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ब्लड शुगर कैसे डायबिटीज को प्रभावित करती है? जानिए क्या हैं इसे संतुलित रखने के तरीके

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    ब्लड शुगर कैसे डायबिटीज को प्रभावित करती है? जानिए क्या हैं इसे संतुलित रखने के तरीके

    अगर आपको डायबिटीज (Diabetes) है तो आपके लिए अपने शरीर में ब्लड शुगर लेवल यानी ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) लेवल को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है। ब्लड शुगर का अधिक होना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इससे आपको दिल संबंधी समस्याएं, नजर का धुंधला होना या किडनी संबंधी रोग हो सकते हैं। जबकि अगर आप शुगर को अपने लेवल को संतुलित रखेंगे तो आपकी ऊर्जा बढ़ेगी, मूड सुधरेगा और आप फिट भी रहेंगे। डायबिटीज या ब्लड शुगर लेवल का बढ़ने या कम होने की समस्या आजकल लोगों में बहुत ही सामान्य होती जा रही है।  जानिए ब्लड ग्लूकोज या शुगर और डायबिटीज के बारे में विस्तार से।

    क्या है ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) (शुगर) और डायबिटीज?

    ब्लड ग्लूकोज

    ब्लड शुगर या ग्लूकोज हमारे शरीर में भोजन से हमें प्राप्त होती है। यह हमारे शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है। हमारा खून इस ग्लूकोज को शरीर की सभी कोशिकाओं तक लेकर जाता है ताकि इसका प्रयोग ऊर्जा के रूप में किया जा सके।

    डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है। समय के साथ ग्लूकोज के स्तर का अधिक बढ़ जाना कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या नहीं भी है, तब भी आपका ब्लड शुगर बहुत अधिक या बहुत कम हो सकता है। जिसे प्रीडायबिटीज कहा जाता है। इस समस्या से बचने के लिए सही आहार, शारीरिक गतिविधियां और दवाइयां आपकी मदद कर सकती हैं।

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    ब्लड ग्लूकोज या शुगर का बढ़ना क्या है? (Increased blood glucose or sugar)

    ब्लड शुगर या ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) लेवल हमारे शरीर में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा होती है। अगर शुगर की मात्रा हमारे शरीर में बढ़ जाए तो उसे हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है। ब्लड शुगर का लेवल शरीर में तब बढ़ता है, जब शरीर में इंसुलिन नहीं बना पाता या इंसुलिन अपना सही काम नहीं करता। शरीर को इंसुलिन की जरूरत तब पड़ती है, जब खून में मौजूद ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं में जाए। जहां यह ग्लूकोज ऊर्जा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है उनके खून में ग्लूकोज बहुत अधिक बनता है जिससे हाइपरग्लेसेमिया की समस्या हो सकती है। हाइपरग्लेसेमिया यानी शरीर में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से बहुत अधिक बढ़ जाना होता है। हाइपरग्लेसेमिया के प्रभाव हमारे शरीर पर बहुत हानिकारक हो सकते हैं।

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    ब्लड शुगर को कैसे चेक किया जा सकता है? (How can blood sugar be checked?)

    ब्लड शुगर जांचने के लिए ब्लड शुगर मीटर, ग्लूकोमीटर या कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) का प्रयोग किया जाता है, ताकि शरीर में मौजूद ब्लड शुगर का सही पता चल सके। ब्लड शुगर मीटर में खून के छोटे से नमूने को लेकर शुगर की जांच की जाती है, खासतौर पर ऊंगली के किनारे से। कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर CGM में एक सेंसर होता है जिसे त्वचा के नीचे डाला जाता है ताकि कुछ ही मिनटों में ब्लड शुगर जांची जा सके। आप किसी भी तरीके से घर में इसकी जांच कर सकते हैं।

    सामान्य ब्लड ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) या शुगर लेवल कितना होना चाहिए

    सामान्य ब्लड शुगर लेवल इस प्रकार होना चाहिए:

  • खाने से पहले :80 to 130 mg/dL.
  • खाने के दो घंटे बाद :180 mg/dL से कम
  • हालांकि, आपके शरीर में ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) या शुगर का लेवल कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे आपकी उम्र, आपकी स्वास्थ्य समस्याएं और अन्य कारक। आपका शुगर लेवल कितना होना चाहिए, इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें। वो आपकी शारीरिक जांच, उम्र या अन्य चीजों के आधार पर आपको बता सकते हैं कि आपका ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए।

    डायबिटीज (Diabetes) ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कैसे प्रभावित करती है?

