परिचय
लौकी क्या होती है?
लौकी को भारत में हमेशा से सेहत का खजाना माना जाता है। देश के कई हिस्सों में इसे घिया भी कहा जाता है। इसमें काफी मात्रा में मिनरल और पानी होता है, जो कि शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। लौकी को विटामिन सी, विटामिन के और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को दूर रखकर दिल को स्वस्थ रखता है।
लौकी का बोटैनिकल नाम लेजीनेरिया सिसेरेरिया (Lagenaria sicerari) है, जो कि कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) फैमिली से संबंध रखता है। इसमें पानी और विटामिन सी की उच्च मात्रा होने की वजह से यह त्वचा को साफ और दमकता हुआ रखता है। यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित रखता है, जिससे गर्मियों में हीट स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है।
भारत में लौकी का जूस भी काफी इस्तेमाल किया जाता है। मधुमेह के रोगियों को डॉक्टर द्वारा लौकी का जूस पीने की नसीहत भी दी जाती है। क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर और रक्त चाप को नियंत्रित रखने में मदद करती है। सुबह-सुबह लौकी का जूस पीना काफी लाभदायक माना जाता है।
लौकी का सेवन बुखार, खांसी, पेट के रोगों ,हृदय के विकार, गर्भाशय आदि से सम्बंधित रोगों से दूर रखने में भी सहायता करता है। मौसम में बदलाव के कारण उल्टी , दस्त, बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में नारियल पानी और इसका जूस मिलाकर पीते रहने पर पानी की कमी दूर हो जाती है।
और पढ़ें : Karaya gum: करया गोंद क्या है?
[mc4wp_form id=’183492″]
उपयोग
लौकी (Gourd) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
आमतौर पर भारतीय घरों में लौकी का इस्तेमाल सब्जी या सलाद में किया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग ये नहीं जानते हैं कि इसे कई अन्य तरीकों से भी खाया जा सकता है और साथ ही इसके स्वास्थ्य पर भी अनगिनत प्रभाव पड़ते हैं। जैसे की –
- कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर दिल को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। लौकी में जीरो कोलेस्ट्रॉल होता है और साथ ही साथ एंटी ऑक्सिडेंट भी अधिक मात्रा में होते हैं। जिससे यह शरीर में बुरे कोलेस्टॉल को बढ़ने से रोकता है। इसलिए दिल की बीमारी से बचने के लिए इसका सेवन करना लाभदायक माना जाता है।
- लौकी के सेवन से वजन कम होता है ।
- यह, ब्लड फ्यूरिफाइयर का काम करता है। इसका उबालकर सेवन करने से खून साफ होता है और मुहांसों और फुंसियों की शिकायत भी कम हो जाती है।
- लौकी में कोलीन (choline) प्रचुर मात्रा में शामिल होता है। कोलीन एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो कि दिमाग की कार्य क्षमता को सुधारता है और स्ट्रेस, डिप्रेशसन और अन्य मानसिक विकारों से राहत दिलाने का भी काम करता है।
- लौकी में प्राकृतिक शुगर होता है, जो कि शरीर को जरूरी ग्लूकोज का स्तर प्रदान करता है। जिस वजह से यह पोस्ट वर्कआउट ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सही विकल्प है। इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो कि मसल्स की कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- आपको मस्तिष्क में या पेट में गर्मी की समस्या हो, तो लौकी इससे राहत दिलाने के भी काम आती है।
- शरीर में सोडियम की अधिकता होने से यूरिन इन्फेक्शन की समस्या बढ़ जाती है, जिससे मूत्र त्याग करते समय काफी जलन होने लगती है। यूरिन इन्फेक्शन की परेशानियों को दूर करने में इसका रस काफी फायदेमंद साबित होता है।
- लौकी में मौजूद पानी का स्तर थकान से राहत दिलाने का एक हर्बल उपचार है।
- इंसोम्निया को दूर करने के लिए लौकी काफी फायदेमंद होती है।
- फेफड़ों से संबंधित समस्याओं से बचाव
- अपच, पेट में अल्सर से राहत दिलाता है।
- इसका अल्कालाइन नेचर एसिडिटी से लड़ता है।
- किडनी की सूजन को दूर करता है।
आर्गेनिक व स्थानीय आहार के अंतर को वीडियो देख एक्सपर्ट के हवाले से जानें
और पढ़ें : Trypsin: ट्रिप्सिन क्या है?
