परिचय
लौंग (Clove) का पौधा एशिया और साउथ अमेरिका में उगाया जाता है। यह एक सुगंधित पौधा है, जिसके सूखे फूल की कलियां, तेल, पत्तियां और डंठल को दवाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लौंग का बोटैनिकल नाम सियाजियम ऐरोमेटिकम (Syzygium aromaticum) है, जो कि माइरटेसी (Myrtaceae) फैमिली से आता है।
लौंग के अंदर फाइबर, विटामिन और मिनरल होते हैं। इसलिए लौंग को खाने में फ्लेवर एड करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिससे पोषण को भी लाभ मिलता है।
लौंग को आमतौर पर मसूड़ों के दर्द, दंत चिकित्सा के दौरान होने वाले दर्द और अन्य दांतों की समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अभी इसके प्रभाव को लेकर कुछ ही वैज्ञानिक रिसर्च की गई हैं। दूसरी तरफ, लौंग को खाने और ड्रिंक्स में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
लौंग को टूथपेस्ट, साबुन, कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम और सिगरेट के निर्माण में भी इस्तेमाल किया जाता है। क्लोव (लौंग) सिगरेट में सामान्यतः 60 से 80 प्रतिशत तक तंबाकू और 20 से 40 प्रतिशत तक लौंग होता है।
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उपयोग
लौंग का उपयोग किस लिए किया जाता है?
लौंग का इस्तेमाल निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है –
- इसका उपयोग पेट की खराबी और कफ या बलगम को शरीर से निकालने के लिए किया जाता है।
- लौंग के तेल का उपयोग दस्त, हर्निया और सांसों की बदबू दूर करने के लिए किया जाता है।
- लौंग और लौंग के तेल का उपयोग आंतों की गैस, मतली और उल्टी के लिए किया जाता है।
- दांत दर्द के लिए, दांतों के इलाज के दौरान दर्द रोकने के लिए लौंग को मसूड़ों पर सीधा लगाया जाता है।
- इसका उपयोग त्वचा की सतह पर जलन या दर्द और मुंह और गले की सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है।
- दूसरे पदार्थों के साथ मिलकर लौंग मर्दों की शीघ्रपतन की समस्या में भी कारगर सिद्ध हो सकती है।
- इसका उपयोग टूथपेस्ट, साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, सेंट और सिगरेट में किया जाता है।
- लौंग के सुगंधित गुणों के कारण शरीर पर इसका तेल या क्लोव ऑयल जेल को लगाने से मच्छर दूर रहते हैं।
यह कैसे काम करता है?
लौंग की एक बड़ी चम्मच (2 ग्राम) में निम्नलिखित चीजें होती हैं-
- कैलोरी- 21
- कार्ब्स- 1 ग्राम
- फाइबर– 1 ग्राम
- मैंगनीज- आरडीआई का 30%
- विटामिन K – आरडीआई का 4%
- विटामिन C – आरडीआई का 3%
फायबर कब्ज की समस्या को दूर करता है और विटामिन सी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन के ब्लड क्लॉटिंग के लिए काफी जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। दूसरी तरफ मैंगनीज दिमागी प्रक्रिया और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए एक जरूरी मिनरल होता है।
इन सभी बातों के अलावा लौंग में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन ई की भी थोड़ी बहुत मात्रा होती है। लौंग में इन पोषक तत्वों के साथ एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से क्रोनिक डिजीज होने की आशंका रहती है। लौंग में यूजनोल (Eugenol) नामक नैचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जो इस स्थिति को विकसित होने से रोकता है।
वैसे इस बात पर अभी कम अध्ययन हुआ है कि यह कैसे काम करता है, इसलिए इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
हालांकि, कुछ अध्ययन हैं जो दिखाते हैं कि लौंग प्रोस्टाग्लैंडीन संश्लेषण, साइडोऑक्सीजिनेज और लाइपोक्सिजेनेज को बाधित करता है। लौंग में पाया जाने वाला एक रासायनिक घटक, यूजेनॉल एनेस्थेटिक एक्शन और रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं को शरीर से खत्म करता है।
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लौंग के फायदे
एंटीऑक्सीडेंट्स से युक्त: लौंग में कई विटामिन और खनिज पदार्थ होने के अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स वो यौगिक होते हैं जो शरीर में दीर्घकालिक बीमारियों के विकास में भूमिका निभाने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है।
लौंग में एगूनोल नामक यौगिक भी होता है जिसे नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए देखा गया है।
यहां तक कि एक टेस्ट ट्यूब स्टडी में एगूनोल को फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने में विटामिन ई से ज्यादा प्रभावशाली है। अन्य एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों के साथ लौंग को अपने आहार में शामिल करने से आपकी सम्पूर्ण सेहत में सुधार होगा।
कैंसर से बचाव
कुछ रिसर्च में सामने आया है कि लौंग में पाए जाने वाले यौगिक कैंसर को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि लौंग का अर्क ट्यूमर को बढ़ने से रोकने और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद कर सकता है।
वहीं एक अन्य अध्ययन में भी पाया गया कि भोजन नली के कैंसर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में लौंग का तेल असरकारी है। लौंग के एगूनोल में एंटीकैंसर गुण पाए गए हैं।
एक और स्टडी में पाया गया कि एगूनोल सर्विकल कैंसर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें की उपरोक्त टेस्ट ट्यूब अध्ययनों में बहुत ही संतुलित मात्र में लौंग के अर्क, लौंग के तेल और एगूनोल का इस्तेमाल लिया गया था।
अधिक मात्रा में एगूनोल लेने और लौंग के तेल के ओवेरडोज के कारण खासतौर पर बच्चों में लीवर डैमेज हो सकता है। अभी इस दिशा में और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
बकटेरिया का खात्मा
