एंटी-एंग्जायटी दवाईयां जैसे बेंजोडाइजेपाइन (benzodiazepines): यह एंग्जायटी, पैनिक और चिंता को दूर करती हैं और दिमाग को शांत रखने में मदद करती है। डॉक्टर इन दवाइयों को कम समय के लिए देते हैं। समय के साथ इसे ग्रेजुअली बंद किया जाता है। एंटीडिप्रेसेंट्स: यह दवाईयां मूड स्विंग को कम करने और स्ट्रेस को घटाने में लाभदायक मानी जाती है। बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers): इन दवाइयों का प्रयोग आमतौर पर हाय ब्लड प्रेशर की स्थिति में किया जाता है। लेकिन, यह एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के शारीरिक लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी मानी जाती है। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति, उम्र और अन्य शारीरिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सही दवाइयों के मेल और खुराक आपको दे सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना इसकी डोज में बदलाव न लाएं। इसके साथ ही डॉक्टर आपको लगातार मॉनिटर करेंगे ताकि वे जान सकें कि इन दवाइयों का आपको कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है।
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एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के उपचार (Treatment of anxiety disorders) के लिए सायकोथेरेपी
सायकोथेरेपी या काउन्सलिंग आपको बीमारी के प्रति अपनी भावनात्मक प्रतिक्रिया से निपटने में मदद करता है। इसमें मेन्टल हेल्थ प्रोवाइडर आपकी तकलीफ को बेहतर ढंग से समझने और उसके उपचार के बारे में बात करेंगे। सायकोथेरेपी में आप काउंसलर से बात कर अपनी परेशानियों का हल ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं। सायकोथेरेपी में काउंसलर आपसे बात करके और अलग-अलाव टेक्नीक के जरिए, आपके मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और लगातार लगनेवाले भय को कंट्रोल में लाने का प्रयत्न करते हैं। इस तरह कुछ समय में आप खुद को पहचान कर अपने आप में बदलाव लाने का सकारात्मक प्रयास करने लगते हैं।
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) में ऑल्टरनेटिव थेरेपी – कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioural therapy)
एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) को ठीक करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी ली जा सकती है। इससे उन विचारशील पैटर्न और बिहेवियर को समझने में मदद मिलेगी, जो परेशानी का सबब बन रही भावनाओं को जन्म देती हैं। जिससे आप उन्हें दूर कर सकते हैं। आपके थेरेपिस्ट एक्सपोज़र थेरेपी के साथ रिलैक्सेशन व्यायाम की सलाह भी दे सकते हैं।
एंग्जायटी डिसऑर्डर के दौरान खानपान (Diet during anxiety disorder) कैसा होना चाहिए?
कई लोगों के लिए एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) होना एक सामान्य समस्या है। यह समस्या लगातार परेशानी, चिंता या पुअर ब्रेन हेल्थ से जुड़ी हो सकती है। इसके लिए दवाइयों के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल का होना भी जरूरी है। लेकिन, इसके साथ ही आपको अपने खान पान का भी ध्यान रखना चाहिए। आपको कुछ खास चीजों को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए, जैसे:
एंटीऑक्सीडेंटस (Antioxidant)
ऐसे कई एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो स्ट्रेस में आराम दिलाने में सहायक हैं। इन एंटीऑक्सीडेंटस को आप मेवों, बीन्स, अखरोट या हरी सब्जियों से पा सकते हैं।
पालक (Spinach)
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होता है। मैग्नीशियम आपको शांत महसूस कराने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही आपको इससे पर्याप्त मिनरल्स भी मिलते हैं।
ओटमील (Oatmeal)
ओट्स कॉम्प्लेक्स कार्ब्स हैं, जिससे ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही यह दिमाग में सेरोटोनिन नामक एक मस्तिष्क रसायन को बढ़ावा भी देता है, जो आपके मूड को बेहतर करने में मददगार है।
डार्क चॉकलेट (Dark chocolate)
कोको में मौजूद फ्लैवोनॉइडस सेल्स की रक्षा करता है। यह एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने, दिमाग व दिल में ब्लड फ्लो को बढ़ाने और चिंता कम करने का काम करता है। लेकिन, डार्क चॉकलेट की कम मात्रा लेना ही बेहतर है।
खट्टे फल (Citrus fruits)
खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि में विटामिन सी होता है जो एंग्जायटी में लाभदायक होते हैं।
ग्रीन टी (Green tea)
एंग्जायटी को दूर करने में ग्रीन टी भी लाभदायक है। इनमे कामिंग इफेक्ट (calming effect) होता है, जो रोगी को शांत करने में सहायक हैं।
डेयरी उत्पाद (Dairy Product)
डेयरी उत्पाद सभी आवश्यक अमीनो एसिड के साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन प्रदान करते हैं। यह न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और सेरोटोनिन का उत्पादन करते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने की क्षमता रखते हैं।
इसके अलावा हमेशा अपने आहार को ऐसा रखें, जो जल्दी पच जाए। अधिक भारी, मिर्च-मसाले, तले-भुने या जंक फूड को खाने से बचे। इसके साथ ही जितना अधिक हो सके पानी पीएं।