backup og meta

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में भारत कितना है दूर? बाकी देशों का क्या है हाल, जानें यहां

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में भारत कितना है दूर? बाकी देशों का क्या है हाल, जानें यहां

चीन के वुहान से फैलना शुरु हुआ कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ अब दुनियाभर में फैल चुका है। इसके लक्षण और इसके फैलने से जुड़ी जानकारी तो है लेकिन अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिल पाया है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस खतरनाक वायरस के इलाज की खोज में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी को सफलता हासिल नहीं हुई है। दिन-ब-दिन यह वायरस बेकाबू होता जा रहा है। ये वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि जिसे देखते हुए लोग घर में कैद होकर रहने को मजबूर हैं। अब तक इस खतरनाक वायरस से दुनिया में 16 हजार लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इसकी वैक्सीन आने में 12 से 18 महीने तक का समय लग सकता है।

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे कई देश

अब तक चीन, अमेरिका और यूरोप ने कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। सभी देश सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की होड़ में लगे हैं। ये सभी देश और कंपनियां सिर्फ वैज्ञानिक प्रशंसा, पेटेंट और राजस्व के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सबसे पहले सुरक्षित वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। हालांकि, ये देश दूसरे देशों को सहयोग करने के लिए सहमत हो गए हैं। अभी इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि एक सफल वैक्सीन दुनिया को बाकी देशों के साथ कैसे या कब साझा किया जाएगा। आइए जानते हैं कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए विभिन्न देशों की कोशिशें कहां तक पहुंची हैं….

यह भी पढ़ें: क्या सोशल डिस्टेंस से कम होगा कोरोना वायरस का खतरा, जानते हैं तो खेलें क्विज

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में कितना दूर है चीन

चाइना से ही इस खतरनाक वायरस की शुरुआत हुई थी। चीन में इस दवा को बनाने के लिए हजारों वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। कई रिपोर्ट्स की मानें तो एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेस ने कोरोना वायरस की एक वैक्सीन बना भी ली है। इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलिंटियर्स की तलाश की जा रही है। हालांकि, चीन कितना सच और कितना झूठ बोल रहा है ये चीन ही जानता है।

[mc4wp_form id=’183492″]

कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए अमेरिका ने उठाया यह कदम

अमेरिका भी कोरोना वायरस से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। वहां भी कई कंपनियां लगातार इसके वैक्सीन को बनाने की कोशिश में लगी हुई हैं। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया है। दरअसल, ट्रंप ने एक जर्मन कंपनी को अमेरिका की धरती पर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए कहा है।

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा 16 हजार के पार, पूरी दुनिया में हाहाकार

कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर आस्ट्रेलिया ने किया ये दावा

आस्‍ट्रेलिया की एक प्रतिष्ठित लैब ने भी कोरोना वायरस की दवा तैयार करने का दावा किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस लैब ने दो दवाओं को मिलाकर एक दवा बनाई है, जिसके उत्‍साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। जल्द ही इसका इंसानों पर परीक्षण शुरू कर दिया गया है। ये दोनों ही दवाएं पहले एड्स और मलेरिया के इलाज में इस्‍तेमाल की जाती थीं।

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में कहां तक पहुंचा भारत

सांस और फ्लू जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाएं बनाने वाली दिग्गज कंपनी सिप्ला ने दावा किया है कि वह अगले छह महीनों में कोरोना वायरस का इलाज ढ़ूंढ निकालेगी। अगर ऐसा होता है तो सिप्ला कोरोना वायरस की दवा बनाने वाली सबसे पहली भारतीय कंपनी होगी। इसके साथ ही यह देश के लिए भी बड़ी कामयाबी होगी। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि फिलहाल यह कंपनी सरकारी लैब के साथ मिलकर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने में जुटी हुई है। कंपनी कोरोना वायरस की वजह से सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, एंटी वायरल और एचआईवी की दवाओं के इस्तेमाल पर भी इसका प्रयोग कर रही है।

यह भी पढ़ें: Coronavirus 2020: इन सेलिब्रिटी को कोरोना वायरस की पुष्टि, रोनाल्डो ने खुद को किया अलग तो बिग बी ने सुनाई कविता

जल्द ही बन सकती है कोरोना वायरस की वैक्सीन

सिप्ला कंपनी के प्रमोटर यूसुफ हामिदन ने मीडिया से बातचीत में बताया- कंपनी के पास बहुत सारी दवा है। हमें भी नहीं मालूम कि कौन सी दवा या कॉम्बिनेशन इसके इलाज में काम कर जाए। इसका पता तो कोरोना वायरस के पेशेंट्स का इलाज कर रहे डॉक्टर लगा सकते हैं। बता दें, सिप्ला कंपनी वायरल फ्लू, सांस लेने में परेशानी, और एचआईवी से जुड़ी बीमारियों की दवाओं के लिए जानी जाती है।

