डायबिटीज की समस्या लोगों में तेजी से फैलती जा रही है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (American Diabetes Association) में पब्लिश्ड साल 2019 की रिपोर्ट अनुसार भारत समेत पूरे विश्व में 1.3 बिलियन लोग डायबिटीज की समस्या के शिकार हैं। ऐसा नहीं है कि डायबिटीज की समस्या को समझा ना जाए। अगर शरीर में होने वाले बदलाव को ध्यान दिया जाए तो इस गंभीर बीमारी से दूर रहने में मदद मिल सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance [IGT]) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस क्या है?
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस के लक्षण क्या हैं?
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस और डायबिटीज में क्या है अंतर?
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस और टाइप 2 डायबिटीज में क्या है संबंध?
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस की समस्या होने पर क्या डायट में क्या करें शामिल?
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव के लिए क्या करें?
चलिए अब इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
सामान्य से ज्यादा ब्लड ग्लूकोज लेवल होने की स्थिति इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस कहलाती है। हालांकि इस दौरान ब्लड ग्लूकोज लेवल इतना ज्यादा नहीं होता है कि इसे डायबिटीज कहा जाए। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस को अगर इग्नोर किया जाए, तो इससे डायबिटीज (Diabetes) एवं कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) की संभावना बढ़ सकती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल 6.0 mmol/L से ज्यादा होना। वहीं 75 ग्राम ग्लूकोज का सेवन करने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 7.8 mmol/L देखा गया।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस और डायबिटीज में क्या है अंतर? (Difference between Impaired Glucose Tolerance)
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस की समस्या होने पर विशेष रूप से खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) बढ़ जाता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों में ऐसा नहीं होता है। डायबिटीज पेशेंट्स में ब्लड शुगर लेवल फास्टिंग (Fasting Blood Sugar) के दौरान या खाने के बाद भी बढ़ सकता है।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस और टाइप 2 डायबिटीज में क्या है संबंध? (Relation between Impaired Glucose Tolerance and Type 2 Diabetes)
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस की स्थिति टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या को दावत दे सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी में ब्लड ग्लूकोज लेवल (Blood Glucose Level) सामान्य से ज्यादा रहता है और अगर ऐसी स्थिति को इग्नोर किया जाए तो टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या शुरू हो सकती है।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस की समस्या होने पर डायट में क्या करें शामिल? (Diet for Impaired Glucose Tolerance)
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस की समस्या होने पर डायट (Diet) में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ एवं पेय पदार्थों को शामिल किया जा सकता है। जैसे:
नॉन-स्टार्ची सब्जियां जैसे ब्रोकली (Broccoli) एवं गहरे हरी रंग की सब्जियों (Dark leafy greens) को शामिल करें।
विटामिन सी (Vitamin C) एवं विटामिन ई (Vitamin E) से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
डेली डायट में नींबू (Lemons), संतरा (Oranges) एवं कीवी जैसे फलों का सेवन करें।
हाई फाइबर फूड जैसे बीन्स (Beans) एंड लेनटिल्स (Lentils) का सेवन करें।
साबुत अनाज जैसे ओट्स (Oats), कीनुआ (Quinoa) और बार्ली (Barley) का सेवन करें।
इन खाद्य पदार्थों को अपने डेली डायट (Diet) में शामिल करना चाहिए। इससे शरीर को आवश्यक न्यूट्रिशन (Nutrition) की पूर्ति होने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को बैलेंस रखने में भी मदद मिल सकती है।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to prevent Impaired Glucose Tolerance)
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करने से इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव (Impaired Glucose Tolerance) मदद मिल सकती है और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
एक साथ ज्यादा न खाएं, बेहतर होगा थोड़ी-थोड़ी देर में और कम-कम खाएं। ऐसा करने से भी इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव संभव हो सकता है।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहें हैं, तो घर पर ही एक्सरसाइज कर सकते हैं। इसके साथ ही आप नियमित रूप से वॉकिंग (Walking) कर फिट रह सकते हैं या स्विमिंग (Swimming) भी आपको फिट रहने में मददगार गई।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance) से बचाव के लिए शरीर को स्थिल न होने सेन। कोशिश करें शरीर को एक्टिव रखने की।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस से बचाव के लिए फ्रोजन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
अगर ब्लड रिलेशन में किसी को डायबिटीज है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए।
इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance) टेस्ट में प्रायः डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं। जिसमे आपको एक ही दिन में दो बार ब्लड टेस्ट करवाना होता है। एक बिना कुछ खाए-पीए और दूसरा खाना खाने के डेढ़ से दो घंटे बाद। IAFG (फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट) 100-125 mg/dl और IAFG (पोस्ट्प्रैंडीयल ग्लूकोज टेस्ट) टेस्ट-140 mg/dl(खाना खाने के बाद)।
इन टिप्स को फॉलो करने और ब्लड शुगर की समस्या (Blood Sugar problem) से बचकर रहें, क्योंकि डायबिटीज की समस्या कई गंभीर बीमारियों को भी आपके शरीर में इन्वाइट कर सकती है और आपकी शारीरिक एवं मानसिक परेशानी दोनों को बढ़ा सकती है।
किसी भी बीमारी या शारीरिक परेशानी होने पर खुद से इलाज न करें। बेहतर होगा की आप डॉक्टर से मिलें। क्योंकि शुरुआती दौर में किसी भी बीमारी का इलाज आसानी से किया जा सकता है और आप जल्दी ठीक हो सकती हैं। अगर आप इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस और टाइप 2 डायबिटीज (Impaired Glucose Tolerance and Type 2 Diabetes) के बचाव से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से इम्पेयर्ड ग्लूकोज टॉलरेंस (Impaired Glucose Tolerance) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर मन में अधिक प्रश्न हैं, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। योग से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब है नीचे दिए इस वीडियो लिंक में। वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को समझें।
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