के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
लेवोलिन (Levolin) एक ब्रोन्कोडायलेटर दवा है। इसका इस्तेमाल पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग (सीओपीडी) (क्रोनिक ऑब्स्टूक्टिव पल्मोनरी डिसाऑर्डर) और अस्थमा के उपचार में किया जाता है। यह फेफड़ों की ओर जाने वाले वायुमार्ग में मांसपेशियों को आराम दिलाता है और फेफड़ों से हवा के बहाव की मात्रा को नियंत्रित करता है।
लेवोलिन, लेवोसालबूटामॉल (Levosalbutamol) के मिश्रण से तैयार किया जाता है। लेवोलिन का इस्तेमाल निम्नलिखित बीमारियों में किया जाता हैः
लेवोलिन (Levolin) टैबलेट और सिरप दोनों के रूप में उपलब्ध है। इसकी खुराक की मात्रा डॉक्टर रोगी की चिकित्सा स्थिति और उपचार की प्रतिक्रिया पर निर्धारित करते हैं। अगर हर दिन निश्चित समय और अंतराल पर दवा की खुराक लेते हैं, तो दवा का अच्छा प्रभाव जल्दी देखा जा सकता है। इसलिए, दवा की खुराक हर दिन एक निश्चित समय पर ही लें।
अगर लेवोलिन टैबलेट का इस्तेमाल कर रहें हैं, तो इसे हमेशा पानी के साथ पूरा निगलें। इसे चबाएं या कुचलें नहीं। वहीं अगर लेवोलिन सिरप का इस्तेमाल कर रहें है तो दवा की बोतल को अच्छी तरह से हिलाएं और उसके साथ दिए गए मापने वाले चम्मच से ही दवा की खुराक लें। दवा की खुराक उतनी ही लें जितनी आपके डॉक्टर ने निर्धारित की है।
साथ ही अगर आपकी बीमारी के लक्षण समाप्त हो गए हैं तब भी इसका सेवन जारी रखें जब तक आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा की मात्रा पूरी नहीं होती है। अगर दवा का सेवन जल्दी बंद करते हैं, तो बैक्टीरिया फिर से फैल सकते हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर को बताएं अगर आपकी स्थिति वैसे ही बनी रहती है या स्वास्थ्य में कोई नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है।
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