इन दोनों शारीरिक तकलीफों के बारे में एक-एक कर जानते हैं-
डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy [DR])- डायबिटीज की समस्या होने पर आंखों में सूखापन, देखने में परेशानी महसूस होना, मोतियाबिंद (Cataract) की समस्या या रेटिना (Retina) से जुड़ी तकलीफ डायबिटिक रेटिनोपैथी के अंतर्गत आती है।
डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Macular Edema [DME])- डायबिटीज की समस्या से पीड़ित लोगों में देखने की क्षमता पर अत्यधिक नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। वहीं जिन डायबिटिक लोगों में लंबे वक्त से हाय शुगर लेवल (High Blood Sugar Level) की समस्या चलती आ रही है, उन्हें डायबिटिक मैकुलर एडिमा (DME) का खतरा ज्यादा रहता है। डायबिटिक मैकुलर एडिमा (DME) की स्थिति में देखने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
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क्या डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा एक ही समस्या है? (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema is same problem)
डायबिटीज होने के कारण कई बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आंखों से जुड़ी बीमारियों की समस्या से डायबिटिक पेशेंट सबसे ज़्यादा परेशान रहते हैं। ऐसे में कई बार डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा को एक ही समस्या समझ लेते हैं। अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो डायबिटिक रेटिनोपैथी में विजन लॉस यानी देखने की क्षमता कम हो सकती है, जिसके साथ-साथ ही डायबिटिक मैकुलर एडिमा से जुड़ी अन्य परेशानी भी हो सकती है। आर्टिकल में आगे जानेंगे डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षणों को।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema)