के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy) एक सर्जरी की प्रक्रिया है। अगर किडनी स्टोन अपने आप शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है, तो इसके लिए इस सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। गुर्दे की पथरी को निकालने के लिए रोगी के पीठ में एक छोटा चीरा लगाया जाता है जिसमें स्कोप डाली जाती है।
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की प्रक्रिया का इस्तेमाल आमतौर पर बड़े आकार के स्टोन को निकालने के लिए किया जाता है या फिर अगर अन्य तरीकों जैसे, एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (extracorporeal shock wave lithotripsy) या यूटरोस्कोपी (uteroscopy) से किडनी स्टोन की समस्या दूर नहीं होती है, तो भी इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा सकता है।
निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी के उपचार की आवश्यकता हो सकती हैः
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की प्रक्रिया करने से पहले, डॉक्टर कई परीक्षण करेंग। संक्रमण या अन्य समस्याओं के लक्षणों का पता लगाने के लिए मूत्र और रक्त परीक्षण किया जाएगा। साथ ही किडनी के किस हिस्से में स्टोन है इसका पता लगाने के लिए सीटी स्कैन भी करेंगे।
और पढ़ेंः Rhinoplasty: नाक की सर्जरी क्या है?
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की प्रक्रिया हर किसी के लिए एक सुरक्षित विकल्प नहीं हो सकती है। रक्तस्रावी विकारों वाले रोगियों को डॉक्टर इसकी सिफारिश नहीं करते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
जैसा की हर प्रक्रिया के साथ कुछ जोखिम की संभावना बनी रहती है, इसी तरह परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी के भी कुछ जोखिम हो सकते हैं। लेकिन, कुछ सामान्य समस्याओं में निम्न स्थिति देखी जा सकती हैः
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की प्रक्रिया से गुजरने से पहले इससे जुड़े सभी जोखिमों और लाभों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी की प्रक्रिया अस्पताल में की जाती है। सर्जरी शुरू करने से पहले सर्जन व्यक्ति को जनरल एनेस्थीशिया की खुराक दी जाती है। इसकी खुराक का इस्तेमाल व्यक्ति बेहोश करने के लिए किया जाती है। ताकि, सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति को दर्द का एहसास न हो।
सर्जरी के बाद संभावित संक्रमण से बचाव करने के लिए डॉक्टर आपके लिए एंटीबायोटिक्स की खुराक निर्धारित कर सकते हैं।
सर्जरी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले, सर्जन आपको रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में शिफ्ट करेंगे। जहां पर रेडियोलॉजिस्ट सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे के जरिए किडनी तक सर्जन पहुंच बनाएंगे। इस प्रक्रिया के दौरान लोकर एनेस्थीशिया का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दौरान आप पूरी तरह से होश में रहेंगे, लेकिन आपको कुछ भी एहसास नहीं होगा। इसके बाद सर्जरी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आपको ऑपरेशन रूप में शिफ्ट किया जाएगा।
जनरल एनेस्थीशिया के प्रभाव में सर्जन ऑपरेशन रूम में किडनी को एक्सेस करेंगे। इस दौरान, सर्जन आपके मूत्राशय के माध्यम से आपकी किडनी में एक ट्यूब डालेंगे और किडनी में एक छेद बनाने के लिए एक्स-रे इमेजिंग का उपयोग करेंगे, ताकि किडनी से स्टोन को हटाया जा सके। अगर किडनी स्टोन आकार में बहुत बड़े हैं, तो सर्जन को एक से अधिक छेद भी कर सकते हैं।
जब डॉक्टर को किडनी स्टोन तक पहुंच बना लेते हैं, तो गुर्दे में एक शीथ रखेंगे और एक विशेष उपकरण की मदद से स्टोन को तोड़ेंगे। जब टुकड़े काफी छोटे हो जाएंगे, तो डॉक्टर उन्हें किडनी से बाहर निकाल लेंगे। इसकी प्रक्रिया पूरी होने पर सर्जन गुर्दे में ड्रेनेज ट्यूब छोड़ सकते हैं।
इसके बाद किडनी स्टोन के टुकड़े का विश्लेषण करने या संक्रमण की जांच करने के लिए इसे लैब भेज सकते हैं।
सर्जरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक या दो दिनों के लिए अस्पताल में ही रहना पड़ सकता है। इसके अलावा दो से चार हफ्तों तक डॉक्टर आपको भारी-भरकम सामानों को उठाने से मना कर सकते हैं। अगर आप काम-काजी हैं तो सर्जरी होने के एक हफ्ते बाद ऑफिस जा सकते हैं।
अगर सर्जन ने आपकी किडनी में ड्रेनेज ट्यूब डाला हुआ है, तो आपको इसका ध्यान रखना होगा कि इसमें खून आ रहा है या नहीं। अगर आपको इस ट्यूब में या मूत्र में खून की मोटी परत या खून के थक्के दिखाई दे, तो इमरजेंसी डिपार्टमेंट से तुरंत चिकित्सक सहायता प्राप्त करें।
अगर आपको बुखार या ठंड लगती है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ये संकेत संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मूत्र और रक्त परीक्षण और एक्स-रे की सिफारिश कर सकते हैं या आपको आपातकालीन विभाग में शिफ्ट कर सकते हैं। अगर सर्जरी के बाद आपको दर्द होता है जो दर्द निवारक दवा के इस्तेमाल से दूर नहीं हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आपके डॉक्टर या सर्जन से इस बारे में बात करें।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें : Heart Valve Replacement : हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट क्या है?
लंबे समय तक बिस्तर पर बैठे या लेटे रहने से बचें।
नेफ्रॉस्टोमी ट्यूब को साफ करने का तरीकाः
अगर दर्द, बुखार, ठंड लगने या मवाद बहने की स्थिति हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर को कॉल करें।हालांकि, सर्जरी के 1 से 2 हफ्तों के बाद या आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार यूथ्रेला स्टेंट को हटाया जा सकता है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर जानकारी लें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar