कोराेना आने के बाद बहुत कुछ बदल गया है। हमने शायद सपने भी नहीं सोचा होगा कि डॉक्टर 6 फुट दूर से पेशेंट को देखेंगे या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमें डॉक्टर्स से बात करनी पड़ेगी, लेकिन कोरोना की वजह से ये सब संभव हो चुका है। ऐसे में रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस पेशेंट और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स दोनों के लिए तारणहार बनकर समाने आई हैं। इनके जरिए डॉक्टर मरीजों की कहीं से भी मॉनिटरिंग करके उनकी देखभाल कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए मरीजों को हॉस्पिटल या क्लिनिकल विजिट की जरूरत भी नहीं रहती। ये सर्विसेस पेशेंट और डॉक्टर्स दोनों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक हैं। आपको बता दें कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने इन सर्विसेस की शुरुआत करोना से पहले ही कर दी थी। उनमें से एक विगोकेयर (Vigocare) के फाउंडर और सीईओ डॉक्टर शेखर चेन्नुपति। 2018 में पेशेंट रिमोट मॉनिटरिंग सर्विसेस की शुरुआत करने वाले डॉक्टर शेखर इस टेक्नीक के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही हैलो स्वास्थ्य ने उनसे यह भी जानने की कोशिश की इस टेक्नीक के फायदे और चुनौतियां क्या हैं?
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Q1. रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस को शुरू करने के लिए आपको किसने प्रेरित किया और इस महामारी के बाद कैसे यह एक उद्योग बन गया?
मैं कई वर्षों से हेल्थकेयर इकोसिस्टम का हिस्सा रहा हूं। मेरी जर्नी की शुरुआत स्टूडेंट के तौर पर हुई थी। मैंने सर्जन और फिर एक हेल्थकेयर ऑन्ट्रप्रेन्योर के तौर पर साल दर साल धीरे-धीरे प्रोग्रेस की। एक हेल्थकेयर प्रोफेशनल के रूप में मुझे एक केयरगिवर की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में अच्छी तरह से पता था। साथ ही पर्सनल फ्रंट पर मैं एक पेशेंट के दृष्टिकोण को भी जानता था, लेकिन यह तब तक नहीं था जब तक कि परिवार के किसी करीबी सदस्य को इमिडिएट मेडिकल इंटरवेशन की आवश्यकता नहीं पड़ी। जिसने मुझे एक कंज्यूमर की तरह सोचने के लिए मोटिवेट किया।
यह विगोकेयर की शुरुआत के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु साबित हुआ क्योंकि मैं एक ऑन्ट्रप्रेन्योर के तौर पर कंज्यूमर्स को एक क्विक और सॉल्यूशन ओरिएंटेड प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहता था। जिससे उन्हें टॉप मेडिकल ग्रेड केयर मिले जो ना सिर्फ उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करे बल्कि उनका स्वास्थ्य भी।
विगोकेयर के द्वारा हमारा उद्देश्य हेल्थकेयर को कंज्यूमर्स के पास ले जाना है। 2018 के अंत में इसकी शुरुआत के बाद से, हम एक टीम के रूप में अपने कंज्यूमर्स के जीवन को आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग प्लेटफार्म का महत्व अब और भी अधिक है क्योंकि इससे हॉस्पिटल विजिट करने की जरूरत नहीं रह जाती है और ये प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति अपने घरों में आराम से देखभाल प्राप्त कर सके। इससे न केवल कंज्यूमर्स को लाभ मिलता है, बल्कि हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को भी इंफेक्शन का खतरा कम होता है। रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस हेल्थकेयर का भविष्य है।
Q2. क्या आप डिजिटल यूजर्स के लिए ई-हेल्थकेयर के बेनिफिट्स बता सकते हैं?
ई- हेल्थकेयर एक सेक्टर के रूप में कंज्यूमर और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स दोनों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। आज का मॉर्डन कंज्यूमर टेक-प्रेमी, डिजिटली सक्षम है और ई-स्वास्थ्य सेवाएं एक प्लेटफॉर्म है जो डॉक्टरों और पेशेंट को एकजुट करके उन्हें आपस में कनेक्ट करता है। जहां पेशेंट की बिना किसी परेशानी के पूरी मॉनिटरिंग की जाती है ताकि उनकी बीमारी से बेहतर रिकवरी सुनिश्चित हो सके। आपको बता दें कि इस तरह की टेक्नीक डॉक्टरों को पेशेंट के ट्रेंड पैटर्न को समझने में मदद करती है और समय पर निर्णय लेने के लिए उन्हें इम्पावर बनाती है, जो कि पेशेंट की देखभाल और रिकवरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
Q3. भारत जैसे आबादी वाले देश में इस महामारी के दौरान ई-हेल्थकेयर का क्या महत्व है?
