एक गर्भवती महिला के शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट किसी सामान्य महिला की तुलना में ज्यादा होता है। इस वजह से शरीर में ज्यादा कैलोरी बर्न आउट होती है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में पसीना ज्यादा आता है।
वेट गेन होने के कारण भी प्रेग्नेंसी में पसीना आता है
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एक गर्भवती महिला का वजन शिशु के बढ़ते वजन की वजह से बढ़ जाता है। इस वजह से जब भी गर्भवती महिलाएं थोड़ा शारीरिक श्रम करती हैं तो उन्हें प्रेग्नेंसी में पसीना तेजी से आना शुरू हो जाता है।
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बीमारी और तनाव के कारण भी प्रेग्नेंसी में पसीना आता है
तनाव और बेचेनी में शरीर की सबसे पहली प्रतिक्रिया होती है पसीना आना। बुखार या अन्य बीमारी के दौरान पसीना आना एक सामान्य बात है। इन परिस्थितियों में प्रेग्नेंसी में पसीना आना लाजमी है, इससे घबराए न।
कैसे पाएं प्रेग्नेंसी में पसीना आने से निजात?
गर्भावस्था के दौरान रिलीज होने वाले हार्मोन को आप नहीं बदल सकती, लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं जिनसे आपको राहत मिलेगी और आप डीहाइड्रेट होने से बच सकती हैं। ऐसे उपाय निम्नलिखित हैं :
- हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें।
- कॉटन के कपड़ों के साथ हल्के, ब्रीदेबल कपड़े पहनें और ज्यादा गर्म कपड़ों से बचें।
- प्रतिदिन नहाया करें। ठंडे प्रदेशों में आप गुनगुने पानी से भी स्नान कर ठंडा महसूस कर सकती हैं।
- एयर कंडीशनर चालू करें या पंखे के पास खड़े रहें।
- किसी हल्के कपड़े की बेडशीट का प्रयोग करें।
- आप हल्के लेयर की चादर और कंबल का इस्तेमाल करें ताकि आपको रात में इन्हें ओढ़ने में आराम रहे और ज्यादा पसीना ना आए।