लौंग में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए गए हैं। इसका मतलब है कि लौंग बकटेरिया जेसे जीवाणुओं को बढ़ने से रोकता है। एक टेस्ट ट्यूब में सामने आया है कि लौंग का एसेंशियल ऑइल बकटेरिया के तीन आम प्रकारों को नष्ट कर सकता है।
लौंग के एंटीबकटीरियाल गुण ओरल हेल्थ को भी ठीक रखने में मदद कर सकते हैं। एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन में लौंग के अर्क में मौजूद यौगिकों को मसूड़ों की बीमारियां पैदा करने वाले दो प्रकार के बकटेरिया को रोकने में असरकारी है।
एक अन्य अध्ययन में 40 लोगों को टी ट्री ऑइल, लौंग और तुलसी के तेल को हर्बल माउथवॉश के रूप में असरकारी पाया गया है।
21 दिनों तक इस माउथवॉश के इस्तेमाल के बाद मसूड़ों की सेहत में सुधार आया और मुंह में प्लाक और बकततिर्य काम हुआ। रोज दांतों को ब्रश करने और ओरल हाइजीन का ध्यान रखने से लौंग के एंटीबेक्टीरियल प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
लीवर की सेहत में सुधार
अध्ययनों में सामने आया है कि लौंग के यौगिक लीवर को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। लौंग में मौजूद एगूनोल लीवर के लिए खासतौर पर लाभकारी होता है। पशुओं पर किए गए अध्ययन में फैटी लीवर डिजीज से ग्रस्त चूहों को लौंग के तेल या एगूनोल से युक्त मिश्रण दिया गया।
दोनों ही मिश्रणों को लीवर के कार्य में सुधार, सूजन में कमी और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में असरकारी था।
पशुओं पर किए गए अध्ययन में सामने आया है कि लौंग में मौजूद एगूनोल लीवर सिरोसिस के लक्षणों को ठीक करने या लीवर में स्कार को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, मनुष्यों पर लौंग और एगूनोल के लीवर पर लाभकारी प्रभाव डालने को लेकर अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
हालांकि, एक छोटे से अध्ययन में पाया गया है कि एक सप्ताह तक एगूनोल सप्लीमेंट लेने से ग्लूटाथिओन-एस-ट्रांसफेरस के स्तर में कमी आई। यह एंजाइम लीवर को खराब करता है।
लौंग में एंटीऑक्सीडेंट्स उच्च मात्र में होते हैं जो कि लीवर डिजीज से बचाने में मदद कर सकता है। एगूनोल को अधिक मात्रा में लेना सही नहीं होता है। एक अध्ययन के मुताबिक एक 2 साल के लड़के को 5 से 10 मिली लौंग का तेल देने की वजह से लीवर डैमिज हो गया था।
सावधानियां और चेतावनी
लौंग का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
लौंग का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
1. यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं – गर्भवती या स्तनपान कराने की स्थिति में किसी भी आहार या दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक, फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से जरूर परामर्श करें, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
2. यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं – इसमें आपके द्वारा ली जा रही कोई भी दवा शामिल हो सकती है, जो बिना डॉक्टर के पर्चे के साथ व गैर पर्चे खरीदी जा सकती हैं।
3. यदि आपको लौंग, अन्य दवाओं या जड़ी बूटियों के किसी भी पदार्थ से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
4. यदि आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या चिकित्सा संबंधी बीमारियां हैं तो भी लौंग का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
5. यदि आपको किसी अन्य प्रकार की एलर्जी है, जैसे कि खाद्य पदार्थ, डाई, डिब्बा बंद चीजें या जानवर से।
लौंग को ठंडी, सूखी जगह पर रखें। इसे गर्मी और नमी से दूर रखें। आपको लौंग के तेल को खाने के तेल में मिलाकर पतला करना चाहिए।
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं, जितने कि अंग्रेजी दवा के। सुरक्षा के लिहाज से अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। हर्बल सप्लीमेंट से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को भी समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात कीजिए।
लौंग कितनी सुरक्षित है?
अभी इससे जुड़े अधिक वैज्ञानिक शोध करने की जरूरत है। इसलिए विश्वसनीय प्रमाण मिलने से पहले प्रेग्नेंट महिला या स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए लौंग या लौंग से बनी चीजों का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जा सकती है।
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साइड इफेक्ट्स
लौंग से मुझे किस तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
लौंग के कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं:
- अवसाद, दौरे
- टिश्यू की जलन
- त्वचा की जलन
- मांसपेशियों में ऐंठन
जरूरी नहीं कि दिए गए साइड इफेक्ट का ही आपको सामना करना पड़े। यह दूसरे प्रकार के भी हो सकते हैं, जिन्हें यहां शामिल नहीं किया गया है। अगर आपको साइड इफेक्ट को लेकर कोई शंका है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
लौंग के साथ किस दवा का इंटरैक्शन हो सकता है?
यह आपकी दवाओं और मेडिकल कंडीशन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
लौंग ब्लड क्लॉट को धीमा करने वाली दवाओं जैसे एंटीकोआगुलेंट/ एंटीप्लेटलेट ड्रग्स के साथ मिलकर शरीर पर विपरीत असर डाल सकती है।
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मात्रा/डोसेज
लौंग की सामान्य खुराक क्या है?
हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग होती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपनी उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्धता
लौंग किस रूप में आती है?
लौंग निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकती है:
- कच्ची लौंग
- लौंग का तेल
- क्लोव ऑयल जेल
- सिगरेट
- माउथवॉश
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