रात में ड्राइविंग और तेज धूप जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण आपकी दृष्टि धुंधली हो सकती है। नियमित रूप से आंखों की जांच मोतियाबिंद को अर्ली स्टेज पर डायग्नोस करने में मददगार साबित हो सकती है।
मोतियाबिंद के कारण (Cataracts Causes)
आंख का लेंस फ्लूइड से मिलकर बनता है जिसमें प्रोटीन होता है। समय के साथ फ्लूइड लेंस पर बादल की तरह छा सकता है, जिससे मोतियाबिंद हो सकता है। डायबिटीज के अलावा इसके कारणों में उम्र भी एक है। इसके साथ ही अन्य फैक्टर्स भी शामिल हैं।
- स्मोकिंग (Smoking)
- मोतियाबिंद की फैमिली हिस्ट्री होना
- लंबे समय से कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) दवाओं का सेवन
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मोतियाबिंद का इलाज कैसे किया जाता है? (Cataracts treatment)
डायबिटीज के कारण होने वाले मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें सर्जन डैमेज्ड लेंस को आर्टिफिशियल लेंस से बदल देते हैं। अगर आपके लक्षण गंभीर नहीं, तो तुरंत सर्जरी की जरूरत नहीं होती है, आय ग्लासेस का उपयोग करके इस कंडिशन को मैनेज किया जाता है, लेकिन अगर मरीज को रूटीन के काम जैसे कि पढ़ने, ड्राइव करने और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होती है तो डॉक्टर सर्जरी रिकमंड करते हैं।
डायबिटीज के मरीजों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सर्जरी के बाद का परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें डायबिटीज से संबंधित अन्य आय डिजीज तो नहीं हैं, जैसे ग्लॉकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी। इन मामलों में, मोतियाबिंद सर्जरी के बाद हल्का धुंधलापन रह सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें, मोतियाबिंद सर्जरी कराने से पहले आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में होना चाहिए। उच्च रक्त शर्करा घाव भरने को प्रभावित कर सकता है, साथ ही संक्रमण और रक्तस्राव के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।