परिचय
मेलाटोनिन (Melatonin( क्या है?
मेलाटोनिन (Melatonin) एक तरह का प्राकृतिक हॉर्मोन है, जो हमारे शरीर में स्रावित होता है। मेलाटोनिन बायोलॉजिकल क्लॉक को दुरुस्त रखता है। मनुष्य के सोने-जागने की साइकिल को मेलाटोनिन नामक हॉर्मोन नियंत्रित करता है। आसान शब्दों में कह सकते हैं कि मेलाटोनिन बताता है कि हमारे सोने का वक्त हो गया है। ये हॉर्मोन दवाओं के रुप में भी पाया जाता है। लेकिन, भारत में ये दवा बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं मिलती है। डॉक्टर ये दवाएं अनिद्रा के से पीड़ित लोगों को देते हैं। इसके साथ ही जिनकी बायोलॉजिकल साइकिल अव्यवस्थित हो जाती है। उन्हें ये हॉर्मोन दवाओं के रूप में दिया जाता है।
मेलाटोनिन कैसे काम करता है?
मेलाटोनिन का मुख्य काम दिन और रात के चक्र को नियंत्रित करना है। रात के समय मानव का शरीर ज्यादा मात्रा में मेलाटोनिन हॉर्मोन का स्रावण करता है। जिससे शरीर को सोने का सिगनल मिलता है। वहीं, दिन की रोशनी इस हॉर्मोन को कम स्रावित करती है। जिसके कारण इंसान को दिन में नींद न के बराबर आती है। लेकिन, कुछ लोगों में इसका स्रावण जब रात में भी नहीं होता है तो उन्हें अनिद्रा की शिकायत हो जाती है। ऐसे लोगों को ये सप्लीमेंट के रूप में देते हैं।
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उपयोग
मेलाटोनिन का उपयोग किस लिए किया जाता है?
इसका ज्यादातर उपयोग नींद के लिए किया जाता है, जिससे इंसान का बायोलॉजिकल क्लॉक नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा इसके और भी उपयोग हैं।
24 घंटे के जागने सोने के अनियमितता में : नेत्रहीन लोगों को जब नींद नहीं आती हैं और उन्हें 24 घंटे जागने सोने संबंधी डिसॉर्डर हो जाता है।
अनिद्रा (insomnia) या देर से नींद आने में समस्या : ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने से नींद आने में कुछ लोगों को दिक्कत होती है। इससे उन्हें अनिद्रा की शिकायत होती है। जिसमें इस हॉर्मोन की कमी हो जाती है। तो सप्लीमेंट के रूप में मेलाटोनिन दिया जाता है।
विमान यात्रा से हुई थकान में (Jet Lag) : यात्रा के दौरान आने वाली नींद के लिए भी यही हॉर्मोन जिम्मेदार होता है। वहीं, यात्रा के दौरान हुई थकान को भी यही हॉर्मोन दूर करता है।
गर्भाशय में होने वाले दर्द में (Endometriosis) : अगर महिला रोज आठ हफ्तों तक लगातार मेलाटोनिन का सेवन करती है तो उसके गर्भाशय (uterus) में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
सर्जरी से पहले होने वाली चिंता को कम करने में : सर्जरी से पहले होने वाली चिंता (Anxiety) को कम करने के लिए डॉक्टर इसे दवा के रूप में देते हैं। डॉक्टर इसे जीभ के नीचे रखने के लिए देते हैं। जिससे मरीज की चिंता कम होती है।
सनबर्न से राहत पहुंचाए : इससे बने जेल का प्रयोग करने से सनबर्न से राहत मिलती है। जिनकी त्वचा ज्यादा सेंसटिव होती है, उनके लिए ये जेल कम कारगर होता है।
कैंसर के इलाज में : कीमोथेरेपी के दौरान इस हॉर्मोन का सप्लीमेंट कैंसर या ट्यूमर को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा अन्य समस्याओं में भी मेलाटोनिन का उपयोग किया जाता है :
- मांसपेशियों और मसूड़ों के दर्द में
- रक्त में प्लेटलेट्स की कमी में (thrombocytopenia)
- डिमेंशिया में (dementia)
- डिप्रेशन में (Depression)
- एथलिट्स की परफॉर्मेंस बढ़ाने में
- आंखों की रोशनी बढ़ाने में
- ग्रोथ हॉर्मोन के लेवल को बढ़ाने में
- मानसिक स्थित को दुरुस्त रखने में
- क्रॉनिक फटीग डिसऑर्डर में
