनिकल ट्रायल का विकल्प खोजा जाता है।
    • जानकारी मिलते रहने के साथ कैंसर की स्टेज से जुड़े मापदंड बदल सकते हैं।

    ग्रैस्ट्रिक कैंसर से बचाव कैसे किया जा सकता है?

    गैस्ट्रिक कैंसर या किसी भी अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव के लिए इन टिप्स की मदद ली जा सकती है। जैसे-

    पेट का संक्रमण- आपको अगर एच. पाइलोरी इंफेक्शन है, तो आपको तुरंत इसका ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। एंटीबॉयोटिक्स बैक्टीरिया को मारने में मदद कर सकते हैं और सूजन को कम किया जा सकता है। ताकि, कैंसर की संभावना कम की जा सके।

    स्मोकिंग न करें- अगर आप तम्बाकू का सेवन या स्मोकिंग करते हो तो आपको कैंसर होने की आशंका हो सकती है। इसलिए, स्मोकिंग या तम्बाकू के सेवन को बिल्कुल बंद करें।

    स्वस्थ आहार-  रोजाना ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन करना लाभदायक होता है। इनके सेवन से शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल मिलते हैं। जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और किसी भी तरह के इंफेक्शन से लड़ने की ताकत प्रदान करते हैं।

    दवाओं का सेवन- आपके द्वारा ली जा रही कुछ दवाएं आपके पेट पर बुरा असर डाल सकती हैं। इस लिए अगर आपको किसी दवा के सेवन से पेट में दर्द या असुविधा हो रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

    डिस्क्लेमर

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    Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

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