कोराेना आने के बाद बहुत कुछ बदल गया है। हमने शायद सपने भी नहीं सोचा होगा कि डॉक्टर 6 फुट दूर से पेशेंट को देखेंगे या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमें डॉक्टर्स से बात करनी पड़ेगी, लेकिन कोरोना की वजह से ये सब संभव हो चुका है। ऐसे में रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सर्विसेस पेशेंट और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स दोनों के लिए तारणहार बनकर समाने आई हैं। इनके जरिए डॉक्टर मरीजों की कहीं से भी मॉनिटरिंग करके उनकी देखभाल कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए मरीजों को हॉस्पिटल या क्लिनिकल विजिट की जरूरत भी नहीं रहती। ये सर्विसेस पेशेंट और डॉक्टर्स दोनों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक हैं। आपको बता दें कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने इन सर्विसेस की शुरुआत करोना से पहले ही कर दी थी। उनमें से एक विगोकेयर (Vigocare) के फाउंडर और सीईओ डॉक्टर शेखर चेन्नुपति। 2018 में पेशेंट रिमोट मॉनिटरिंग सर्विसेस की शुरुआत करने वाले डॉक्टर शेखर इस टेक्नीक के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही हैलो स्वास्थ्य ने उनसे यह भी जानने की कोशिश की इस टेक्नीक के फायदे और चुनौतियां क्या हैं?