- एक्जिमा में
- प्रॉस्टेट के बढ़ने पर
- सांस संबंधी समस्याओं में
- माइग्रेन में
- मिरगी में (epilepsy)
- खट्टी डकार में (Indigestion)
- मेनोपॉज में (Menopause)
- हार्ट अटैक (Heart Attack)
- ब्रेन डैमेज (Brain Damage)
- लिवर में सूजन
- रक्त में संक्रमण (sepsis)
- एजिंग (Aging)
- गर्भनिरोध (Birth control)
- हड्डियों संबंधी रोगों में
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सावधानियां और चेतावनी
मेलाटोनिन का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
इसका उपयोग एलर्जिक लोगों को कतई नहीं करनी चाहिए। इसका या इससे संबंधित संप्लीमेंट्स का प्रयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। इसके अलावा आपको कुछ परेशानियों या बीमारियों की दवाओं के साथ इसका उपयोग नहीं करना चाहिए –
- डिप्रेशन
- डायबिटीज
- हिमोफिलिया
- ब्लड प्रेशर
- मिर्गी
- अगर आपने अपना अंग प्रत्यारोपण कराया है तो इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं।
इसके अलावा गर्भावस्था या स्तनपान कराने के दौरान भी इसका उपयोग सही नहीं है। इसके ज्यादा उपयोग से आपको गर्भवती होने में भी समस्या हो सकती है। वहीं, बच्चे हो या बड़े सभी को इस हॉर्मोन सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। हमने पहले भी बताया है कि ये बिना डॉक्टर के परामर्श के आपको बाजार में नहीं मिलेंगी।
मेलाटोनिन कितना सुरक्षित है?
मेलाटोनिन का उपयोग कम समय के लिए सुरक्षित है। लेकिन, लंबे समय के लिए अगर इसका उपयोग करना है तो कई तरह के साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं। मेलाटोनिन का ज्यादा डोज लेने से कमजोरी, बुरे सपने आना, सिरदर्द, तनाव और चिंता, भूख न लगना, डायरिया, पेट दर्द, ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना, पीठ व जोड़ों में दर्द, मिरगी आदि की समस्या हो सकती है।
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साइड इफेक्ट्स
इससे मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
मेलाटोनिन के साइड इफेक्ट होते हैं। वो भी तब जब आप इसे लगातार और हाई डोज में ले रहे हैं।
- भूख नहीं लगती है
- पेट और सिर में दर्द होता है
- पीठ में दर्द होता है
- जोड़ों में दर्द होता है
- दिन में नींद आना और आलसपन महसूस होना
- चक्कर आना
- डिप्रेशन का शिकार होना
प्रभाव
इसके साथ मुझ पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
आपको कभी भी इन दवाओं के साथ मेलाटोनिन का प्रयोग नहीं करना चाहिए –
- एंटी डिप्रेशन दवाओं के साथ
- गर्भनिरोधक गोलियां
- कैफीन
- एंटीडायबिटीज दवाएं
- रक्त न जमने की दवाएं (Anticoagulant drugs)
- आईबुप्रोफेन (Ibuprofen)
- एस्पिरिन (Aspirin)
- मछली के तेल के साथ
- विटामिन बी-12, बी-6, सी और डी-3 के साथ
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खुराक
मेलाटोनिन की सही खुराक क्या है?
प्रतिदिन की खुराक में मेलाटोनिन सिर्फ 0.3 से 0.10 मिलीग्राम ली जा सकती है। लेकिन, फिर भी इसकी खुराक लेने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात कर लेनी चाहिए। क्योंकि मेलाटोनिन की खुराक अलग-अलग समस्याओं में अलग-अलग होती है। वहीं, जेट लैग में यही मात्रा 0.3 से 0.5 मिलीग्राम हो जाती है।
उपलब्ध
मेलाटोनिन किन रूपों में उपलब्ध है?
मेलाटोनिन शरीर में पाए जाने के साथ ही सिंथेसाइज कर के सप्लीमेंट के रूप में बाजार में मिलता है।
- टैबलेट्स
- जेल
- इंजेक्शन
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