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लिवर एंजाइम का बढ़ना शरीर के लिए हो सकता है खतरनाक

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/04/2021

    लिवर एंजाइम का बढ़ना शरीर के लिए हो सकता है खतरनाक

    लिवर एंजाइम का बढ़ना, लिवर कोशिकाओं के नुकसान और सूजन की ओर इशारा करता है। यह एंजाइम सामान्‍य रूप से लिवर की कोशिकाओं के अंदर पाए जाते हैं, लेकिन जब लिवर को नुकसान पहुंचता है तो इन एंजाइम का हमारे खून में ज्यादा रिसाव होने लगता है। इसका पता ब्लड टेस्ट में चलता है। लिवर एंजाइम के लिए सबसे ज्‍यादा होने वाले टेस्‍ट (ALT) एएलटी या लनाइन ट्रान्समिनस और एएसटी (AST) या एस्‍सर्टेट ट्रान्समिनस है इसे एसजीओटी (SGOT) भी कहा जाता है। लिवर एंजाइम के मामूली बढ़ने से भी लिवर की बीमारी के लक्षण आरंभ हो जाते हैं ऐसे में इन्हें जरा भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।

    लिवर एंजाइम के कारण लिवर का बढ़ना 

    लिवर एंजाइम बढ़ना लिवर के बढ़ने की ओर भी इशारा करता है। लिवर के बढ़ने को हिपेटोमिगेली कहा जाता है। हिपेटोमिगेली के सबसे आम कारणों में  हेपेटाइटिस या लिवर की सूजन शामिल है। साथ ही हेपेटाइटिस वायरस जैसे ए, बी, और सी हिपेटोमिगेली का कारण होता है। इसके अलावा अल्‍कोहलिक लिवर डिजीज और कैंसर, ल्यूकेमिया या लिंफोमा की वजह से भी लिवर बढ़ सकता है। इसके अलावा शरीर में और बदलाव हो सकते हैं।

    और पढ़ें : Liver biopsy: लिवर बायोप्सी क्या है?

    लिवर एंजाइम के कारण पीलिया होना

    जब लिवर में बिलरुबिन बढ़ने लगे, तो ये पीलिया की ओर इशारा करता है। पीलिया में त्‍वचा का रंग, मुंह और होंठ और आंखों का सफेद बदलकर पीला हो जाता है। बिलरुबिन एक हरे-पीले रंग का लिक्विड लिवर द्वारा उत्पादित होता है। बिलरुबिन फैट को डाइजेस्ट करने में भी मदद करता है और यह लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने का एक उप-उत्पाद भी है। लिवर आमतौर पर अतिरिक्त बिलरुबिन से छुटकारा पाने में मदद करता है। लेकिन अगर लिवर एंजाइम के बढ़ने से लिवर क्षतिग्रस्त हो जाये तो अतिरिक्त बिलरुबिन को रोकने में लिवर नाकाम हो जाता है, जो ज्यादा बढ़ने से पीलिया का कारण बनता है।

    वायरस अटैक

    कुछ वायरस लिवर एंजाइम के बढ़ने का कारण बनते हैं। इसकी वजह से लिवर एंजाइम के बढ़ने, मसल्स में कमजोरी, बोलने और निगलने में समस्‍या, सांस और थकान की तकलीफ होती है।

    और पढ़ें : LFT: जानें क्या है लिवर फंक्शन टेस्ट?

    मामूली समस्याएं

    लिवर एंजाइम के मामूली से बढ़ने पर लोगों में कुछ लोगों में लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन यह लिवर की बीमारी की ओर संकेत नहीं करते। बुखार, उल्‍टी, पेट में दर्द और भूख में कमी आना जैसी मामूल समस्याएं लिवर एंजाइम बढ़ने से हो सकती हैं।

    लिवर एंजाइम बढ़ने के कारण

    अगर किसी इंसान के ब्लड रिपोर्ट में सामने आता है कि उसका लिवर एंजाइम बढ़ा हुआ है, तो इसके बढ़ने के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं। साथ ही डॉक्टर पीड़ित से उसकी लाइफस्टाइल और खाने की आदतों के बारे में भी पूछ सकते हैं। लिवर एंजाइम के बढ़ने का सबसे आम कारण फैटी लिवर को माना जाता है। रिसर्च बताती है कि 25-51 फीसदी मामलों में लिवर एंजाइम बढ़ने का कारण फैटी लिवर ही होता है। शरीर में ऐसे बदलाव दिखे तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