सावधानियां और चेतावनी
लौकी का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
लौकी का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
- यदि आप प्रेग्नेंट हैं या स्तनपान करा रही हैं- गर्भवती या स्तनपान कराने की स्थिति में किसी भी आहार या दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से जरूर परामर्श करें, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं- इसमें आपके द्वारा ली जा रही कोई भी दवा शामिल है, जो बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदने के लिए उपलब्ध है।
- यदि आपको लौकी या अन्य दवाओं या अन्य जड़ी बूटियों के किसी भी पदार्थ से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या चिकित्सा स्थितियां हैं।
- यदि आपको किसी अन्य प्रकार की एलर्जी है, जैसे कि खाद्य पदार्थ, डाई, डिब्बा बंद चीजें या जानवर से।
जिन लोगों को जुकाम या नजले की समस्या हो, वे लोग इसका रस सर्दियों में न पिएं।
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं, जितने कि अंग्रेजी दवा के। सुरक्षा के लिहाज से अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। हर्बल सप्लीमेंट के सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात कीजिये।
और पढ़ें : Strawberry: स्ट्रॉबेरी क्या है?
साइड इफेक्ट
लौकी से मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते है?
- शुरुआत में इसका जूस पीने से कब्ज और पेट खराब होने की समस्या हो सकती है।
- खाली पेट इसका जूस का सेवन करने से गैस और जी मिचलाने जैसी समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाएं इसके जूस का सेवन कभी न करें क्योकि इससे गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।
जरूरी नहीं कि दिए गए साइड इफेक्ट का ही आपको सामना करना पड़े। ये दूसरे प्रकार के भी हो सकते हैं, जिन्हें यहां शामिल नहीं किया गया है। अगर आपको साइड इफेक्ट को लेकर कोई शंका है, तो अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से बात करें।
और पढ़ें : Papaya: पपीता क्या है?
मात्रा/डोज
लौकी की सामान्य खुराक क्या है?
- जब तनाव बढ़े उस समय लौकी जूस का एक छोटा गिलास पीने से तनाव और क्रोध से राहत मिलती है।
- इंसोम्निया को दूर करने के लिए लौकी के तेल से सिर की त्वचा पर मसाज करें।
- मधुमेह के रोगी सुबह-सुबह लौकी के एक गिलास जूस का सेवन कर सकते हैं।
लौकी की खुराक सबके लिए अलग-अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। लौकी का सेवन हमेशा सुरक्षित नहीं होता है। कृपया अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
और पढ़ें : Safflower oil: सूरजमुखी का तेल क्या है?
उपलब्धता
लौकी किस रूप में आती है?
- जूस
- तेल
- सब्जी
जरूत पड़ने पर न्यूट्रिशनिस्ट की लें सलाह
जैसा कि हमने जाना कि लौकी के काफी फायदे हैं वहीं इसका सेवन करना, या यूं कहें इसकी सब्जियां पौष्टिक होने के साथ स्वादिष्ट होती हैं। यही वजह भी है कि मौजूदा समय में लौकी के जूस का सेवन किया जाता है, कई कंपनियां है जो इसके जूस को मार्केट में बेचती है, वहीं घर पर तैयार कर इसके जूस का सेवन करना फायदेमंद होता है। आप चाहें तो न्यूट्रिशनिष्ट की सलाह लेकर इसका सेवन कर सकते हैं, वैसे इस सब्जी के कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
[embed-health-tool-bmi]