के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
मेज सर्जरी दिल की एक ऐसी सर्जरी है, जिसे दिल की अनियमित धड़कनों को नियमित करने के लिए किया जाता है। जिसे एट्रीअल फिब्रिलेशन [atrial fibrillation (AF)] भी कहा जाता है। मेज सर्जरी में डॉक्टर हृदय पर आड़े-तिरछे चीरे लगा कर दिल के इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स को नियंत्रित करते हैं। एक सामान्य हृदय में दिल के ऊपर का हिस्सा (Atria) नीचे के हिस्से (Ventricles) में और नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से में खून को पंप करता है। लेकिन जब दिल की धड़कन असामान्य रूप से चलने लगती है तो मेज सर्जरी की जाती है। जिससे दिल की धड़कनों को नियमित होने में मदद मिलती है।
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मेज सर्जरी की जरूरत तब पड़ती है जब असामन्य दिल की धड़कनें आपके जीवन को खतरे में डाल देती है। मेज सर्जरी दिल की अन्य सर्जरी के साथ भी जरूरी होता है, जैसे- कोरोनरी आरट्री बाइपास या वॉल्व रिपेयर। मेज सर्जरी ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान की जाती है। ये सर्जरी तब भी की जाती है जब दिल की धड़कनें दवाओं से नियंत्रित नहीं हो पाती है।
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मेज सर्जरी हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकती है। ऐसे में आपको सभी तरह के रिस्क के बारे में पता होना चाहिए। अगर आपको खून का थक्का बनने से रोकने वाली दवाओं को लेने से किसी तरह की समस्या होती है तो मेज सर्जरी नहीं हो सकती है।
मेज सर्जरी में होने वाले जोखिम वैसे ही हैं, जो हार्ट के किसी भी ऑपरेशन में होते हैं। खासकर उन सर्जरी की तरह, जिसमें हार्ट-लंग बाइपास मशीन का इस्तेमाल किया जाता है :
जरूरी नहीं है कि ये समस्या सभी लोगों को हो, ये ऐसी समस्याएं हैं जो शायद ही कभी किसी को हो। इसलिए सर्जरी कराने से पहले अपने डॉक्टर से सभी तरह के जोखिमों के बारे में बात कर लें।
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सर्जरी कराने से पहले आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। उन्हें आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), एलर्जी और हेल्थ कंडिशन के बारे में बात करनी चाहिए। ताकि आपको ये पता चल सके कि सर्जरी के पहले कौन सी दवाएं जारी रखनी है और कौन सी बंद कर देनी है। इसके साथ ही डॉक्टर कुछ लैब टेस्ट कराएंगे। जैसे- ब्लड टेस्ट, इसीजी (ECG), एक्स-रे, यूरीन टेस्ट आदि। इनके रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आपकी सर्जरी प्लान करेंगे। इसके साथ ही आप अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिलें और सर्जरी के दौरान बेहोश करने की प्रक्रिया प्लान करें।
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मेज सर्जरी की प्रक्रिया इस प्रकार है :
एक अध्ययन के अनुसार, 75 मरीजों में से 40 प्रतिशत लोगों में मेज सर्जरी के दौरान दिल में पेसमेकर लगाना पड़ता है। जो सर्जरी के बाद दिल की धड़कनों को सामान्य रहने में मदद करता है। कुछ मरीजों में हृदय रोबोट-असिसटेड एबलेशन प्रक्रिया (Heart Robot-Assisted Ablation) करनी पड़ती है, जिसे मिनी-मेज सर्जरी कहते हैं।
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सर्जरी कोई भी हो, आपको सर्जरी के बाद अपना खास ख्याल रखना होता है। इसके लिए आपको आपके डॉक्टर सही दिशा-निर्देश दे सकते हैं। आपको इस सर्जरी के बाद इस तरह ख्याल रखना होगा, ताकि आगे चलकर कोई परेशानी न हो। नीचे हम बता रहे हैं कि आपको मेज सर्जरी के बाद अपना किस तरह ख्याल रखना चाहिए :
इस आर्टिकल में हमने आपको मेज सर्जरी से जुड़ी सभी जरूरी बातें बताने की पूरी कोशिश की है। आशा करते हैं कि दी गई जानकारियां आपके काम आएंगी और अगर आपकी या आपके किसी परिचित की मेज सर्जरी हुई है, तो इस आर्टिकल में दी जानकारी को आप ध्यान में रखकर उसका ख्याल रख पाएंगे। आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा, हमें हमारे फेसबुक पेज पर जरूर बताएं। इसके अलावा, अगर आपको इस सर्जरी से जुड़े किसी और सवाल का जवाब चाहिए तो हमारे फेसबुक पेज पर हमसे जरूर पूछें। हम आपको डॉक्टर की सलाह से आपके जवाब देने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने सर्जन से जरूर पूछ लें।
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