backup og meta

डायबिटीज की वजह से हो सकता है मोतियाबिंद, जान लीजिए इससे बचने का तरीका

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    डायबिटीज की वजह से हो सकता है मोतियाबिंद, जान लीजिए इससे बचने का तरीका

    मोतियाबिंद (Cataracts)  डायबिटीज (Diabetes) के कारण होने वाले दृष्टि संबंधी जटिलताओं (Diabetes Complications) में से एक है, जो धुंध या दृष्टि के धुंधलापन का कारण बनता है। डायबिटीज के चलते साल भर होने वाले रूटीन टेस्ट में नियमित रूप से आय टेस्ट को शामिल करने से मरीज को मोतियाबिंद के लक्षणों को प्रारंभिक अवस्था में पहचानने और ट्रीटमेंट के बारे में सलाह लेने में मदद मिल सकती है। नहीं, तो डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है।

    मोतियाबिंद एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखों के लेंस पर धुंध छा जाती है। जिसके कारण धुंधला दिखाई देने लगता है। कुछ लोग मातियाबिंद को धुंधली खिड़की से देखने जैसे उदाहरण से समझाते हैं। डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) का कनेक्शन इस प्रकार समझा जा सकता है कि सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अमेरिका में 32 प्रतिशत से ज्यादा डायबिटीज से पीड़ित वयस्कों को मोतियाबिंद की समस्या है।

    डायबिटीज और मोतियाबिंद कनेक्शन (Diabetes and Cataracts)

    डायबिटीज और मोतियाबिंद के कनेक्शन का कारण ब्लड शुगर लेवल है। इस लिंक को समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल कैसे बॉडी को प्रभावित करता है। अगर इस पर ध्यान ना दिए जाए तो यह धीरे-धीरे बॉडी की ब्लड वेसल्स को डैमेज कर देता है। जिसमें आंख की ब्लड वेसल्स भी शामिल हैं। जब आंख की ब्लड वेसल्स डैमेज होती हैं, तो यह मोतियाबिंद और दूसरी आय कंडिशन्स के रिस्क का कारण बनता है।

    मोतियाबिंद ऐक्वीयस ह्यूमर (Aqueous humor) में हाय शुगर लेवल (High sugar levels) का परिणाम है। ऐक्वीयस ह्यूमर (Aqueous humor) आयबॉल्स और कॉर्निया के लेंस के बीच की जगह है। यह लेंस को पोषक तत्वों और ऑक्सीजन पहुंचाता है। जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो लेंस सूज जाते हैं जिसके परिणाम स्वरूप धुंधलापन होता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर भी लेंस में एंजाइम को ग्लूकोज (Glucose) को सार्बिटोल (Sorbitol) में बदलने का कारण बनती है। लेंस में बहुत अधिक सोर्बिटोल भी धुंधली दृष्टि का कारण बनता है। इस तरह आप समझ सकते हैं कि डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) का कनेक्शन क्यों माना जाता है।

    और पढ़ें : ओरल हायपोग्लाइसेमिक ड्रग्स: टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में हैं उपयोगी, उपयोग का तरीका है आसान 

    मोतियाबिंद के लक्षण (Symptoms of cataracts)

    डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts)

    डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) का संबंध समझने के बाद मोतियाबिंद के लक्षण भी जान लीजिए ताकि समय रहते इस बीमारी का इलाज किया जा सके। इस बीमारी के लक्षण प्रारंभिक चरण में दिखाई नहीं देते हैं और मोतियाबिंद का डायग्नोस आपको आश्चर्यचकित कर सकता है। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

    • धुंधला दिखाई देना
    • आंखों के सामने धुंध छाना
    • आंखों के सामने काले धब्बे
    • तेज रोशनी में देखने में परेशानी
    • रोशनी के आसपास घेरे दिखाई देना

    रात में ड्राइविंग और तेज धूप जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण आपकी दृष्टि धुंधली हो सकती है। नियमित रूप से आंखों की जांच मोतियाबिंद को अर्ली स्टेज पर डायग्नोस करने में मददगार साबित हो सकती है।

    मोतियाबिंद के कारण (Cataracts Causes)

    आंख का लेंस फ्लूइड से मिलकर बनता है जिसमें प्रोटीन होता है। समय के साथ फ्लूइड लेंस पर बादल की तरह छा सकता है, जिससे मोतियाबिंद हो सकता है। डायबिटीज के अलावा इसके कारणों में उम्र भी एक है। इसके साथ ही अन्य फैक्टर्स भी शामिल हैं।

    • स्मोकिंग (Smoking)
    • मोतियाबिंद की फैमिली हिस्ट्री होना
    • लंबे समय से कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) दवाओं का सेवन

    और पढ़ें :  टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : डायबिटीज की इस दवा के बारे में जानते हैं आप?

