परिचय
गोनियोस्कोपी टेस्ट (Gonioscopy) क्या है?
गोनियोस्कोपी एक आई/आंखों का टेस्ट है जिसमे आंखों के आगे के हिस्से को देखा जाता है, जिस एंगल या कोण पे कॉर्निया और आईरिस मिलते है। गोनियोस्कोपी एक पेनलेस टेस्ट है, ये टेस्ट आखों के उस हिस्से को देखने के लिए किया जाता है जहां से पानी या कोई तरल पदार्थ निकलता है। टेस्ट ये पता लगाता है कि वह हिस्सा खुला या बंद तो नहीं। इस हिस्से को ड्रेनेज एंगल बोलते है। ये टेस्ट आंखों की सामान्य जांच के लिए किया जाता है, जो आपकी उम्र और ग्लो कोमा के हाई रिस्क पे निर्भर करता है ।
यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आप ग्लोकोमा से पीड़ित है गोनियोस्कोपी टेस्ट किया जा सकता है।
ग्लोकोमा एक आखों की बीमारी है जिसमे अंधे होने का खतरा रहता है। आंख के अंदर दबाव और लगातार उत्पादन तरल पदार्थ के जल निकासी द्वारा बनाए रखा जाता है। यदि आंख का ड्रेनेज सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता है तो इससे आंख के अंदर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे ओप्टिक नर्व को नुकसान भी पहुंच सकता है। ओप्टिक नर्व ही आंख के जरिए मस्तिष्क तक छवियां भेजने का कां करती है। ऐसे में ऑप्टिक नर्व के डैमेज होने का खतरा बना रहता है। अगर आप ग्लोकोमा की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपके डॉक्टर को “गोनियोस्कोपी टेस्ट’ इस बात का पता लगाने में मदद कर सकता है कि आपको किस प्रकार का ग्लोकोमा है ।
गोनियोस्कोपी टेस्ट क्यों की जाती है?
गोनियोस्कोपी निम्नलिखित कारणों के चलते रिकमेंड की जाती है:
- ग्लोकोमा को चेक करने के लिए आँख के अग्र भाग को देखा जाता है ।
- यह टेस्ट तब भी किया जा सकता है जब यूवाइटिस (uveitis), आई ट्रॉमा (Eye Trauma), ट्यूमर या अन्य स्थितियों के संकेत हों।
- देखकर पता लगाया जाता है कि ड्रेनेज एंगल बन्द या थोड़ा बंद तो नहीं । यह टेस्ट आपके डॉक्टर को यह जानने में मदद करता है कि वह निश्चित कर सके कि आपको किस प्रकार का ग्लोकोमा है ।
- गोनियोस्कोपी टेस्ट इस बात भी जांच पड़ताल करता है की कि ड्रेनेज एंगेल में किसी प्रकार के चोट के निशान या कोई डैमेज तो नहीं।
- ये उन जन्म दोषों की भी जांच करता है जिसके कारण ग्लोकोमा हो सकता है ।
गोनियोस्कोपी के जरिए चिकित्सक कोण में देखकर यह पता लगा पाता है कि यह खुला है या बंद है। साथ ही आंख में किसी तरह की कोई क्षति तो नहीं है।
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जानने योग्य बातें
गोनियोस्कोपी टेस्ट कराने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए ?
ग्लोकोमा या आंखों की अन्य समस्याओं की जांच के लिए गोनियोस्कोपी टेस्ट को अलग-अलग तकनीक से किया जाता है।
आमतौर पर गोनियोस्कोपी स्लिट लैंप के साथ की जाती है। सबसे पहले आई ड्रॉप जालकर आंखों को सुन्न किया जाएगा। इसके बाद एक विशेष लेंस को सीधें आंखों पर रखा जाता है। इसके बाद एक लाइट के जरिए डॉक्टर आंख की जांच करेंगे। आपकी पलकें लेंस की उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं। इस टेस्ट के दौरान वैसे आपको किसी तरह का दर्द नहीं होगा। दोनों आंखों की जांच करने में कुछ मिनट लगते हैं।
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जानिए क्या होता है
गोनियोस्कोपी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
- अगर आप आखों में लेंसेस का इस्तेमाल करते है तो टेस्ट से पहले उसे निकाल दें। टेस्ट होने के बाद कम से कम एक घंटे तक लेंस ना लगाए या तबतक ना लगाए जब तक कि आखों को सुन्न करने वाली दवा का असर हो।
- टेस्ट के दौरान आपकी आंखें कमजोर हो सकती है । कोई जो आपको घर तक सही सलामत ड्राप कर दे उसे टेस्ट के दौरान अपने साथ रखिये।
गोनियोस्कोपी टेस्ट के दौरान क्या होता है?
गोनीस्कोपी आखों के डॉक्टर द्वारा किया जाता है।
इस टेस्ट में सुन्न करने वाली दवा का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इस पेनलेस टेस्ट के दौरान आंखों को छूने वाले लेंस को आप महसूस ना कर सके।
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गोनियोस्कोपी के दौरान, आपको लेटने या कुर्सी पर बैठने के लिए कहा जा सकता है। एक माइक्रोस्कोप (स्लिट लैंप) का उपयोग आपकी आंख के अंदर देखने के लिए किया जाता है। यदि आप बैठते हैं, तो आप अपनी ठोड़ी को ऊपर की तरफ रखे। सिर को सपोर्ट बार के उलट रखते हुए सीधे देखे ।
एक स्पेशल लेंस को आपकी आंख के सामने धीरे से रखा जाता है, और उज्ज्वल प्रकाश की एक पतली किरण को आपकी आंख में पॉइंट किया जाता है। आपका डॉक्टर ड्रेनेज एंगल की चौड़ाई पर स्लिट लैंप के माध्यम से देखता है।
इस जांच में मात्र पांच मिनट का समय लगता है ।
गोनियोस्कोपी टेस्ट के बाद क्या होता है?
अगर आपके आंख की पुतली फैल गई है तो हो सकता है कि आपको टेस्ट के बाद कई घंटों तक धुंधला ही नजर आए । टेस्ट के बाद 20 मिनट तक आंखों को ना रगड़े। जब तक कि दवा का असर आंख में से ना खत्म हो जाए आंखों को किसी तरह से टच न करें। यदि आपको आंख में किसी तरह की इरिटेशन हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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परिणामो को समझें
मेरे टेस्ट रिजल्ट का मतलब क्या है ?
नार्मल
ड्रेनेज एंगल सामान्य दिखाई देता है । पूरी तरह से खुला हुआ है और आंखों में किसी भी प्रकार का कोई ब्लॉकेज नहीं है।
एब्नॉर्मल
ड्रेनेज एंगल सकरा या नैरो दिखाई देता है । इसका मतलब है कि एंगल आंशिक या पूरी तरह से ब्लॉक है, ये इस बात का इशारा है कि ड्रेनेज एंगल भविष्य में पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
आंशिक या पूरी तरह से ब्लॉक ड्रेनेज एंगल का मतलब है कि आपको क्लोज्ड ग्लोकोमा है। ड्रेनेज एंगल ब्लॉक्ड होने के कई कारण हो सकते है जैसे, स्कार टिश्यू, एब्नॉर्मल ब्लड वेसल्स, चोट या इंफेक्शन, आईरिस का कोई दूसरा रंग।
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हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में गोनीस्कोपी टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई परेशानी है तो हो सकता है आपका डॉक्टर आपको यह टेस्ट कराने के लिए कहे। गोनीस्कोपी टेस्ट से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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