परिचय
मार्शमैलो (Marshmallow) क्या है?
मार्शमैलो की पत्तियों और जड़ों का इस्तेमाल सदियों से हर्बल दवाइयों में किया जा रहा है। इसको श्वसन तंत्र में सूजन, सूखी खांसी, पेट में सूजन, पथरी, स्किन संबंधित परेशानी, अल्सर और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए निर्देशित किया जाता है। कई बार लोग इसका इस्तेमाल सीधा स्किन पर करते हैं जो इन्फेक्शन, स्किन अल्सर और दूसरे जख्मों को भरने में मदद करता है। मार्शमैलो में एक लसदार पदार्थ होता है जो हीलिंग का काम करता है। दर्द के लिए भी इसे त्वचा पर मलहम के रूप में लगाया जाता है। इसका प्रयोग खाने में फ्लेवर के तौर पर भी किया जाता है।
मार्शमैलो का उपयोग किस लिए किया जाता है?
प्राचीन काल से इसका प्रयोग एक औषधीय जड़ी बूटी के रूप में किया जाता आ रहा है। इसे निम्नलिखित परेशानियों, बीमारियों और लक्षणों के नियंत्रण, रोकथाम और उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।
स्तनों में सूजन और दर्द होना
शुरुआती शोध बताते हैं कि स्तन पर मार्शमैलो युक्त सेक को सही तरीके से किया जाए तो इससे ब्रेस्ट फीडिंग कराने से होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
स्किन संबंधित परेशानियों को करे दूर करता है
इसमें एंटी इन्फ्लमेटरी गुण होते हैं, जो स्किन संबंधित परेशानियां जैसे फरंक्युलोसिस , एक्जिमा और डर्मटाइटिस के लिए भी मददगार है। 2013 की समीक्षा में पाया गया कि 20 प्रतिशत मार्शमैलो युक्त मलहम के इस्तेमाल से त्वचा की जलन कम हो गई। जब सिर्फ मार्शमैलो को प्रयोग किया गया तो ये मरहम कि तुलना में कम असरदार था।
जख्म को भरता है
इसकी जड़ों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो जख्मों को भरने में लाभदायक है। 2015 में जानवरों पर एक स्टडी की गई थी जिसमें पाया गया था कि इसके रूट एक्सट्रैक्ट में ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया का इलाज करने की क्षमता होती है।
कफ की समस्या ठीक होती है
कई सारे नैचूरल और हर्बल कफ सिरप में मार्शमैलो रूट एक्सट्रैक्ट शामिल होता है, जो ड्राय कफ को दूर करने में मददगार है। इसका सेवन संतुलित और नियमित करने से शरीर को लाभ मिलता है।
अल्सर पेशेंट के लिए फायदेमंद है
2015 में की गई स्टडी में सामने आया कि मार्शमैलो के फूल का अर्क गैस्ट्रिक अल्सर से आंत को बचाने में मदद कर सकता है।
फेफड़ों का कैंसर
इसकी जड़ों में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज होती हैं जो फेफड़ों में होने वाले कैंसर ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है। ये विटामिन सी का भी अच्छा स्त्रोत है जो इम्यूनिटी को बढ़ाने और कैंसर ट्रीटमेंट में मदद करता है। फेफड़ों के कैंसर की रोकथाम में है सहयक।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने में सक्षम
इन्फेक्शन के लक्षण जैसे सूजन, जलन आदि के इलाज के लिए इसका रूट फायदेमंद है। ये बैक्टीरिया को नष्ट कर तेजी से हीलिंग में मदद करता है।
दिल को रखे स्वस्थ रखता है
जांघों व हाथों पर सूजन दिल की समस्याओं को दर्शाती है। मार्शमैलो सूजन से लड़ने में सक्षम होने के साथ दिल को स्वस्थ रखने में भी मददगार है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखे
मार्शमैलो रूट डाइजेशन संबंधित सारी परेशानियों जैसे हीटबर्न, एसिड बनना, डायरिया और कब्ज में सुधार करता है। रिसर्च में पाया गया है कि मार्शमैलो हर्ब डाइजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ रखने में फायदेमंद है।
कैसे काम करता है मार्शमैलो?
यह पाचन तंत्र की स्किन पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाता है जो पेट की शक्ति को बढ़ाने का काम करता है। इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो कफ को कम करने के साथ जख्मों को भरते हैं।
इसमें फ्लेवोनॉइड एंटी-ऑक्सीडेंटस (flavonoid antioxidants), एमिनो एसिड, पेक्टिन, एंटीवायरल, एंटी-बैक्टीरियल कंपाउंडस होते हैं। एथनो फार्माकोलोजी के जर्नल में छपे शोध के अनुसार ये सारे कंपाउंडस दर्द और सूजन जैसे लक्षणों को कम करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है मार्शमैलो (Marshmallow) का उपयोग ?
मार्शमैलो रूट ज्यादातर सभी लोगों के लिए सुरक्षित है। इसकी शुरुआत कम डोज के साथ ही करें। इसे हमेशा 8 ग्लास पानी के साथ लें। लगातार चार हफ्तों से ज्यादा इसका सेवन न करें। एक हफ्ते के ब्रेक के बाद आप इसे फिर से शुरू कर सकते हैं। स्किन पर इस्तेमाल करने वाले लोग एक बार पैच टेस्ट करके देख लें। अगर आप किसी दूसरी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें। प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें। डायबीटिज के पेशेंट्स को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स
मार्शमैलो (Marshmallow) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- पेट खराब होने का डर बना रहता है
- चक्कर आना की समस्या हो सकती है
- स्किन में जलन होना
- लो ब्लड शुगर होना
और पढ़ें: समझें क्या है डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2
डोसेज
मार्शमैलो को लेने की सही खुराक क्या है?
अगर आप मार्शमैलो की चाय पी रहे हैं तो एक ग्लास पानी में 30 से 40 बूंदे मार्शमैलो टिंचर की डालें। पाउडर या कैप्सूल ले रहे हैं तो दिन में 6 ग्राम से ज्यादा न लें। एक बार में असर देखने के लिए 2 ग्राम मार्शमैलो काफी है।
मार्शमैलो का सेवन कब नहीं करना चाहिए?
इसका सेवन निम्नलिखित स्थिति में नहीं करना चाहिए। जैसे-
गर्भावस्था-
इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है की गर्भवती महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। रिसर्च के अनुसार अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो इसके सेवन से बचना चाहिए।
ब्रेस्ट फीडिंग-
अगर आप शिशु को स्तनपान करवाती हैं, तो ऐसी स्थिति में भी इसे न खाएं। कोशिश करें की एक बार अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर-
यह एक ऐसी समस्या है जब शरीर में चोट लगे और खून निकलना बंद न हो। कई लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसी स्थिति में मार्शमैलो का सेवन न करें। रिसर्च के अनुसार इससे परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है।
डायबिटीज-
अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं तो इसके सेवन से पहले शुगर लेवल की जांच जरूर करें। कोशिश करें की इसका सेवन न करें।
सर्जरी-
इसके सेवन से शुगर लेवल बढ़ने की संभावना बनी रहती है और खून भी नहीं जमता है। इसलिए अगर आपकी सर्जरी होने वाली है या हो गई है, तो इसके सेवन से बचें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सर्जरी होने की तारीख से दो हफ्ते पहले से इसका सेवन बंद कर देना चाहिए।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
- पाउडर
- कैपसूल
- चाय
- कफ सिरप
इन चार अलग-अलग रूपों में आसानी से उपलब्ध होता है।
अगर आप मार्शमैलो से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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