जैसा कि अभी तक इस खतरनाक वायरस का कोई इलाज नहीं। दुनियाभर में इसके मरीजों को ट्रीटमेंट के तौर पर एचआईवी, एंटी-वायरल और एंटी मलेरियल दवाएं दी जा रही हैं। इन दवाओं के अच्छे परिणाम पाने का अलग-अलग जगहों से दावा किया गया है। इस लिस्ट में एचआईवी की दो दवा लोपिनाविर और रिटोनाविर के अलावा एंटीवायरल ड्रग रेमेडेसिविर और एंटी मलेरियल ड्रग क्लोरोक्वीन शामिल हैं।

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगेंगे इतने महीने

एक इंटरव्यू में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि यदि सभी ने अच्छा काम किया तो हम संभवत: अगले 12-18 महीने में कोरोना वायरस का टीका विकसित कर सकेंगे। एक बार इसका टीका तैयार कर लिया जाएगा उसके बाद जो परेशानी होगी वो यह कि इसकी पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता। पर्याप्त दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए संभवत: 18-24 महीने लगेंगे।

यह भी पढ़ें: Corona virus: कोरोना वायरस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

कोरोना वायरस के इलाज को लेकर क्यों जयपुर का यह अस्पताल है चर्चा में?

पिछले दिनों जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना के तीन पेशेंट्स को को रेट्रोवायरल ड्रग यानी एचआईवी एंटी ड्रग देकर ठीक किया गया है। इनमें दो इटली से जयपुर आए हैं और एक जयपुर का ही रहने वाला है। अस्पताल ने दावा किया है कि इन लोगों का इलाज करने के बाद इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। फिलहाल इन लोगों को डॉक्टरों की निगरानी में आइसोलेशन में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। इसका और एचआईवी वायरस का मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर एक जैसा होने के कारण सीनियर डॉक्टर ने मरीजों को एचआईवी एंटी ड्रग लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला किया।

[covid_19]

बता दें इस ड्रग का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता। आईसीएमआर गाइडलाइन के तहत इस ड्रग का इस्तेमाल सिर्फ ‘कॉमप्रोमाइज्ड’ मरीजों के लिए किया जा सकता है। ‘कॉमप्रोमाइज्ड’ मरीज वो होते हैं जिनकी उम्र 60 से अधिक होती है और उन्हें डायबिटीज या हृदय रोग हो। कम उम्र वाले लोगों में इस दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। जयपुर में जिन तीनों मरीजों को यह दवा दी गई वो तीनों ही कॉमप्रोमाइज्ड’ मरीज हैं। दवा का इस्तेमाल करने के बाद इन तीनों मरीजों की रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव से नेगेटिव हो गई है। लेकिन लंग्स, डायबिटीज, हायपरटेंशन की दिक्कत उनमें अभी भी है। फिलहाल इन तीनों के इलाज के लिए डॉक्टरों की विशेष टीम का गठन किया गया है, जिनकी निगरानी में आगे का इलाज चल रहा है।

और पढ़ें:

ताली, थाली, घंटी, शंख की ध्वनि और कोरोना वायरस का क्या कनेक्शन? जानें वाइब्रेशन के फायदे

कोरोना वायरस से हर पल अपडेट रहना है जरूरी, अगर आप हैं अवेयर तो खेलें क्विज

कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मरीजों को पता भी नहीं चलता, वो कब संक्रमित हुए और कब ठीक हो गए

कोरोना वायरस से पहले दुनिया में फैल चुके हैं ये संक्रमण, वैश्विक महामारी से जुड़ा अपना नॉलेज यहां टेस्ट करें

 

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

How close are we to finding a cure for Coronavirus?: https://timesofindia.indiatimes.com/india/how-close-are-we-to-finding-a-cure-for-corona/articleshow/74768109.cms  Accessed March 24, 20202

https://www.nationalheraldindia.com/india/coronavirus-pandemic-cipla-can-be-indias-first-company-to-manufacture-drugs-to-fight-covid-19 Accessed March 24, 20202

Search for Coronavirus Vaccine: https://www.nytimes.com/2020/03/19/us/politics/coronavirus-vaccine-competition.html Accessed March 24, 20202

Coronavirus Vaccine: https://www.theguardian.com/world/2020/mar/24/coronavirus-vaccine-when-will-it-be-ready-trials-cure-immunisation Accessed March 24, 20202

Coronavirus Vaccine or Drug: https://www.bbc.com/news/health-51665497 Accessed March 24, 20202

Current Version

26/06/2020

Mona narang द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: shalu


संबंधित पोस्ट

ब्लड का पीएच कैसे होता है प्रभावित जानें?

ठंडा पानी पीने के जोखिम और लाभ क्या हैं?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/06/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement