परिचय
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी क्या है? (What is Laparoscopic Cholecystectomy?)
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) पित्ताशय यानी कि गॉल ब्लैडर (Gallbladder) से संबंधित सर्जरी है। अ पित्ताशय में स्टोन या पथरी हो जाती है, जिसे सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है। गॉल ब्लैडर में होने वाली इस सर्जरी को लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी सर्जरी कहते हैं। गॉल ब्लैडर में स्टोन होना आज एक आम समस्या है और एक ही परिवार में कई लोगों को हो जा रही है। पित्त की थैली में पथरी होने का सबसे बड़ा कारण है फैट युक्त भोजन की ज्यादा मात्रा लेना।
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लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी की जरूरत कब होती है?
आजकल पित्त की थैली यानी गॉल ब्लैडर (Gallbladder) में पथरी (Stone) होना आम बात है। बहुत से लोग इस परेशानी से जूझते हैं और उन्हें ये पथरी काफी तकलीफ देती है। कभी-कभी ये समस्या इतनी बढ़ जाती है कि दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। ऐसे में इस सर्जरी की जरूरत पड़ती है। जब गॉल ब्लैडर में स्टोन बन जाते हैं तो लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी सर्जरी (Laparoscopic Cholecystectomy surgery) की जरूरत पड़ती है। ये सर्जरी पेट (Stomach) में एक बड़ा चीरा लगा कर की जाती है। ऐसे में ब्लीडिंग होने का जोखिम रहता है। लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी सर्जरी उनके लिए नहीं है जिन्हें खून जमने में दिक्कत आती है या ज्यादा ब्लीडिंग होती है। ज्यादातर डॉक्टर ओपन सर्जरी को ही बेहतर मानते हैं। लेकिन फिर भी आपके डॉक्टर इस बात का निर्णय करेंगे कि आपकी सर्जरी कैसे करनी है।
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जोखिम
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अगर आप इस सर्जरी को कराने वाले हैं, तो जरूरी है कि इसके बारे में आप पूरी जानकारी रखें। ऐसे में आप लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी कराने से पहले उससे होने वाले रिस्क के बारे में जान लें। गॉल ब्लैडर (Gallbladder) में स्टोन के लिए आपका खानपान ही जिम्मेदार होता है। फैट का ज्यादा सेवन ही पित्ताशय में पत्थर सा बनाता है। इसका इलाज पहले दवा से किया जाता है, लेकिन अगर ये इलाज फायदा नहीं करते और तकलीफ बढ़ती जाती है, तो इस सर्जरी का सहारा लेकर मरीज के गॉल ब्लैडर से पथरी को हटाया जाता है।
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लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी के दौरान कई जोखिम हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि ये सभी के साथ हो। सर्जरी के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा खून की नसें भी डैमेज हो सकती हैं। ये सभी कॉम्प्लिकेशन शायद ही कभी हो। वहीं, निम्न परेशानियां सर्जरी में आती हैं :
- आंत, ब्लैडर या खून की नसों का डैमेज होना
- चीरा लगने से हर्निया हो जाना
- पित्त या स्टोन का लीक होना
- दर्द होना
- डायरिया की समस्या
- पेट में जलन और दर्द होना
- एलर्जिक रिएक्शन होना
- पित्ताशय और आंत में घाव बन जाना
- लिवर डैमेज होना
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प्रक्रिया
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी कराने से पहले आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर से मिल कर आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करनी चाहिए। इसके साथ ही आप अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिलें और सुन्न या बेहोश करने की प्रक्रिया प्लान करें। साथ में आप अपने डॉक्टर से जान लें कि आपको सर्जरी से पहले क्या खाना पीना चाहिए। इसके अलावा आप अपने ये भी पूछ लें कि सर्जरी से कितने घंटे पहले से खाना पीना बंद करना है। परिवार के लोगों को भी आप डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बता दें। ज्यादातर मामलों में सर्जरी कराने से आठ घंटे पहले से कुछ भी नहीं खाना होता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा बताए गए तरल पदार्थ या ड्रिंक्स ही लें।
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लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी करने में लगभग 60 से 80 मिनट का समय लगता है। सर्जरी से पहले आपको एनेस्थेटिस्ट बेहोश करते हैं। इसके बाद सर्जन आपके पेट पर कई चीरे लगाते हैं। इन सभी चीरों में से सर्जन सर्जिकल उपकरण पेट में डालते हैं। इन सर्जिकल उपकरण में दूरबीन (Telescope) लगा रहता है। जिसकी मदद से पेट के अंदर सर्जरी की जाती है। इसके बाद सर्जन पित्ताशय वाहिनी (Cystic Duct) और धमनी को पित्ताशय से अलग करते हैं। फिर गॉल ब्लैडर को लिवर से अलग करते हैं। इसके बाद गैलब्लैडर को निकाल देते हैं। इसके बाद चीरे वाले स्थानों पर टांके लगाते हैं।
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लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी के बाद क्या होता है?
- ओपन सर्जरी होने पर आप दो से तीन दिन बाद घर जा सकते हैं।
- इसके अलावा आप दो से चार हफ्तों के बाद ऑफिस या काम पर जा सकते हैं।
- इन सभी बातों के अलावा अगर आपको किसी भी तरह की समस्या आती है तो अपने सर्जन और डॉक्टर से जरूर मिलें और परामर्श लें।
रिकवरी
लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी के बाद मुझे खुद का ख्याल कैसे रखना चाहिए?
ध्यान रहे कि अगर आपके लिए लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी जरूरी है, तो इससे भी ज्यादा जरूरी है सर्जरी के बाद पूरी देखभाल करना। देखभाल में लापरवाही करने से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है। इसलिए सर्जरी के बाद आप नीचे बताई गई बातों का खास ख्याल रखें :
- सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को सेवन नियमित और उनके परामर्श पर ही करें।
- सर्जरी कराने के बाद एक हफ्ते तक ज्यादा चलने से बचें।
- जल्दी रिकवर होने के लिए सर्जरी के दो हफ्ते बाद से आप हल्की-फुल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं। लेकिन किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।
उम्मीद है आपको लैप्रोस्कोपिक कॉलेसिस्टेक्टमी (Laparoscopic Cholecystectomy) सर्जरी से जुड़ी जरूरी जानकारियां हमारे इस आर्टिकल में मिल गई होंगी। इस आर्टिकल में हमने आपको इस सर्जरी की प्रक्रिया से लेकर इसके साइड इफेक्ट्स और सर्जरी के बाद की देखभाल के बारे में जानकारी दी है। इस आर्टिकल की मदद से आपको इस सर्जरी को कराने वाले की देखभाल करने में आसानी होगी। आशा करते हैं आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपके मन में इस बारे में और भी सवाल हैं, तो हमसे जरूर पूछें। आपको आपके सवालों के जवाब हमारे मेडिकल एक्सपर्ट्स से दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
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