परिचय
वाइल्ड इंडिगो (wild indigo) का इस्तेमाल किसलिए होता है?
वाइल्ड इंडिगो एक औषधि है। भारत में इसे नील के नाम से भी जानते हैं। इसका वानस्पातिक नाम Baptisia australis है। यह पौधा फबासिए (Fabaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसकी जड़ों का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए होता है। इसका इस्तेमाल डिप्थीरिया, इनफ्लूंजा (फ्लू), स्वाइन फ्लू, सामान्य फ्लू और अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक, इम्यून सिस्टम ग्लैंड में सूजन, लाल बुखार (scarlet fever), मलेरिया और टाइफायड जैसे अन्य इंफेक्शन में किया जाता है।
कब्ज, पेट में दर्द, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और टॉयफाइड में तो इसका इस्तेमाल वरदान समान माना जाता है। टोनसिल्स में सूजन, गले में खराश, मुंह और गले की सूजन, बुखार, बोइल्स और क्रोहन रोग में भी वाइल्ड इंडिगो का इस्तेमाल किया जाता है। अल्सर में कुछ लोग सीधे ही इसे त्वचा पर लगाते हैं। वहीं, कुछ निप्पल्स में सूजन और दर्द, वजायनल डिस्चार्ज और घाव को साफ करने और सूजन में इसका इस्तेमाल करते हैं।
आमतौर पर निम्नलिखित परेशानियों में इस हर्ब को रिकमेंड किया जाता है:
- इस पौधे की जड़ का इस्तेमाल बुखार और टायफाइड के लिए उपयोगी माना जाता है।
- इस हर्ब का इस्तेमाल घाव पर ओइंटमेंट की तरह किया जाता है।
- कई शोध में इस बात की पुष्टी हुई है कि यह इम्यून सिस्टम के लिए बेहद फायदेमंद है।
- इसकी जड़ का काढ़ा स्किन संबंधित परेशानियों को दूर करने में भी कारगर है।
- क्रोनिक वायरल कंडिशन और क्रोनिक फटिग सिंड्रोम में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- होम्योपैथिक टिंचर में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल करिया जाता है।
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वाइल्ड इंडिगो (wild indigo) कैसे कार्य करती है?
वाइल्ड इंडिगो कैसे कार्य करती है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नही है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से सलाह लें। हालांकि कई शोध के अनुसार, इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीइन्फलामेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल, एस्ट्रिंजेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। इसके साथ ही ये इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करता है।
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सावधानियां और चेतावनी
वाइल्ड इंडिगो (wild indigo) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
निम्नलिखित स्थितियों में वाइल्ड इंडिगो का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें:
- यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
- यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
- यदि आपको वाइल्ड इंडिगो के किसी पदार्थ से एलर्जी है या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
- यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।
अन्य दवाइयों के मुकाबले आयुर्वेदिक औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। इस हर्बल का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बालिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
वाइल्ड इंडिगो (wild indigo) कितनी सुरक्षित है?
मौखिक रूप से सेवन करने या त्वचा पर लगाने पर यह असुरक्षित है। लंबे समय या अधिक मात्रा में इसका सेवन भी हानिकारक है।
ये लोग बरतें विशेष सावधानियां और चेतावनी
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and Breastfeeding): दोनों ही स्थितियों में वाइल्ड इंडिगो का सेवन असुरक्षित है। सुरक्षा की दृष्टि से इसका सेवन करने से बचें।
पेट या आंत की समस्याएं (Stomach related problems): पेट या आंत की समस्याओं से पीढ़ित लोगों के लिए वाइल्ड इंडिगो नुकसानदायक हो सकती है। इसे देखते हुए इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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साइड इफेक्ट्स
वाइल्ड इंडिगो (Wild Indigo) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
वाइल्ड इंडिगो से उल्टी, डायरिया, अन्य आंत से जुड़ी समस्याएं और मरोड़ हो सकती है। इसके अधिक मात्रा में सेवन से हद्दय और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। ऑटो इम्यून डिसऑर्डर के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी वाइल्ड इंडिगो के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से सलाह लें।
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रिएक्शन
वाइल्ड इंडिगो (Wild Indigo) से क्या रिएक्शन हो सकते हैं?
वाइल्ड इंडिगो आपकी मौजूदा दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है या दवा का कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बालिस्ट से संपर्क करें। यदि आप किसी भी दवा का सेवन कर रहे हैं तो इसका इस्तेमाल कभी भी खुद से न करें। आपके द्वारा की गई छोटी सी लापरवाही हानिकारक साबित हो सकती है।
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डोसेज
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से सलाह लें।
वाइल्ड इंडिगो (Wild Indigo) को लेने की सही खुराक क्या है?
हर मरीज के मामले में इस हर्बल का डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नहीं होती हैं। इस हर्बल के उपयुक्त डोज के लिए अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से सलाह लें। कभी भी खुद से खुराक निर्धारित करने की गलती न करें। ऐसे करना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।य
वाइल्ड इंडिगो (Wild Indigo) किन रूपों में आती है?
यह हर्बल निम्नलिखित रूपों में आती है:
- इंडिगो एक्स्ट्रैक्ट (Indigo Extract)
- लिक्विड एक्स्ट्रैक्ट (Liquid Extract)
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में इस हर्बल से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो इस हर्ब का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि हर हर्ब सुरक्षित नहीं होती। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें तभी इसका इस्तेमाल करें। वाइल्ड इंडिगो से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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