    इसके अलावा कुछ और हेल्थ कंडिशन्स हैं, जिनके कारण लिवर एंजाइम बढ़ सकता है।

    – मेटाबॉलिक सिंड्रॉम

    -हेपेटाइटिस

    -एल्कोहॉल

    सिरोसिस, इससे लिवर के टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

    अन्य बीमारियां जिनके कारण लिवर एंजाइम बढ़ सकते हैं।

    -ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस

    -सीलिएक रोग

    -एप्सटीन बार वायरस (Epstein-Barr virus) से होने वाला इंफेक्शन

    -हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis)

    -मोनोन्यूक्लिओसिस (Mononucleosis)

    -सेप्सिस या ब्लड प्वांजनिंग

    -विलसन रोग

    यहां कुछ लिवर एंजाइम बढ़ने के कुछ सबसे आम कारण और लक्षण बताए गए हैं।

    फैटी लिवर

    फैटी लिवर तब होता है, जब लिवर पर फैट जमा हो जाता है। साथ ही अगर यह फैट एल्कोहॉल के सेवन के कारण इकट्ठा हुआ हो, तो इसे एल्कोहॉलिक फैटी लिवर कहते हैं। साथ ही जब लिवर में फैट के बढ़ने का कारण एल्कोहॉल नहीं हो, तो इसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर कहते हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रॉम से पीड़ित लोगो को नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या होने की आशंका अधिक रहती है।

    फैटी लिवर के कारण इंसान को थकान रह सकती है। इसके अलावा फैटी लिवर के कारण एब्डोमेन में राइट साइड पर पेन भी हो सकता है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में इसका कोई लक्षण नहीं दिखता है।

    डॉक्टर लिवर एंजाइम के बढ़ने के कारण को समझने के लिए पीड़ित की एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर या मेटाबॉलिक सिंड्रॉम की जांच कर सकता है।

    मेटाबॉलिक सिंड्रॉम

    मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कई लक्षण देखने को मिलते हैं। साथ ही ये दिल की बीमारियों के कारण भी बन सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:

    -हाई ब्लड प्रेशर

    -हाई ब्लड शुगर

    बढ़ा हुआ वजन

    हाई कोलेस्ट्रॉल

    डॉक्टर लिवर एंजाइम के बढ़ने का पता लगाने के लिए पीड़ित में इनमें से किसी का टेस्ट कर सकता है।

    हेपेटाइटिस

    हेपेटाइटिस एक वायरस होता है, जिसके कारण लिवर में सूजन की समस्या पैदा होती है। हेपेटिइटिस के कई प्रकार हैं। इनमें ए, बी, सी, डी और ई शामिल हैं। लेकिन सभी प्रकार के हेपेटाइटिस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं।

    हेपेटाइटिस के लक्षण हैं:

    – मांसपेशियों में सूजन

    – जोड़ों का दर्द

    भूख में कमी आना

    – पेट दर्द

    – बुखार आना

    – स्किन पर खुजली होना

    – आंखों और त्वजा का पीला पड़ जाना

    – लिवर एंजाइम के बढ़े होने के लिए डॉक्टर पीड़ित में हेपेटाइटिस का टेस्ट कर सकता है।

    एल्कोहॉल या ड्रग यूज डिसऑर्डर

    एल्कोहॉल का ज्यादा सेवन या ड्रग्स का इस्तेमाल करना लिवर में सूजन या इसे क्षति पहुंचाने का कारण बन सकते हैं।

    एल्कोहॉल के कारण लिवर में आई सूजन को एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस कहते हैं। साथ ही एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस और इसके अन्य प्रकारों के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। अगर किसी इंसान में एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर के लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर इनमें लिवर एंजाइम लेवल को चेक करते हैं।

    निष्कर्ष- लिवर शरीर का सबसे जरूरी और सबसे ज्यादा काम करने वाला अंग है। इसमें जरा सी भी खराबी पूरे शरीर को प्रभावित करती है। ऐसे में जरा सी भी समस्या आने पर तुरंत डॉक्टरी मदद लेनी चाहिए, क्योंकि ये पीलिया या किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा हो सकता है।

    अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।

    नए संशोधन की समीक्षा डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा की गई

    डिस्क्लेमर

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