ज्यादातर लोगों को मुफ्त में मिलने वाली सलाह पसंद नहीं आती है लेकिन, कई बार यह जिंदगी बदल देती है। सुमित ठाकुर भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जिन्होंने ऑफिस के दोस्तों की सलाह अपनाकर अपनी बॉडी में करिश्माई बदलाव किया है। 27 वर्षीय सुमित पेशे से कॉरपोरेट प्रोफेशनल हैं। नियमित एक्सरसाइज और डायट को फॉलो करके फैट-टु-फिट बने सुमित ठाकुर ने 15 किलो वजन कम किया है। यहां पर हम आपको सुमित की वेट लॉस जर्नी बता रहे हैं।
स्कूल के दिनों से ही थे ओवरवेट
वजन ज्यादा होने के बावजूद भी सुमित स्कूल के दिनों से ही स्पोर्ट्स में सक्रिय रहा करते थे। सुमित कहते हैं कि, ‘स्कूल के दौरान मेरा वजन लगभग 87 किलोग्राम था। भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी मैं स्वभाव से आलसी नहीं था। स्कूल के दिनों में वॉलीबॉल खेला करता था। खेल-कूद में मैं हमेशा से ही आगे रहता था’। मेरे लिए ओवरवेट होने के मायने यह नहीं थे कि मैं स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भाग नहीं ले सकता।
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वेट लॉस जर्नी : कैसे एक सलाह ने बदल दी जिंदगी
सुमित बताते हैं कि ऑफिस के कुछ सहकर्मियों ने उन्हें एक्सरसाइज और डायट को लेकर सलाह दी। ‘मैंने दूसरे लोगों की तरह इसे नजरअंदाज नहीं किया।
दोस्तों ने मुझे डायट की बारीकियों के बारे में समझाया। इसके बाद मैंने खुद भी इंटरनेट पर जाकर इसके बारे में पढ़ना शुरू किया। एक्सरसाइज शुरू करने से पहले मेरा वजन तकरीबन 87 किलोग्राम था। बॉडी फैट पर्सेंटेज (Body Fat Percentage) 30 पर्सेंट था, जो कि मोटापे के खतरनाक दायरे में आता है। सुमित का कहना है कि सिर्फ एक्सरसाइज करने से ही मोटापा कम नहीं होता बल्कि हमें डायट का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।’
वे कहते हैं, ‘बॉडी बनाने या मोटापा कम करने में 70 पर्सेंट डायट का योगदान होता है। यदि आप सही डायट नहीं ले रहे हैं तो आपको नतीजा मिलना मुश्किल है।’
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वेट लॉस जर्नी : उतार-चढ़ाव भरा रहा सफर
वह बताते हैं कि एक्सरसाइज के शुरुआती छह हफ्तों में उन्हें अच्छे नतीजे मिले) जिसमें उनका बॉडी फैट पर्सेंटेज 15-16 पर्सेंट पर आ गया लेकिन, 2017 में ऑफिस की जगह बदलने के चलते उन्हें सात से आठ महीने के लिए जिम छोड़नी पड़ी। इस दौरान उनका बॉडी फैट पर्सेंटेज फिर 25 पर आ गया था।
मार्च 2018 में उन्होंने दोबारा एक्सरसाइज करना शुरू किया। कड़ी मेहनत से एक बार फिर उनका बॉडी फैट पर्सेंटेज 12%-13% पर आ गया। फैट-टु-फिट का उनका यह सफर आसान नहीं था। वह भी ऐसी स्थिति में जब 23 वर्ष की उम्र में उनका वजन 85 किलोग्राम से ऊपर था। जो अब 70 किलोग्राम के करीब है।
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वेट लॉस जर्नी : फिटनेस को लेकर हैं जुनूनी
सुमित का कहना है कि जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद जोश को कम नहीं होने देना चाहिए। अपने अनुभव को साझा करते हुए वह बताते हैं कि, ‘मैंने कभी बैडमिंटन को हाथ नहीं लगाया था। ऑफिस में मैंने इसे खेलना सीखा। ताकि मैं फिट रह सकूं। अब समय मिलने पर मैं बैडमिंटन खेलता हूं।’
कई बार गलत पॉश्चर और भारी वजन उठाने के चलते उन्हें घुटनों में दर्द होता था। इसके बावजूद भी वह एक्सरसाइज से घबराए नहीं। उनका मानना है कि शरीर के किसी भी हिस्से में यदि दर्द का अहसास हो तो हमें पर्याप्त आराम करना चाहिए। इससे उस हिस्से की रिकवरी ठीक ढंग से हो सके। सुमित का कहना है कि ज्यादातर लोग ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज करना जारी रखते हैं, जो घातक साबित हो सकता है।
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