और पढ़ें: किडनी रोग होने पर दिखते हैं ये लक्षण, ऐसे करें बचाव
पेट खाली करना
पेट खाली करने की प्रक्रिया में एक ट्यूब मुंह या नाक के माध्यम से पेट में डाली जाती है। पानी को ट्यूब के माध्यम से पेट में डाला जाता है और फिर बाहर निकाला जाता है। इसे गैस्ट्रिक लैवेज(gastric lavage) कहा जाता है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है। यदि कोई व्यक्ति जहर के कारण सुस्त पड़ने लगता है तो डॉक्टर सांस लेने वाली नली में प्लास्टिक की नली डालते हैं। इसे एंडोट्रैचियल इंटुबैषेण(endotracheal intubation) कहते हैं। एन्डोट्रैचियल इंटुबैशन गैस्ट्रिक लैवेज को फेफड़ों में जाने से रोकता है। पेट खाली करना अब कम चलन में है क्योंकि यह बहुत कम मात्रा में जहर को बाहर निकालता है।
एक्टिवेटेड चारकोल
सक्रिय चारकोल का उपयोग उन लोगों पर किया जाता है जो जहर निगल लेते हैं। एक्टिवेटेड चारकोल पाचन तंत्र में मौजूद जहर को रक्त में फैलने से रोकता है। डॉक्टर जहर को बाहर निकालने या साफ करने के लिए हर 4 से 6 घंटे में चारकोल दे सकते हैं। याद रखें चारकोल हर तरह के जहर को निष्क्रिय नहीं कर पाता।
एंटीडोट्स
हर जहर का एंटीडोट्स मिलना मुश्किल होता है। सांप या किसी कीड़े का एंटीडोट उपलब्ध है, इसमें भी हर तरह के जहर का एंटीडोट उपलब्ध नहीं होता। वहीं कुछ ड्रग्स जैसे एसिटामिनोफेनacetaminophen का एंटीडोट एन-एसिटाइलसिस्टीनN-acetylcysteine है। एस्पिरिनaspirin का एंटीडोट सोडियम बाइकार्बोनेटsodium bicarbonate है। और हेरोइनheroin का एंटीडोट नीटोक्सोनnaloxone है।
जहर को रक्त से बाहर निकालने की प्रक्रिया
चारकोल हेमॉपरफ्यूजन और हेमोडायलिसिस में जहर को शरीर में पहुंचने से पहले फिल्टर कर दिया जाता है। इसमें रक्त वाहिकाओं में कैथेटर का उपयोग किया जाता है। एक आर्टरी से ब्लड लेती है तो दूसरी कैथेटर वेन को ब्लड पहुंचाती है। यह एक जटिल प्रक्रिया है। बता दें कि चारकोल हेमॉपरफ्यूजन में चारकोल का उपयोग कर जहर को निकालने का कार्य किया जाता है। वहीं हेमोडायलिसिस में एक कृत्रिम किडनी के माध्यम से रक्त से जहर को हटाने का काम किया जाता है।
एल्कलाइन डाइरिसेस (Alkaline diuresis)
एल्कलाइन डाइरिसेस में वेन में सोडियम बाइकार्बोनेट का एक घोल दिया जाता है। इस घोल के माध्यम से पेशाब को ज्यादा एल्कलाइन बनाया जाता है। इस कारण पेशाब में कुछ ड्रग जैसे एस्पिरिन और बार्बिटुरेट्स की मात्रा बढ़ जाती है।
और पढ़ें: 18 साल के बाद हर महिला को करवानी चाहिए ये 8 शारीरिक जांच
जहर से बचाव या सावधानी के लिए क्या टिप्स हैं?
अमेरीकन एसोसिएशन ऑफ पॉयजन कंट्रोल सेंटर (American Association of Poison Control Center) की गाइडलाइन के अनुसार आप जहर से बचाव के लिए विभिन्न टिप्स फॉलो कर सकते हैं।
घर में मौजूद चीजों से जुड़ी सावधानियां
- घर पर पेस्टिसाइड का उपयोग करते समय प्रोटेक्शन का ख्याल रखें।
- किसी भी चीज का उपयोग कर रहे हैं तो लेबल जरूर पढ़ें। चूंकि कई बार अलग डब्बे में चीजों को रखना भी रिएक्शन का कारण बन सकता है।
- नेल पॉलिश रिमूवर, फिनाइल, पेस्टिसाइड जैसी चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।