    मोतियाबिंद का इलाज कैसे किया जाता है? (Cataracts treatment)

    डायबिटीज के कारण होने वाले मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें सर्जन डैमेज्ड लेंस को आर्टिफिशियल लेंस से बदल देते हैं। अगर आपके लक्षण गंभीर नहीं, तो तुरंत सर्जरी की जरूरत नहीं होती है, आय ग्लासेस का उपयोग करके इस कंडिशन को मैनेज किया जाता है, लेकिन अगर मरीज को रूटीन के काम जैसे कि पढ़ने, ड्राइव करने और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होती है तो डॉक्टर सर्जरी रिकमंड करते हैं।

    डायबिटीज के मरीजों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सर्जरी के बाद का परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें डायबिटीज से संबंधित अन्य आय डिजीज तो नहीं हैं, जैसे ग्लॉकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी। इन मामलों में, मोतियाबिंद सर्जरी के बाद हल्का धुंधलापन रह सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें, मोतियाबिंद सर्जरी कराने से पहले आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में होना चाहिए। उच्च रक्त शर्करा घाव भरने को प्रभावित कर सकता है, साथ ही संक्रमण और रक्तस्राव के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

    डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) को कैसे मैनेज किया जा सकता है?

    डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) को मैनेज करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना होगा।

    ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करें (Manage your blood sugar)

    डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) दोनों को मैनेज करने के लिए मरीज को अपने ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखना होगा। संतुलित ब्लड शुगर लेवल आंखों की ब्लड वेसल्स के होने वाले डैमेज को धीमा कर सकता है। इससे डायबिटीज से सबंधित होने वाली आय डिजीज का रिस्क कम या खत्म हो सकता है। इस तरह डायबिटीज और मोतियाबिंद को मैनेज किया जा सकता है।

    और पढ़ें :  टाइप 2 डायबिटीज का आयुर्वेदिक उपचार: क्या इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है, जानें एक्सपर्ट की राय

    ब्लड प्रेशर को मैनेज करें (Manage your blood pressure)

    ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखकर भी डायबिटीज के कारण होने वाली आय डिजीज के रिस्क को कम किया जा सकता है। और डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) को मैनेज किया जा सकता है। डायबिटिक व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रत्येक डॉक्टर विजिट पर ब्लड प्रेशर चेक करवाएं। लो सॉल्ट डायट, हेल्दी वेट और एक्सरसाइज से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है, लेकिन कई बार इसके लिए दवा की जरूरत भी पड़ सकती है।

    आय एग्जामिनेशन (Eye examination) है जरूरी

    आय डॉक्टर प्यूपिल को चौड़ा करके और स्पेशल आय ड्रॉप्स का उपयोग करके आय ब्लड वेसल्स के डैमेज का पता लगाने की कोशिश करते हैं। डायबिटिक व्यक्ति को कुछ महीनों में फुल आय एग्जाम करना चाहिए जिससे परेशानी का जल्दी पता चल सके और इलाज किया जा सके।

    स्मोकिंग छोड़ दें (Quit smoking)

    अगर आप डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) को मैनेज करना चाहते हैं, तो स्मोकिंग को छोड़ दें क्योंकि स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को डैमेज करती है और डायबिटीज के मरीज की ब्लड वेसल्स हाय ब्लड शुगर के चलते पहले ही डैमेज रहती हैं। इसलिए इसे छोड़ने में ही आपकी भलाई है। यह ओवरऑल हेल्थ पर भी बुरा असर डालती है। डॉक्टर की मदद से इसे छोड़ने का प्रयास करें। साथ ही आप परिवार और दोस्तों की मदद भी ले सकते हैं।

    वॉर्निंग साइन पर रखें नजर

    जितनी जल्दी आप लक्षणों को पहचानेंगे उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकेगा। डॉक्टर से संपर्क करें अगर आपके ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

    • धुंधला दिखना, या आंखों के सामने बादल छाना
    • दोहरी दृष्टि (Double Vision)
    • तेज रोशनी में परेशानी या रोशनी के चारों ओर छल्ले
    • आंखों के आगे खाली, काले या तैरते धब्बे दिखाई देना
    • आंखों में दर्द और दबाव महसूस होना
    • आंखों का लगातार लाल रहना
    • साइन या सीधी रेखाओं को देखने में परेशानी
    • आंख के कोने से बाहर देखने में परेशानी
    • दृष्टि में कोई अचानक परिवर्तन

    और पढ़ें : बच्चों में यह लक्षण हो सकते हैं टाइप 2 डायबिटीज का संकेत, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

    उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज और मोतियाबिंद (Diabetes and Cataracts) का संबंध और इस कंडिशन को कैसे मैनेज किया जा सकता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

    डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


    Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement