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Quad Screen Test: क्वाड स्क्रीन टेस्ट क्या है?

Quad Screen Test: क्वाड स्क्रीन टेस्ट क्या है?

परिचय

क्वाड स्क्रीन टेस्ट को क्वाडरूपल (quadruple) मार्कर टेस्ट, सेकंड ट्रिमस्टर स्क्रीन या क्वाड टेस्ट भी कहा जाता है। इस टेस्ट से कई जानकारियां मिलती हैं। जानिए क्वाड स्क्रीन टेस्ट के बारे में विस्तार से।

क्वाड स्क्रीन टेस्ट क्या है?

क्वाड स्क्रीन टेस्ट वह टेस्ट है जिससे गर्भवती महिला के खून में चार पदार्थों के स्तरों को जांचा जा सकता है। यह चार पदार्थ इस प्रकार हैं।

  • अल्फा-फेटोप्रोटीन (AFP), विकासशील बच्चे द्वारा बनाया गया एक प्रोटीन। 
  • ह्यूमन क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG), प्लेसेंटा गर्भनाल द्वारा बनाया गया हार्मोन।
  • एस्ट्रियल, बच्चे के लिवर और गर्भनाल द्वारा बनाया गया हॉर्मोन।
  • इन्हिबिन A, गर्भनाल द्वारा बनाया गया दूसरा हार्मोन।

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उपयोग

क्वाड स्क्रीन टेस्ट क्यों किया जाता है?

क्वाड स्क्रीन टेस्ट को इन स्थितियों को जांचने के लिए किया जाता है

  • डाउन सिंड्रोम: डाउन सिंड्रोम ऐसा रोग है जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए पूरी उम्र बुद्धि संबंधी विकलांगता और दिमाग के विकास में देरी का कारण बन सकता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं।
  • ट्राइसोमी (Trisomy) 18: यह वो विकार है जिसके कारण बच्चे के विकास में देरी होती है और उसके शरीर में असमान्यतायें आ सकती हैं।
  • स्पिन बाइफिडा: यह बच्चे में जन्म के समय होने वाला विकार है जब तंत्रिका संबंधी टयूब के एक हिस्से का विकास नहीं हो पाता या वो अच्छे से बंद नहीं हो पाती। जिससे रीढ़ की हड्डी और अन्य हड्डियों में समस्या आ सकती है।
  • एब्डोमिनल वाल डिफेक्ट: जन्म के इन दोषों में, बच्चे की आंतें या पेट के अन्य अंग नाभि से बाहर निकल आते हैं  और समस्या पैदा कर सकते हैं।

ऊपर बताई गई परेशानियों की गंभीरता को इस टेस्ट की मदद से आसानी से समझा जा सकता है।

क्वाड स्क्रीन टेस्ट कब किया जाता है

आमतौर पर क्वाड स्क्रीन गर्भवस्था के 15वें हफ्ते और प्रेग्नेंसी के 18वें हफ्ते में किया जाता है यानी दूसरी तिमाही के बाद। हालांकि यह टेस्ट गर्भावस्था के 22 वे हफ्ते तक किया जा सकता है। इस टेस्ट को यह जांचने के लिए किया जाता है कि कहीं आपकी गर्भावस्था में डाउन सिंड्रोम और तंत्रिका संबंधी ट्यूब विकार आदि होने की संभावना नहीं है। यदि आपमें यह जोखिम कम है, तो क्वाड स्क्रीन टेस्ट से यह चीज़ साफ हो जाती है कि डाउन सिंड्रोम, ट्राइसॉमी 18, न्यूरल ट्यूब दोष और एब्डोमिनल वाल विकार आदि होने की संभावना कम है।

अगर आपका स्क्वाड स्क्रीन टेस्ट नेगेटिव आता है तो इस बात की गारंटी नहीं दी जाती कि आपके बच्चे को कोई जन्म संबंधी विकार या क्रोमोसोमल समस्या है। अगर आपका यह टेस्ट पॉजिटिव आता है तो डॉक्टर आपको कुछ अन्य टेस्ट कराने की सलाह देंगे

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जोखिम

क्वाड स्क्रीन टेस्ट एक सामान्य प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट है। इस टेस्ट को कराने से गर्भपात या इससे जुडी अन्य समस्याओं का कोई जोखिम नहीं होता। हालांकि इस क्वाड स्क्रीन टेस्ट से आपको इसके रिजल्ट को लेकर चिंता हो सकती है क्योंकि यह टेस्ट पूरी तरह से आपके बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है।

इसकी तैयारी कैसे करें

इस टेस्ट से पहले आपके डॉक्टर आपको आनुवंशिक परमार्शदाता से मिलने की सलाह दे सकते हैं। या डॉक्टर आपको खुद कई सलाहें दे सकते हैं। इस टेस्ट से पहले आप सामान्य रूप से खा और पी सकते हैं। क्वाड स्क्रीन टेस्ट के दौरान आपके डॉक्टर आपके खून का सैंपल ले सकते हैं। इसके बाद इन नमूनों को लेब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है। क्वाड स्क्रीन टेस्ट से आप गर्भावस्था के दौरान कई जरूरी जानकारियां मिलती हैं इस टेस्ट से इस बात का पता चल जाता है कि गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म संबंधी कोई दोष तो नहीं है।

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क्या यह टेस्ट सुरक्षित है?

हाँ, क्वाड स्क्रीन टेस्ट पूरी तरह से सुरक्षित और लाभदायक है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु के जन्म संबंधी विकार और जेनेटिक रोगों के बारे में आसानी से पता चल जाता है। यह टेस्ट शिशु को लेकर भी कोई जोखिम भरा नहीं है। क्योंकि, इस टेस्ट को करने के लिए केवल माँ के शरीर से ही खून का नमूना लिया जाता है।

क्या सबको यह टेस्ट कराना चाहिए?

सभी गर्भवती महिलाओं को क्वाड स्क्रीन टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। लेकिन, यह आपका निर्णय है कि आप इस टेस्ट को कराना चाहती हैं या नहीं। कुछ स्थितियों में इस टेस्ट को कराने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। जैसे:

  • अगर गर्भावस्था के दौरान आपकी उम्र 35 साल या इससे अधिक है।
  • आपके परिवार में गर्भ में शिशु के जन्म संबंधी दोष होने का इतिहास रह चुका है।
  • आपका पहले हुए किसी बच्चे को भी जन्म संबंधी दोष हैं।
  • आपकी पहली गर्भावस्था के दौरान आपको टाइप 1 डायबिटीज रह चुकी है।

इन ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर यह टेस्ट करवाना चाहिए।

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परिणाम

क्वाड स्क्रीन टेस्ट का परिणाम क्या है? 

अगर यह टेस्ट नार्मल आता है तो इसका अर्थ है कि आपके गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से स्वस्थ है। 98% से अधिक गर्भवस्था के मामलों में क्वाड स्क्रीन टेस्ट के रिजल्ट सही आते हैं और इनमे कोई बड़ी जटिलता नहीं आती। लेकिन, ऐसा कोई टेस्ट नहीं है जिससे इस बात का पता चले कि आपका शिशु और प्रेगनेंसी पूरी तरह से स्वस्थ और बिना किसी जटिलता के पूरी होगी।

1,000 गर्भवती महिलाओं के साथ क्वाड स्क्रीन टेस्ट किया गया। 1,000 में से केवल पचास महिलाओं के क्वाड स्क्रीन टेस्ट के परिणाम यह दर्शा रहे थे कि गर्भ में पल रहे शिशु को बर्थ डिफेक्ट होने की संभावना बढ़ सकती है। इनमें से भी एक या दो महिलाओं के बच्चे को ओपन न्यूरल टयूब विकार निकला। इनमें से चालीस महिलों को रिजल्ट में ऐसा दिखाया गया था कि उनके बच्चे को डाउन सिंड्रोम हो सकता है लेकिन बाद में उनमें से केवल दो महिलाओं के बच्चे डाउन सिंड्रोम से पीड़ित निकले।

आमतौर पर अगर इसका परिणाम पॉजिटिव आता हां तो आपको अन्य टेस्ट कराने की सलाह दी जाएगी, जैसे:

  • प्रीनेटल सेल-फ्री DNA स्क्रीनिंग
  • टार्गेटेड अल्ट्रासाउंड
  • कोरियोनिक विल्स सैंपलिंग (CVS)
  • एम्निओसेंटेसिस

अगर आप क्वाड स्क्रीन टेस्ट से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Quad screen. https://www.mayoclinic.org/tests-procedures/quad-screen/about/pac-20394911/. Accessed On 12 October, 2020.

Quadruple screen test/https://medlineplus.gov/ency/article/007311.htm. Accessed On 12 October, 2020.

Prenatal Screening Using Maternal Markers. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4449694/. Accessed On 12 October, 2020.

Diagnosis of Birth Defects. https://www.cdc.gov/ncbddd/birthdefects/diagnosis.html. Accessed On 12 October, 2020.

Quadruple screen test. https://www.ucsfhealth.org/medical-tests/007311. Accessed On 12 October, 2020.

Current Version

13/10/2020

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Ankita mishra


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डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/10/2020

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