के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हाइपरहाइड्रोसिस वो मेडिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति को अप्रत्याशित रूप से बहुत अधिक पसीना आता है। हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित व्यक्ति को तब भी पसीना आ सकता है, जब मौसम ठंडा हो या जब वे आराम कर रहे हों।
इस दौरान आने वाला पसीना अधिक होने के साथ-साथ अनियंत्रित होता है। इस रोग में ये पसीना पूरे शरीर में सामान रूप से आता है लेकिन हथेलियों और तलवों पर सबसे अधिक होता है। सामान्य दैनिक गतिविधियों को बाधित करने के अलावा, इस प्रकार का भारी पसीना चिंता और शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। ऐसे में इस समस्या से छुटकारा बहुत आवश्यक है।
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अधिक लोगों को एक्सरसाइज या कोई मेहनत वाला काम करने , गर्मी में या तनाव भरे माहौल में काम करने से पसीना आता है। हाइपरहाइड्रोसिस में आया पसीना सामान्य पसीने से बहुत अधिक होता है। यानी इस रोग का सबसे पहला लक्षण है बहुत अधिक पसीना आना।
अगर आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
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पसीने से शरीर को ठंडा रहने में मदद मिलती है। अधिकतर मामलों में, यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। गर्म तापमान में लोगों को अधिक पसीना आता है। इसके अलावा जब हम व्यायाम करते हैं, या परेशान होने पर, गुस्से में, शर्मिंदा या डरे हुए होने पर भी पसीना आता है। हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित लोगों में ओवरएक्टिव स्वेट ग्लैंड्स होते हैं। अधिक पसीना शारीरिक और भावनात्मक दोनों के लिए महत्वपूर्ण असुविधा पैदा कर सकता है। जब अधिक पसीना आने से हाथ, पैर, बगल आदि को प्रभावित करे तो उसे हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। अधिकतर मामलों में कारण की जानकारी नहीं होती।
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जब पसीना आने की समस्या किसी अन्य बीमारी के कारण नहीं होती तो इसे प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है।
अगर यह पसीना आने की समस्या किसी मेडिकल स्थिति की वजह से है तो इसे सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। यह पसीना शरीर के एक अंग पर आ सकता है या पूरे शरीर में भी आ सकता है।
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हाइपरहाइड्रोसिस के निदान के लिए त्वचा विशेषज्ञ रोगी की शारीरिक जांच करेंगे। इसमें वो आपके शरीर के उन भागों की जांच करेंगे, जहां आपको सबसे अधिक पसीना आ रहा है। आपके त्वचा विशेषज्ञ आपसे कुछ खास सवाल पूछेंगे। इससे वो आपके शरीर में अधिक पसीना आने का कारण जान पाएंगे। सबसे पहले इस रोग में जो समस्या आपको हो रही है, सबसे पहले उसका इलाज किया जाएगा। अगर इसका कोई साफ़ कारण नहीं मिलता तो भी अधिक आने वाले पसीने को नियत्रित करने के बारे में आपके डॉक्टर सोचेंगे। कई बार कुछ उपचारों को मिला कर भी इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। कई बार कुछ मेडिकल टेस्ट भी कराये जा सकते हैं। कुछ रोगियों के स्वेट टेस्ट भी कराये जा सकते हैं। सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस में स्क्रीनिंग टेस्ट अन्य क्लिनिक सुविधाओं पर निर्भर करता है लेकिन इसमें न्यूनतम के रूप में यह टेस्ट भी शामिल हो सकते हैं।
जब भी आप डॉक्टर के पास जाएंगे डॉक्टर आप में अधिक पसीने की जांच करेंगे। इसके लिए यह टेस्ट कराये जा सकते हैं:
डॉक्टर आपसे पसीने के बारे में यह सब पूछ सकते हैं जैसे :
ओरल एंटीकोलिनर्जिक दवाएं
चक्कर आना जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं।
बीटा-ब्लॉकर्स
बोटुलायनम टोक्सिन इंजेक्शंस
एक्सिलरी पसीने की ग्रंथियों को सर्जिकल तरीके से हटाना
बगल की अतिसक्रिय पसीने की ग्रंथियों को कई तरीकों से हटाया जा सकता है जैसे :
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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