नाशपाती (Pear) पौष्टिक गुणों से भरपूर एक फल है, जिसका सेवन प्राचीन काल से दुनियाभर में किया जा रहा है। इसका वानस्पातिक नाम पाइरस कम्यूनिस है। ये फल रोसेशिए (Rosaceae) परिवार का सदस्य है। यह सेब से संबंधित फल है। हालांकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक और अम्ल की मात्रा कम होती है। ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पोषक तत्वों और औषधियों गुणों से भरपूर है। इसका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। सबसे पहले इस फल को उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप और एशिया में उगाया गया था। भारत में इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश और कश्मीर में होती है। इसका पेड़ एक मध्यम ऊंचाई का होता है जो 10 से 17 मीटर (लगभग 33 से 56 फीट) तक लंबा हो सकता है। इसकी कुछ प्रजातियां झाड़ के रूप में भी होती है जिनकी लंबाई बहुत ही कम होती है।
नाशपाती (Pear) में बहुत से विटामिन्स और खनिजों की मात्रा होती है इसलिए यह शरीर के लिए जरूरी सभी विटामिन्स की कमी को पूरा कर सकता है। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है और कब्ज की समस्या का उपचार करता है।
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मिनेसोटा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जोनने स्लाविन के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में पाया कि नाशपाती फाइबर (Fiber) का अच्छा स्रोत है। फाइबर युक्त होने की वजह से नाशपाती (Pear) या पीयर और आंतों को ज्यादा सक्रिय रखता है और खाना आसानी से पच भी जाता है।
बहुत सारे फल ऐसे होते हैं, जिसमें शुगर लेवल (Sugar Level) बहुत अधिक मात्रा में होता है। नाशपाती (Pear) लो कैलोरी फल है, जो हेल्दी डायट (Healthy Diet) के लिए परफेक्ट है। इसके सेवन से चर्बी के रूप में शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ आसानी से बाहर आ जाते हैं। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
नाशपाती (Pear) में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी (Vitamin-C) होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करने के साथ एंटी-ओक्सिडेंट गुण भी प्रदान करता है। एंटी-ओक्सिडेंट शरीर से हानिकार तत्वों को बाहर निकाल स्वास्थ्यको ठीक रखता है।
नाशपाती के सेवन से कब्ज (Constipation) संबंधित परेशानियों से राहत मिलती है। इससे आंतों में जमी गंदगी मल के रूप में आसानी से बाहर आ जाती है।
एक रिसर्च के मुताबिक पियर में पेक्टिन नामक तत्व होता है, जो कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को नियंत्रित करने में मददगार है।
रिसर्च के अनुसार, नाशपाती के सेवन से मधुमेह (Diabetes) के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
नाशपाती का सेवन करने से स्ट्रोक (Strok) का खतरा कम रहता है। पीयर में पोटेशियम होता है जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी को सुरक्षित रखने का काम करता है। इसके अलावा, ये शरीर के सभी हिस्सों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
नाशपाती (Pear) में फोलिक एसिड होता है, जो ट्यूब में बच्चे को होने वाले दोषों से दूर रखता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को फोलिक एसिड मेंटेन रखने की सलाह भी दी जाती है।
नाशपाती (Pear) में मैग्नीशियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, कैल्शियम और कॉपर उच्च मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में लाभदायक है।
इस फल में एंटी-कारसिनोजेनिक (Anticarcinogenic) गुण होते हैं जो कैंसर (Cancer) की रोकथाम में सहायता करता है।
नाशपाती (Pear) में आयरन (Iron) की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ा सकता है। अगर कोई एनीमिया से पीड़ित हो तो उसके लिए नियमित तौर पर नाशपाती का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
नाशपाती (Pear) शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बहुत आसानी से बढ़ा सकती है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर सकती है। इसके लिए नियमित तौर पर आप नाश्ते में नाशपाती का सेवन शामिल कर सकते हैं।
शुगर और घेंघा रोग के साथ-साथ नाशपाती (Pear) एनीमिया (Anemia) और गठिया (Arthritis) के उपचार में भी कारगर साबित हो सकता है। साथ ही, इसमें आयोडीन भी भरपूर मात्रा होती है जो घावों को जल्दी भरने में मदद कर सकते हैं।
इस फल में मौजूद विटामिन, खनिज और ओर्गेनिक कंपाउंड हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें विटामिन-सी (Vitamin-C), विटामिन-के (Vitamin-K), पोटैशियम (Potassium), फोलेट (Folat), फाइबर (Fiber), कॉपर (Copper), मैंगनीज (Manganese) और बी कॉम्प्लेक्स (B- Complex) विटामिन भी होते हैं। इसमें पेक्टिन होता है, जो डायरिया (Diarrhea) को कम करने में मदद करते हैं।
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सही मात्रा में नाशपाती का सेवन सेफ है फिर भी इस पर कई शोध किए जा रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों को किसी किसी फल से एलर्जी (Allergy) होती है। इसलिए अपनी बॉडी को मोनिटर करते रहें। अगर आप कभी इस फल को नहीं खाते हैं, तो एक दम से इसे ज्यादा मात्रा में न खाएं। रोजाना एक नाशपाती (Pear) से शुरुआत करें। इसमें अधिक मात्रा में फ्रुक्टोज होता है, जिसकी डायट (Diet) से कुछ लोगों में डायरिया और कब्ज (Constipation) की परेशानी होने लगती है। इसे दवाई के तौर पर लेना कितना सेफ है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग और दवाओं के नियम सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। नाशपाती (Pear) के हर्बल सप्लिमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या डॉक्टर से संपर्क करें।
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नाशपाती (Pear) या पीयर से थोड़ी बहुत एलर्जी है, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
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अगर ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
इसकी खुराक को लेकर कोई सही जानकारी नहीं है। हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपरोक्त दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको नाशपाती (Pear) के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप विशेषज्ञ से जानकारी लें।
डिस्क्लेमर
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