वैश्विक महामारी के प्रकोप ने लोगों को बहुत चिंतित कर दिया है। COVID-19 वायरस का शुरुआती समय काफी मुश्किलों भरा था क्योंकि चिकित्सा सुविधाओं को दो तरह के लोगों के बीच बांटने में संघर्ष करना पड़ा। एक जो जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत थी और एक वो जिन्हें इसकी जरूरत नहीं थी। सप्लाई और डिमांड के बीच के इस गैप ने ई-हेल्थकेयर प्लेटफार्मों को कंज्यूमर्स के लिए आवश्यक बना दिया है। ई-हेल्थकेयर का फायदा दोनों तरफ से है क्योंकि यह पेशेंट और डॉक्टरों/ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। Vigocare जैसे रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सॉल्यूशन घर से पेशेंट को मॉनिटर करने में मदद कर सकते हैं और केवल क्रिटिकल सिचुएशन होने पर ही उन्हें हॉस्पिटल आने या एडमिट होने की सलाह देते हैं।
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Q4. इस डिजिटल युग में, ई-हेल्थकेयर सेक्टर के सामने क्या कठिनाइयां आती हैं और आप इनका सामना कैसे करते हैं?
हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स ज्यादातर ई-हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म पर कंसल्टिंग के दौरान अपने पेशेंट के साथ क्लिनिक ग्रेड इंफॉर्मेशन को पहुंचाने के लिए संघर्ष करते हैं। जबकि एक्चुअल हॉस्पिटल विजिट के दौरान वे पेशेंट को फिजिकल एक्जामिन कर सकते हैं। विगोकेयर एक कनेक्टेड केयर प्लेटफॉर्म है जो मेडिकल IoT का उपयोग कर पेशेंट के रियल वाइटल को कैप्चर करता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके उसका एनालिसिस करता है, जो कि पूरी तरह क्लीनिक ग्रेड और क्लाउड बेस्ड होता है। विगोकयर के पास कंडिशन स्पेसिफिक सिम्पटम चेकर भी है जो कि यह चेक करता है कि एक पर्टिकुलर टाइम पर पेशेंट कैसा फील कर रहे हैं। इस प्रॉसेस के द्वारा डॉक्टर्स के पास डायग्नोसिस के लिए ऐसा डेटा पहुंचता है जो कि रिलेवेंट होता है।
Q5. आप उन लोगों के लिए जो टेक सेवी नहीं है जैसे कि बुजुर्ग और टियर 2 और 3 सिटीज के लोगों के लिए ई-हेल्थकेयर को कैसे आसान बना रहे हैं?
विगोकेयर (Vigocare) डिजिटली एडवांस्ड है, लेकिन यह इस तरह से बनाया गया है जो पूरी तरह यूजर्स फ्रेंडली और उनके लिए कंपेटेबल रहे। हम ऐप के जरिए यूजर्स को नेविगेट करने में मदद के लिए 24/7 कमांड सेंटर सेवाएं प्रदान करते हैं। हमारे सर्विस रेप्रिजेंटेटिव अपनी डिवाइस से रिमोटली लॉग इन करके पेशेंट की मदद सकते हैं, उन्हें सलाह दे सकते हैं और उनसे जुड़े रह सकते हैं। Vigocare में, हम ऐसी सर्विसेस प्रोवाइड करना चाहते हैं जो डायग्नोसिस और सॉल्यूशन के मामले में मेडिकल ग्रेड की हों और साथ ही साथ यूजर्स नेविगेशन के मामले में यूज करने में आसान हों।
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Q6. विगोकेयर की यूएसपी क्या है और ये अपने कॉम्पटीटर्स से कैसे अलग है?
हमारा एलर्टिंग इंजन सिचुएशन की सीरियनेस के आधार पर हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और पेशेंट को अर्ली वॉर्निंग एलर्ट्स और एक्शनेबल इनसाइट्स प्रोवाइड करता है। इससे डॉक्टर्स पर डेटा का ज्यादा बोझ नहीं आता बल्कि वे पेशेंट के वाइटल्स को आसानी से मॉनिटर करते हैं और किसी प्रकार की कोई इमरजेंसी होने पर तुरंत एक्शन लेते हैं। जबकि एक्शन और एलर्ट क्लीनिकल-ग्रेड के होते हैं वहीं सर्विसेस कंज्यूमर-ग्रेड की होती हैं जो कस्टमर्स को यूज करने में आसान होती हैं। यहां पर कस्टमर्स और डॉक्टर्स दोनों के लिए किसी प्रकार के अपफ्रंट इंवेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती, जो इन सर्विसेस को अफोर्डेबल और एक्सेसेबल बनाती है। विगोकेयर एक ऐसा रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म है जो हेल्थकेयर को कंज्यूमर्स के पास लाने में मदद करता है।
तो अब तो आप समझ ही गए होंगे कि रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस किस तरह पेशेंट और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के लिए वरदान बन गई हैं। इन सर्विसेस ने मरीजों और डॉक्टर्स दोनों की लाइफ को आसान बना दिया है। हालांकि डॉक्टर के पास बैठकर अपनी परेशानियां बताना और उनका हल जानना अपने आप में एक अलग सेटिस्फेक्शन देता है लेकिन, आज की जरूरत रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस ही हैं।
उम्मीद हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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