    हमारा शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा के लिए प्रयोग करता है। ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को इंसुलिन की जरूरत होती है, जो हमारे अग्न्याशय द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है। हमारा सामान्य ग्लूकोज मेटाबोलिज्म इस प्रकार काम करता है।

    हम जो भोजन खाते हैं वो तीन तरह के सामान्य नुट्रिएंट्स से बना होता है – कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा। पाचन के दौरान हमारे पेट में कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूट जाता है, जिसे हमारी ब्लड स्ट्रीम सोख लेती है।  हमारा अग्न्याशय ग्लूकोज को बाहर निकालता है। इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज को ले जाने के लिए भी जिम्मेदार है।जब ग्लूकोज कोशिकाओं में जाता है तो इससे ग्लूकोज की कुछ मात्रा ब्लडस्ट्रीम में कम हो जाती है।

    • अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज है तो अग्न्याशय(pancreas) इंसुलिन का स्राव नहीं कर पाता। जिससे ब्लडस्ट्रीम में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है। इंसुलिन के बिना ग्लूकोस शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता। जिसके कारण खून मे ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है।
    • अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तो आपके अग्न्याशय(pancreas) जितनी मात्रा में इंसुलिन शरीर को चाहिए होती है उससे कम मात्रा में स्राव कर पाता है। कुछ मामलों मे, ग्लूकोस के लिए इंसुलिन इंसेंटिविटी हो सकती है।

    इन दोनों तरह की डायबिटीज में, ग्लूकोज का प्रयोग ऊर्जा के लिए नहीं किया जा सकता और इसकी मात्रा ब्लड स्ट्रीम में बढ़ जाती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।

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    ब्लड ग्लूकोज या शुगर बढ़ने से क्या हो सकता है? (Causes of increasing blood glucose)

    बहुत अधिक शुगर युक्त आहार लेने या इसके बढ़ने से शरीर के किसी भी अंग या हिस्से को नुकसान हो  सकता है। इसका प्रभाव ब्लड वेसल पर भी पड़ता है। ब्लड वेसल को नुकसान होने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं।

    • किडनी की समस्या या किडनी का फेल होना 
    • स्ट्रोक्स
    • हार्ट अटैक
    • आँखों की दृष्टि कम होना या अंधापन
    • इम्यून सिस्टम का कमजोर होना, जिससे इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है
    • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
    • नर्व डैमेज,जिसे न्यूरोपैथी कहा जाता है, जिससे हाथ, पैरों और टांगों में दर्द , झुनझुनी
    • टांगों और हाथों तक सर्कुलेशन का कम होना
    • घावों को धीरे-धीरे ठीक होना
    • इम्युनिटी कमजोर हो सकती है जिससे रोगी को कई बीमारियां हो सकती हैं
    • टांग या पैर पर घाव और संक्रमण, जो अगर बढ़ जाए, तो टांग या पैर काटना पड़ सकता है

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    ब्लड शुगर के लेवल को सही (Normal Blood Sugar level) कैसे बनाएं रखें 

    ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) या शुगर के लेवल को सही रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना बेहद आवश्यक है। इसके लिए अपने आहार में फलों और सब्जियों को शामिल करें। इसके साथ ही अपने वजन को भी सही बनाएं रखें। फिजिकल एक्टिविटीज इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य आसान उपाय भी हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित बनाये रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।

    • अपनी ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) को समय-समय पर जांचते रहें ताकि पता चले की आपका शुगर लेवल कम हुआ है या बढ़ा है।
    • सही समय पर भोजन करें, दिन के किसी भी आहार को मिस न करें। मतलब नाश्ता, दिन का भोजन और रात का भोजन सही समय पर करें।
    • ऐसे आहार का सेवन करें, जिनमें कैलोरीज, सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट , शुगर और नमक कम हो।
    • पानी का अधिक सेवन करें। जूस,कैफीन युक्त पेय पदार्थों और सोडा से बचे।
    • एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स भी न लें।
    • अगर कुछ मीठा खाना हो तो फल खाएं।

    अगर आपका ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) या शुगर लेवल बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर की सलाह लें और उनकी बताई दवाईयां नियमित रूप से लें। रोजाना एक्सरसाइज, योगा या अन्य गतिविधियां करना भी न भूलें।

    किसी भी बीमारी से लड़ना आसान होता है अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज को दी है मात।

    डिस्क्लेमर

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